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Ayodhya News: राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम...सेवा भाव से तैयारियों में जुटे हैं अफसर
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धर्मपथ के डिवाइडर को सजाने में जुटे कर्मी।
- फोटो : धर्मपथ के डिवाइडर को सजाने में जुटे कर्मी।
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अयोध्या। गोस्वामी तुलसीदास की चौपाई 'रामकाज कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम' का भाव लिए प्रशासनिक अमला दिन-रात ध्वजारोहण की तैयारियों में जुटा है। तमाम निजी कार्यों को नजरअंदाज कर पूरे समर्पण भाव से आयोजन को भव्यता तक पहुंचाने की कोशिश हो रही है।
रामनगरी आगामी 25 नवंबर को एक बार फिर नया कीर्तिमान गढ़ने को आतुर है। प्रधानमंत्री जब राम मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराएंगे तो यह तिथि अयोध्या समेत विश्व के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो जाएगी। आयोजन को इसकी भव्यता तक पहुंचाने में राम मंदिर ट्रस्ट के अलावा प्रशासनिक अमले की महती भूमिका है, जाे आयोजन को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए काम कर रहा है।
आयोजन में कोई चूक न हो, इसके लिए कई अधिकारी तो महीनों से घर का मुंह नहीं देख सके हैं। कोई अपने बीमार मां-बाप को फोन से दिलासा दे रहा है तो कोई घर-परिवार व सगे-संबंधियों की शादियों तक में नहीं पहुंच पा रहा है। कर्मचारी तो कुछ घंटों तक की मोहलत पा जाते हैं, लेकिन साहब कर्तव्य पथ पर अडिग रहते हुए कर्मभूमि में डटे हुए हैं।
इसमें किसी ने चाक-चौबंद सुरक्षा घेरा बनाने में दिन-रात एक किया है तो किसी ने स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर रखने का जिम्मा संभाला है। किसी के कंधों पर वीवीआईपी और वीआईपी को बेहतर सेवाएं मुहैया कराने का दायित्व है तो किसी को बेहतर और सुगम यातायात व्यवस्था उपलब्ध कराने की चुनौती मिली है। संवाद न्यूज एजेंसी से बातचीत में इन अधिकारियों के चेहरे पर अपनों से दूर होने का मलाल तो दिखा, लेकिन रामकाज में स्वयं के शामिल होने का गौरव भी साफ झलकता नजर आया। (संवाद)
इनसेट
प्रभु की सेवा में हैं, यही है परमसुख
-एसपी यातायात एपी सिंह ने कहा कि आयोजन सकुशल निपटाना सबसे बड़ी चुनौती है। इससे बड़ा दायित्व और कुछ नहीं है। ईश्वर ने यह कार्य करने का अवसर दिया है, यह गर्व की बात है। हालांकि, 17 नवंबर को एक अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम में घर जाना था, लेकिन नहीं गए। परिजनों को भी यह संतोष है कि हम एक ऐतिहासिक कार्य में सहभागी हैं। एसपी सिटी चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि आयोजन की तैयारी पहले से चल रही है। काफी समय से इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। इस समय इससे ज्यादा जरूरी कुछ नहीं है। इसीलिए कई जरूरी काम होने के बावजूद लगभग तीन माह से छुट्टी नहीं ली है। आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न होने से पहले चैन नहीं है। स्वास्थ्य सेवाओं का जिम्मा संभाल रहे नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राममणि शुक्ला ने बताया कि शादी-विवाह तो सब छूट रहा है, लेकिन प्रभु की सेवा का अवसर मिला है, इससे बड़ा परमसुख कुछ नहीं है।
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रामनगरी आगामी 25 नवंबर को एक बार फिर नया कीर्तिमान गढ़ने को आतुर है। प्रधानमंत्री जब राम मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराएंगे तो यह तिथि अयोध्या समेत विश्व के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो जाएगी। आयोजन को इसकी भव्यता तक पहुंचाने में राम मंदिर ट्रस्ट के अलावा प्रशासनिक अमले की महती भूमिका है, जाे आयोजन को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए काम कर रहा है।
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आयोजन में कोई चूक न हो, इसके लिए कई अधिकारी तो महीनों से घर का मुंह नहीं देख सके हैं। कोई अपने बीमार मां-बाप को फोन से दिलासा दे रहा है तो कोई घर-परिवार व सगे-संबंधियों की शादियों तक में नहीं पहुंच पा रहा है। कर्मचारी तो कुछ घंटों तक की मोहलत पा जाते हैं, लेकिन साहब कर्तव्य पथ पर अडिग रहते हुए कर्मभूमि में डटे हुए हैं।
इसमें किसी ने चाक-चौबंद सुरक्षा घेरा बनाने में दिन-रात एक किया है तो किसी ने स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर रखने का जिम्मा संभाला है। किसी के कंधों पर वीवीआईपी और वीआईपी को बेहतर सेवाएं मुहैया कराने का दायित्व है तो किसी को बेहतर और सुगम यातायात व्यवस्था उपलब्ध कराने की चुनौती मिली है। संवाद न्यूज एजेंसी से बातचीत में इन अधिकारियों के चेहरे पर अपनों से दूर होने का मलाल तो दिखा, लेकिन रामकाज में स्वयं के शामिल होने का गौरव भी साफ झलकता नजर आया। (संवाद)
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प्रभु की सेवा में हैं, यही है परमसुख
-एसपी यातायात एपी सिंह ने कहा कि आयोजन सकुशल निपटाना सबसे बड़ी चुनौती है। इससे बड़ा दायित्व और कुछ नहीं है। ईश्वर ने यह कार्य करने का अवसर दिया है, यह गर्व की बात है। हालांकि, 17 नवंबर को एक अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम में घर जाना था, लेकिन नहीं गए। परिजनों को भी यह संतोष है कि हम एक ऐतिहासिक कार्य में सहभागी हैं। एसपी सिटी चक्रपाणि त्रिपाठी ने बताया कि आयोजन की तैयारी पहले से चल रही है। काफी समय से इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। इस समय इससे ज्यादा जरूरी कुछ नहीं है। इसीलिए कई जरूरी काम होने के बावजूद लगभग तीन माह से छुट्टी नहीं ली है। आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न होने से पहले चैन नहीं है। स्वास्थ्य सेवाओं का जिम्मा संभाल रहे नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राममणि शुक्ला ने बताया कि शादी-विवाह तो सब छूट रहा है, लेकिन प्रभु की सेवा का अवसर मिला है, इससे बड़ा परमसुख कुछ नहीं है।