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Ayodhya News: मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर व फैकल्टी के बिना अटकीं पीजी की 13 सीटें
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अयोध्या। मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर और पर्याप्त फैकल्टी की अनुपलब्धता के कारण पीजी की 13 सीटें नहीं मिल सकी हैं। सिर्फ जनरल मेडिसिन विभाग में ही तीन सीटें मिली हैं। अब कॉलेज प्रशासन ने नेशनल मेडिकल कमीशन में अपील की है।
राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में शिक्षण सत्र 2025-26 में परास्नातक की 16 सीटों के लिए आवेदन किया गया था। इनमें जनरल मेडिसिन की तीन, जनरल सर्जरी की पांच, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की तीन, इम्युनोलॉजी हेमेटोलॉजी एंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन की तीन और एनेस्थीसिया की दो सीटें शामिल थीं। 13 नवंबर को नेशनल मेडिकल कमीशन की ओर से सिर्फ जनरल मेडिसिन की तीन सीटों को स्वीकृति मिली, शेष सभी विभाग आवेदित सीटों के लिए मानकों पर खरे नहीं उतरे।
एनएमसी के निदेशक सुखलाल मीना ने जारी आदेश में टिप्पणी की कि जनरल सर्जरी में पर्याप्त संकाय सदस्य नहीं हैं। इसके अलावा स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग और एनेस्थीसिया में कोई प्रोफेसर नहीं है। वहीं, ब्लड ट्रांसफ्यूजन में कोई फैकल्टी नहीं है। इन्हीं बिंदुओं का हवाला देते हुए शेष विभागों में पीजी सीटें नहीं दी गईं। हालांकि, इस निर्णय से असहमत होने पर 15 दिन के भीतर अपील करने का अवसर दिया है।
प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा ने बताया कि आवेदित सीटों के लिए लगभग सभी मानक पूरे हैं। स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में डॉ. हेमा और एनेस्थीसिया में डॉ. जेपी तिवारी प्रोफेसर बनने योग्य हैं, जो प्रक्रियाधीन है। शेष दोनों विभागों में पर्याप्त संकाय सदस्य हैं। सभी बिंदुओं पर अपील की जा रही है। इससे और पीजी सीटें मिलने की उम्मीद है।
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राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज में शिक्षण सत्र 2025-26 में परास्नातक की 16 सीटों के लिए आवेदन किया गया था। इनमें जनरल मेडिसिन की तीन, जनरल सर्जरी की पांच, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की तीन, इम्युनोलॉजी हेमेटोलॉजी एंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन की तीन और एनेस्थीसिया की दो सीटें शामिल थीं। 13 नवंबर को नेशनल मेडिकल कमीशन की ओर से सिर्फ जनरल मेडिसिन की तीन सीटों को स्वीकृति मिली, शेष सभी विभाग आवेदित सीटों के लिए मानकों पर खरे नहीं उतरे।
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एनएमसी के निदेशक सुखलाल मीना ने जारी आदेश में टिप्पणी की कि जनरल सर्जरी में पर्याप्त संकाय सदस्य नहीं हैं। इसके अलावा स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग और एनेस्थीसिया में कोई प्रोफेसर नहीं है। वहीं, ब्लड ट्रांसफ्यूजन में कोई फैकल्टी नहीं है। इन्हीं बिंदुओं का हवाला देते हुए शेष विभागों में पीजी सीटें नहीं दी गईं। हालांकि, इस निर्णय से असहमत होने पर 15 दिन के भीतर अपील करने का अवसर दिया है।
प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा ने बताया कि आवेदित सीटों के लिए लगभग सभी मानक पूरे हैं। स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में डॉ. हेमा और एनेस्थीसिया में डॉ. जेपी तिवारी प्रोफेसर बनने योग्य हैं, जो प्रक्रियाधीन है। शेष दोनों विभागों में पर्याप्त संकाय सदस्य हैं। सभी बिंदुओं पर अपील की जा रही है। इससे और पीजी सीटें मिलने की उम्मीद है।