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घूस लेते धरा गया बेसिक शिक्षा विभाग का लिपिक
ब्यूरो अमर उजाला/बांदा
Updated Thu, 10 Mar 2016 12:28 AM IST
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पुलिस के शिकंजे में लिपिक नंदकिशोर यादव।
- फोटो : अमर उजाला
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बांदा। झांसी से आई एंटी करप्शन टीम ने बुधवार को बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय के लिपिक को घूस लेते दबोच लिया। कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद टीम उसे लेकर लखनऊ रवाना हो गई। वह प्रोन्नत वेतनमान लगाने के लिए अध्यापक से 15 हजार रुपये ले रहा था।
आदर्श बाल निकेतन जूनियर हाईस्कूल के सहायक अध्यापक कैलाश प्रसाद गौतम को प्रोन्नत वेतनमान दिए जाने का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में चला। 20 फरवरी को हाईकोर्ट ने उनकी नियुक्ति को वैध बताते हुए प्रोन्नत वेतनमान देने के आदेश दिए।
हाईकोर्ट के आदेश की प्रति उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय के लेखाकर लिपिक नंदकिशोर यादव को दी। सहायक अध्यापक के मुताबिक लेखाकार ने प्रोन्नत वेतनमान लगाने के लिए 15,000 रुपये घूस मांगी तो उन्होंने झांसी के एंटी करप्शन विभाग से शिकायत कर दी।
बुधवार को झांसी से एंटी करप्शन टीम बांदा आई और सहायक अध्यापक को लेकर जिला पंचायत परिसर स्थित वित्त लेखाधिकारी कार्यालय पहुंची। गुपचुप ढंग से एंटी करप्शन की नौ सदस्यीय टीम कार्यालय के बाहर रुक गई।
सहायक अध्यापक कैलाश प्रसाद ने अंदर जाकर लेखाकार नंदकिशोर को 15,000 रुपये दिए। इसी बीच एंटी करप्शन टीम ने उसे रिश्वत के रुपयों समेत दबोच लिया। टीम उसे लेकर शहर कोतवाली आई। यहां मुकदमा दर्ज कराके लेखाकार को लेकर लखनऊ रवाना हो गई।
टीम प्रभारी इंस्पेक्टर शरद प्रताप सिंह ने बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। शेष कार्रवाई लखनऊ स्थित मुख्यालय में होगी। इसी के बाद जेल भेजा जाएगा। टीम में एंटी करप्शन विभाग के स्टेनो इसरार, हेड कांस्टेबल रमेशचंद्र त्रिपाठी, कांस्टेबल राजबहादुर सिंह, जफरुद्दीन और दीपक थे।
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आदर्श बाल निकेतन जूनियर हाईस्कूल के सहायक अध्यापक कैलाश प्रसाद गौतम को प्रोन्नत वेतनमान दिए जाने का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में चला। 20 फरवरी को हाईकोर्ट ने उनकी नियुक्ति को वैध बताते हुए प्रोन्नत वेतनमान देने के आदेश दिए।
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हाईकोर्ट के आदेश की प्रति उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय के लेखाकर लिपिक नंदकिशोर यादव को दी। सहायक अध्यापक के मुताबिक लेखाकार ने प्रोन्नत वेतनमान लगाने के लिए 15,000 रुपये घूस मांगी तो उन्होंने झांसी के एंटी करप्शन विभाग से शिकायत कर दी।
बुधवार को झांसी से एंटी करप्शन टीम बांदा आई और सहायक अध्यापक को लेकर जिला पंचायत परिसर स्थित वित्त लेखाधिकारी कार्यालय पहुंची। गुपचुप ढंग से एंटी करप्शन की नौ सदस्यीय टीम कार्यालय के बाहर रुक गई।
सहायक अध्यापक कैलाश प्रसाद ने अंदर जाकर लेखाकार नंदकिशोर को 15,000 रुपये दिए। इसी बीच एंटी करप्शन टीम ने उसे रिश्वत के रुपयों समेत दबोच लिया। टीम उसे लेकर शहर कोतवाली आई। यहां मुकदमा दर्ज कराके लेखाकार को लेकर लखनऊ रवाना हो गई।
टीम प्रभारी इंस्पेक्टर शरद प्रताप सिंह ने बताया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। शेष कार्रवाई लखनऊ स्थित मुख्यालय में होगी। इसी के बाद जेल भेजा जाएगा। टीम में एंटी करप्शन विभाग के स्टेनो इसरार, हेड कांस्टेबल रमेशचंद्र त्रिपाठी, कांस्टेबल राजबहादुर सिंह, जफरुद्दीन और दीपक थे।