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प्रतिबंध के बाद भी खुली हैं शराब-बीयर की दुकानेंनहीं हुई शराब
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मथुरा। श्रीकृष्ण की जन्मस्थली को तीर्थस्थल घोषित तो किया गया, पर मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान के आसपास शराब, बीयर और भांग की दुकानें अब तक बंद नहीं हुई हैं। फिलहाल इनके बंद होने की संभावना भी कम ही है। क्योंकि सरकार ने इसके लिए अधिसूचना जारी नहीं की है। चालू वित्तीय वर्ष में अगर यह दुकानें बंद होती हैं तो सरकार को लगभग 45 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 10 वर्ग किमी की परिधि में शराब, बीयर और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा के बाद मांस की दुकानें तो बंद करा दी गईं। लेकिन शराब, बीयर और भांग की दुकानें अभी भी चालू हैं। बताया जा रहा है कि लाइसेंस जारी है, उसकी फीस दुकानें बंद कराने की स्थिति में सरकार को वापस देनी होगी। मुख्यमंत्री को आने वाले सत्र में इन दुकानों का नवीनीकरण की घोषणा की जानी थी, क्योंकि इस तरह से दुकानें बंद कराए जाने की स्थिति में लाइसेंस धारक न्यायालय में सरकार के खिलाफ जा सकते हैं। यही कारण है कि अब इस मामले में शासन और प्रशासन ने ढील दे दी है।
कारगर साबित नहीं हुई मुख्यमंत्री की घोषणा
मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान की परिधि में नशा और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध का सभी वर्गों ने तहेदिल से स्वागत किया। हिंदूवादी संगठनों नेे आतिशबाजी चलाने के साथ ही मिठाइयां बांटी थीं। अब इन दुकानों के चालू रहने से लोगों में मायूसी है। लोग एक-दूसरे से सवाल कर रहे हैं कि आखिर मुख्यमंत्री की घोषणा क्यों कारगर साबित नहीं हो पाई? हालांकि काफी लोग तो जन्मभूमि की परिधि को तीर्थस्थल घोषित किए जाने से भी संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि जब जनपद के आधे से अधिक धार्मिक स्थलों को तीर्थस्थल घोषित किया जा चुका है तो जनपद के शेष बचे हिस्से को भी इसमें शामिल कर लिया जाए।
दुकानों की सूची शासन को भेजी
१० वर्ग किमी की परिधि में आने वाली 37 दुकानों की सूची शासन को भेजी जा चुकी है, जिसमें देशी शराब की 10 दुकानें हैं। इस दिशा में शासन के नोटिफिकेशन जारी होने के बाद इन्हें बंद कराया जा सकेगा।
- कुमार प्रभात चंद, जिला आबकारी अधिकारी
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श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 10 वर्ग किमी की परिधि में शराब, बीयर और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा के बाद मांस की दुकानें तो बंद करा दी गईं। लेकिन शराब, बीयर और भांग की दुकानें अभी भी चालू हैं। बताया जा रहा है कि लाइसेंस जारी है, उसकी फीस दुकानें बंद कराने की स्थिति में सरकार को वापस देनी होगी। मुख्यमंत्री को आने वाले सत्र में इन दुकानों का नवीनीकरण की घोषणा की जानी थी, क्योंकि इस तरह से दुकानें बंद कराए जाने की स्थिति में लाइसेंस धारक न्यायालय में सरकार के खिलाफ जा सकते हैं। यही कारण है कि अब इस मामले में शासन और प्रशासन ने ढील दे दी है।
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कारगर साबित नहीं हुई मुख्यमंत्री की घोषणा
मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान की परिधि में नशा और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध का सभी वर्गों ने तहेदिल से स्वागत किया। हिंदूवादी संगठनों नेे आतिशबाजी चलाने के साथ ही मिठाइयां बांटी थीं। अब इन दुकानों के चालू रहने से लोगों में मायूसी है। लोग एक-दूसरे से सवाल कर रहे हैं कि आखिर मुख्यमंत्री की घोषणा क्यों कारगर साबित नहीं हो पाई? हालांकि काफी लोग तो जन्मभूमि की परिधि को तीर्थस्थल घोषित किए जाने से भी संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि जब जनपद के आधे से अधिक धार्मिक स्थलों को तीर्थस्थल घोषित किया जा चुका है तो जनपद के शेष बचे हिस्से को भी इसमें शामिल कर लिया जाए।
दुकानों की सूची शासन को भेजी
१० वर्ग किमी की परिधि में आने वाली 37 दुकानों की सूची शासन को भेजी जा चुकी है, जिसमें देशी शराब की 10 दुकानें हैं। इस दिशा में शासन के नोटिफिकेशन जारी होने के बाद इन्हें बंद कराया जा सकेगा।
- कुमार प्रभात चंद, जिला आबकारी अधिकारी