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Ayodhya News: आस्था के कलश लेकर निकलीं मातृशक्तियां, राजा राम के प्रति छलकी श्रद्धा
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अयोध्या। रामनगरी की पावन धरती बृहस्पतिवार को स्त्री शक्ति के ऐसे अनुपम उत्साह की साक्षी बनी, मानो स्वयं सरयू की लहरें भी भक्ति में नृत्य कर उठी हों। 551 मातृशक्तियां, पीत वस्त्रों में सजी, सिर पर कलश और नेत्रों में अपार श्रद्धा लिए जब सड़क पर उतरीं तो लगा जैसे रामनगरी में आस्था का कोई अनादि सरोवर उमड़ पड़ा हो। अवसर था राम मंदिर में होने वाले ध्वजारोहण समारोह के शुभारंभ अवसर पर सरयू तट से निकली भव्य कलश यात्रा का।
कलश यात्रा का हर कदम व हर स्वर एक ही भाव कह रहा था... हमारे राजा राम लौट आए हैं, और हमारी भक्ति नए सिरे से जाग उठी है। कलश यात्रा में वैदिक आचार्य मयंक पांडेय के निर्देशन में 151 वैदिक छात्र भगवा ध्वज के साथ जयघोष करते चल रहे थे। इससे पहले ध्वजारोहण समारोह के मुख्य यजमान डॉ़ अनिल मिश्र व उनकी पत्नी उषा मिश्र ने सरयू तट पर कलश पूजन की रस्म निभाई। मां सरयू की भी पूजा-अर्चना कर ध्वजारोहण समारोह के अनुष्ठान की अनुमति ली गई। पंडित इंद्रदेव मिश्र के संयोजन में करीब 30 मिनट तक चले पूजन के बाद कलश में सरयू जलभर कर सभी मातृशक्तियां, यजमान सरयू तट से राम मंदिर की ओर निकल पड़े।
कलश यात्रा में जगह-जगह पुष्पवर्षा भी की गई। मातृशक्तियों की अगुवाई राज लक्ष्मी त्रिपाठी कर रही थीं। श्रीराम का जयघोष करते हुए कलश यात्रा रामपथ, भक्तिपथ होते हुए रंगमहल बैरियर पर पहुंचकर समाप्त हुई। इसके बाद पूजित कलश को यज्ञमंडप में स्थापित किया गया। 21 से 25 नवंबर तक चलने वाले अनुष्ठानाें में स्थापित कलशों में सरयू जल का प्रयोग होगा। कलश यात्रा में ट्रस्टी कृष्ण मोहन, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव, मंदिर की व्यवस्था से जुड़े डॉ़ चंद्रगोपाल पांडेय, रामकथा संग्रहालय के निदेशक डॉ़ संजीव सिंह, वीरेंद्र, पूर्व प्राचार्य डॉ़ अभय सिंह आदि शामिल रहे।
यज्ञमंडप में हुआ प्रायश्चित पूजन
- कलश यात्रा से पहले राम मंदिर परिसर के यज्ञमंडप में प्रायश्चित पूजन हुआ। वेदों की ऋचाएं गूंजीं, आचार्यों की स्वर-लहरियां हवा में सुगंध की तरह फैल गईं। अनुष्ठान के पहले दिन शुक्रवार को मंडप प्रवेश व मंडप पूजन किया जाएगा। वेदी पूजन, नवग्रह पूजन व यज्ञ कुंड में अग्नि प्रज्ज्वलन किया जाएगा। वेदों के पाठ का भी शुभारंभ होगा। अनुष्ठान के क्रम में रोजाना छह घंटे पूजन होगा।
अद्भुत होगा समारोह
ध्वजारोहण समारोह अद्भुत होगा। शुक्रवार से पांच दिवसीय अनुष्ठान शुरू होगा। इससे पहले कलश यात्रा निकाली गई है। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे। ध्वजारोहण के दिन अयोध्या के मठ-मंदिर भी सहभागी बनेंगे, इनके ध्वज भी बदले जाएंगे। 25 को केवल मेहमानों को दर्शन कराए जाएंगे। 26 की सुबह से आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर पुन: निर्धारित समय पर खोल दिया जाएगा। - डॉ़ अनिल मिश्र, सदस्य, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट
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कलश यात्रा का हर कदम व हर स्वर एक ही भाव कह रहा था... हमारे राजा राम लौट आए हैं, और हमारी भक्ति नए सिरे से जाग उठी है। कलश यात्रा में वैदिक आचार्य मयंक पांडेय के निर्देशन में 151 वैदिक छात्र भगवा ध्वज के साथ जयघोष करते चल रहे थे। इससे पहले ध्वजारोहण समारोह के मुख्य यजमान डॉ़ अनिल मिश्र व उनकी पत्नी उषा मिश्र ने सरयू तट पर कलश पूजन की रस्म निभाई। मां सरयू की भी पूजा-अर्चना कर ध्वजारोहण समारोह के अनुष्ठान की अनुमति ली गई। पंडित इंद्रदेव मिश्र के संयोजन में करीब 30 मिनट तक चले पूजन के बाद कलश में सरयू जलभर कर सभी मातृशक्तियां, यजमान सरयू तट से राम मंदिर की ओर निकल पड़े।
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कलश यात्रा में जगह-जगह पुष्पवर्षा भी की गई। मातृशक्तियों की अगुवाई राज लक्ष्मी त्रिपाठी कर रही थीं। श्रीराम का जयघोष करते हुए कलश यात्रा रामपथ, भक्तिपथ होते हुए रंगमहल बैरियर पर पहुंचकर समाप्त हुई। इसके बाद पूजित कलश को यज्ञमंडप में स्थापित किया गया। 21 से 25 नवंबर तक चलने वाले अनुष्ठानाें में स्थापित कलशों में सरयू जल का प्रयोग होगा। कलश यात्रा में ट्रस्टी कृष्ण मोहन, मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव, मंदिर की व्यवस्था से जुड़े डॉ़ चंद्रगोपाल पांडेय, रामकथा संग्रहालय के निदेशक डॉ़ संजीव सिंह, वीरेंद्र, पूर्व प्राचार्य डॉ़ अभय सिंह आदि शामिल रहे।
यज्ञमंडप में हुआ प्रायश्चित पूजन
- कलश यात्रा से पहले राम मंदिर परिसर के यज्ञमंडप में प्रायश्चित पूजन हुआ। वेदों की ऋचाएं गूंजीं, आचार्यों की स्वर-लहरियां हवा में सुगंध की तरह फैल गईं। अनुष्ठान के पहले दिन शुक्रवार को मंडप प्रवेश व मंडप पूजन किया जाएगा। वेदी पूजन, नवग्रह पूजन व यज्ञ कुंड में अग्नि प्रज्ज्वलन किया जाएगा। वेदों के पाठ का भी शुभारंभ होगा। अनुष्ठान के क्रम में रोजाना छह घंटे पूजन होगा।
अद्भुत होगा समारोह
ध्वजारोहण समारोह अद्भुत होगा। शुक्रवार से पांच दिवसीय अनुष्ठान शुरू होगा। इससे पहले कलश यात्रा निकाली गई है। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे। ध्वजारोहण के दिन अयोध्या के मठ-मंदिर भी सहभागी बनेंगे, इनके ध्वज भी बदले जाएंगे। 25 को केवल मेहमानों को दर्शन कराए जाएंगे। 26 की सुबह से आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर पुन: निर्धारित समय पर खोल दिया जाएगा। - डॉ़ अनिल मिश्र, सदस्य, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट