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अयोध्या धाम में होगा 5 हजार करोड़ का निवेश
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अयोध्या। अयोध्या के विकास के लिए पांच हजार करोड़ रुपये का निवेश जुटाने का लक्ष्य निर्धारित कर लिया गया है। इसके लिए 120 राष्ट्रीय व ग्लोबल कंपनियों को कंपनियों को निवेश का न्योता दिया गया है।
अब तक 40 से अधिक कंपनियों ने निवेश किए जाने की अनुमति प्रदान कर दी है। प्रदेश के आर्थिक सलाहकार के केबी राजू गुरुवार को अयोध्या पहुंचे।
उन्होंने अयोध्या में आयोजित होने वाली श्री अयोध्या धाम इन्वेस्टर्स सम्मिट 2021 की समीक्षा की।सभी निर्धारित 12 क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए एनडी विश्वविद्यालय से सहयोग लेने, फिल्म, ज्वेलरी, हेल्थ, पर्यटन व स्किल डेवलपमेंट के लिए के बड़ी व विश्वसनीय कंपनियों के चयन किये जाने की हिदायत दी है।
अयोध्या में केंद्र व प्रदेश सरकार की 28000 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाएं प्रस्तावित हैं। प्रदेश सरकार इन कार्यों में निजी क्षेत्रों की सहभागिता चाहती है।
इसके लिए श्री अयोध्या धाम इन्वेस्टर्स समिट 2021 का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिसमें 5000 करोड़ रुपये अयोध्या के विकास कार्यों के लिए निवेश कराने का लक्ष्य निर्धारित हुआ है।
इसमें स्किल डेवलपमेंट, हेल्थ, हॉस्पिटैलिटी, पर्यटन, फिल्म, कृषि व भवन निर्माण से जुड़े सहित 12 क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इन क्षेत्रों के लिए अपनी-अपनी विधा में महारत हासिल की हुई कंपनियों को अयोध्या में निवेश करने का न्योता भेजा गया है।
इनकी संख्या लगभग 120 के आसपास है। इनमें से 40 से अधिक कंपनियों ने अयोध्या में निवेश को शहर से स्वीकृति प्रदान कर दी है। प्रदेश सरकार के आर्थिक सलाहकार केवी राजू ने अयोध्या पहुंचकर विकास प्राधिकरण में श्री अयोध्या धाम इन्वेस्टर्स समिट 2021 की समीक्षा की है।
उन्होंने विशिष्ट 12 क्षेत्रों के प्रत्येक क्षेत्रों में निर्धारित कंपनियों के नाम, निवेश के आकलन की धनराशि व निवेश के प्रकार को जाना। निर्देश दिए कि कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय से सहयोग लिया जाए।
उन्होंने कहा कि स्किल डेवलपमेंट, फिल्म, ज्वेलरी, हेल्थ, हॉस्पिटैलिटी, पर्यटन सहित अन्य क्षेत्रों के निवेशकों के लिए पहले से प्रस्ताव तैयार कर लिया जाए। जिससे निवेशकों को किसी प्रकार का कोई संशय न रहे।
इसके साथ ही संबंधित निवेशकों से एमओयू कराये जाने पर भी विचार कर लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिया है कि अयोध्या का जो अध्यात्मिक व पर्यटन संबंधी विकास प्रदेश व केंद्र सरकार चाहती है उसी की रूपरेखा पर सब कुछ होना चाहिए।
समीक्षा में अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह, वित्त अधिकारी आरपी सिंह, सौरभ कुमार सहित कंसलटेंट टीम के समस्त लोग मौजूद रहे।
प्रदेश सरकार के आर्थिक सलाहकार केवी राजू ने अयोध्या के विकास के विजन डॉक्यूमेंट में प्रस्तावित योजनाओं व डैशबोर्ड के प्रगति की भी जानी है। उन्होंने विजन डॉक्यूमेंट में नई कंसलटेंट टीम एवाई के समन्वय को भी जाना है।
इसके अलावा इस बात की भी गहन समीक्षा की है कि किस प्रकार डैशबोर्ड अधिक प्रभावी ढंग से कार्य कर सकता है। इसके लिए एक छोटा सा प्रजेंटेशन भी देखा।
उन्होंने सुझाव दिए हैं कि जल्द से जल्द योजनाओं को धरातल पर उतारा जाए। इसके लिए पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) का प्रयोग किया जाए।
अयोध्या में मल्टी लेवल पार्किंग, यात्री सुविधाओं की स्थापना सहित अन्य छोटे-छोटे विकास कार्य पीपीपी मॉडल पर ही विकसित किए जाएं। इसके साथ ही निवेशकों द्वारा खुद भूमि खरीदे जाने व निवेशकों को संपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने का सुझाव दिया है।
अयोध्या विकास प्राधिकरण ने अब तक जो प्रारूप तैयार किया है उसमें श्री अयोध्या धाम इन्वेस्टर्स समिट 2021 पहली या दूसरी नवंबर को कराने की तैयारी है। इसके लिए अयोध्या में स्थान का चयन किया जा रहा है।
इसी समय अयोध्या में पांचवां दिव्य दीपोत्सव भी आयोजित होगा। हालांकि गुरुवार को मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार ने समीक्षा में मुख्यमंत्री के सामने प्रेजेंटेशन पेश किए जाने की बात कही है। मुख्यमंत्री की सहमति के बाद ही समस्त कार्य फाइनल होंगे।
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अब तक 40 से अधिक कंपनियों ने निवेश किए जाने की अनुमति प्रदान कर दी है। प्रदेश के आर्थिक सलाहकार के केबी राजू गुरुवार को अयोध्या पहुंचे।
उन्होंने अयोध्या में आयोजित होने वाली श्री अयोध्या धाम इन्वेस्टर्स सम्मिट 2021 की समीक्षा की।सभी निर्धारित 12 क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
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कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए एनडी विश्वविद्यालय से सहयोग लेने, फिल्म, ज्वेलरी, हेल्थ, पर्यटन व स्किल डेवलपमेंट के लिए के बड़ी व विश्वसनीय कंपनियों के चयन किये जाने की हिदायत दी है।
अयोध्या में केंद्र व प्रदेश सरकार की 28000 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाएं प्रस्तावित हैं। प्रदेश सरकार इन कार्यों में निजी क्षेत्रों की सहभागिता चाहती है।
इसके लिए श्री अयोध्या धाम इन्वेस्टर्स समिट 2021 का प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिसमें 5000 करोड़ रुपये अयोध्या के विकास कार्यों के लिए निवेश कराने का लक्ष्य निर्धारित हुआ है।
इसमें स्किल डेवलपमेंट, हेल्थ, हॉस्पिटैलिटी, पर्यटन, फिल्म, कृषि व भवन निर्माण से जुड़े सहित 12 क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इन क्षेत्रों के लिए अपनी-अपनी विधा में महारत हासिल की हुई कंपनियों को अयोध्या में निवेश करने का न्योता भेजा गया है।
इनकी संख्या लगभग 120 के आसपास है। इनमें से 40 से अधिक कंपनियों ने अयोध्या में निवेश को शहर से स्वीकृति प्रदान कर दी है। प्रदेश सरकार के आर्थिक सलाहकार केवी राजू ने अयोध्या पहुंचकर विकास प्राधिकरण में श्री अयोध्या धाम इन्वेस्टर्स समिट 2021 की समीक्षा की है।
उन्होंने विशिष्ट 12 क्षेत्रों के प्रत्येक क्षेत्रों में निर्धारित कंपनियों के नाम, निवेश के आकलन की धनराशि व निवेश के प्रकार को जाना। निर्देश दिए कि कृषि क्षेत्र में निवेश के लिए आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय से सहयोग लिया जाए।
उन्होंने कहा कि स्किल डेवलपमेंट, फिल्म, ज्वेलरी, हेल्थ, हॉस्पिटैलिटी, पर्यटन सहित अन्य क्षेत्रों के निवेशकों के लिए पहले से प्रस्ताव तैयार कर लिया जाए। जिससे निवेशकों को किसी प्रकार का कोई संशय न रहे।
इसके साथ ही संबंधित निवेशकों से एमओयू कराये जाने पर भी विचार कर लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिया है कि अयोध्या का जो अध्यात्मिक व पर्यटन संबंधी विकास प्रदेश व केंद्र सरकार चाहती है उसी की रूपरेखा पर सब कुछ होना चाहिए।
समीक्षा में अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह, वित्त अधिकारी आरपी सिंह, सौरभ कुमार सहित कंसलटेंट टीम के समस्त लोग मौजूद रहे।
प्रदेश सरकार के आर्थिक सलाहकार केवी राजू ने अयोध्या के विकास के विजन डॉक्यूमेंट में प्रस्तावित योजनाओं व डैशबोर्ड के प्रगति की भी जानी है। उन्होंने विजन डॉक्यूमेंट में नई कंसलटेंट टीम एवाई के समन्वय को भी जाना है।
इसके अलावा इस बात की भी गहन समीक्षा की है कि किस प्रकार डैशबोर्ड अधिक प्रभावी ढंग से कार्य कर सकता है। इसके लिए एक छोटा सा प्रजेंटेशन भी देखा।
उन्होंने सुझाव दिए हैं कि जल्द से जल्द योजनाओं को धरातल पर उतारा जाए। इसके लिए पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) का प्रयोग किया जाए।
अयोध्या में मल्टी लेवल पार्किंग, यात्री सुविधाओं की स्थापना सहित अन्य छोटे-छोटे विकास कार्य पीपीपी मॉडल पर ही विकसित किए जाएं। इसके साथ ही निवेशकों द्वारा खुद भूमि खरीदे जाने व निवेशकों को संपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने का सुझाव दिया है।
अयोध्या विकास प्राधिकरण ने अब तक जो प्रारूप तैयार किया है उसमें श्री अयोध्या धाम इन्वेस्टर्स समिट 2021 पहली या दूसरी नवंबर को कराने की तैयारी है। इसके लिए अयोध्या में स्थान का चयन किया जा रहा है।
इसी समय अयोध्या में पांचवां दिव्य दीपोत्सव भी आयोजित होगा। हालांकि गुरुवार को मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार ने समीक्षा में मुख्यमंत्री के सामने प्रेजेंटेशन पेश किए जाने की बात कही है। मुख्यमंत्री की सहमति के बाद ही समस्त कार्य फाइनल होंगे।