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Almora News: रेफर की आड़ में जिम्मेदारी से भागा बेस अस्पताल
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रानीखेत (अल्मोड़ा)। गैरसैंण से एक गर्भवती प्रसव के लिए अल्मोड़ा बेस चिकित्सालय पहुंची थी। लेकिन चिकित्सकों ने उसे हायर सेंटर हल्द्वानी के लिए रेफर कर दिया। इस बीच महिला के परिजनों ने रानीखेत उप जिला चिकित्सालय के चिकित्सक डॉ. कमल किशोर से संपर्क किया। उन्होंने बिना देर किए महिला को रानीखेत बुलाकर सफल ऑपरेशन कर सुरक्षित प्रसव कराया।
अल्मोड़ा बेस चिकित्सालय को संसाधनों से लैस बड़ा अस्पताल माना जाता है। वहां से रेफर की गई गर्भवती महिला का उप जिला चिकित्सालय रानीखेत में सुरक्षित प्रसव होना बेस अस्पताल की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। यह घटना न केवल वहां के चिकित्सकों की जिम्मेदारी पर प्रश्नचिन्ह लगाती है, बल्कि सीमित संसाधनों के बावजूद तत्परता से ऑपरेशन कर मां और बच्चे की जान बचाने वाले डॉ. कमल किशोर की सराहना भी करती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रानीखेत अस्पताल में संसाधन सीमित हैं, लेकिन डॉ. कमल किशोर ने जिस साहस और तत्परता के साथ प्रसव कराया, वह काबिले-तारीफ है।
रेफर करने से घबरा गए थे परिजन
महिला के परिजनों ने कहा कि जब हमें बेस अस्पताल से रेफर किया गया तो हम पूरी तरह घबरा गए थे। रास्ते की दूरी और समय को देखते हुए हमें डर था कि कहीं जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा न हो जाए। लेकिन जैसे ही हमने डॉ. कमल किशोर से संपर्क किया, उन्होंने तुरंत मदद का आश्वासन दिया और उसी शाम सुरक्षित ऑपरेशन कर दिया। आज मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं, इसके लिए हम उनके आभारी हैं। संवाद
कोट
महिला प्लेसेंटा प्रीविया की मरीज थी। अल्मोड़ा बेस अस्पताल से मरीज को हल्द्वानी रेफर किया गया था। इस दौरान परिजनों का मुझे फोन आया। मैंने स्थिति को समझते हुए उन्हें तुरंत रानीखेत बुलाया और ऑपरेशन कर सुरक्षित प्रसव कराया। मां और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। - डॉ. कमल किशोर, उप जिला चिकित्सालय रानीखेत
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गर्भवती को रेफर करने का मामला फिलहाल मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर रेफर किया गया है तो किन कारणों से ऐसा किया गया है इसका पता लगाया जाएगा। - डॉ सीपी भैसोड, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा

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अल्मोड़ा बेस चिकित्सालय को संसाधनों से लैस बड़ा अस्पताल माना जाता है। वहां से रेफर की गई गर्भवती महिला का उप जिला चिकित्सालय रानीखेत में सुरक्षित प्रसव होना बेस अस्पताल की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। यह घटना न केवल वहां के चिकित्सकों की जिम्मेदारी पर प्रश्नचिन्ह लगाती है, बल्कि सीमित संसाधनों के बावजूद तत्परता से ऑपरेशन कर मां और बच्चे की जान बचाने वाले डॉ. कमल किशोर की सराहना भी करती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रानीखेत अस्पताल में संसाधन सीमित हैं, लेकिन डॉ. कमल किशोर ने जिस साहस और तत्परता के साथ प्रसव कराया, वह काबिले-तारीफ है।
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रेफर करने से घबरा गए थे परिजन
महिला के परिजनों ने कहा कि जब हमें बेस अस्पताल से रेफर किया गया तो हम पूरी तरह घबरा गए थे। रास्ते की दूरी और समय को देखते हुए हमें डर था कि कहीं जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा न हो जाए। लेकिन जैसे ही हमने डॉ. कमल किशोर से संपर्क किया, उन्होंने तुरंत मदद का आश्वासन दिया और उसी शाम सुरक्षित ऑपरेशन कर दिया। आज मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं, इसके लिए हम उनके आभारी हैं। संवाद
कोट
महिला प्लेसेंटा प्रीविया की मरीज थी। अल्मोड़ा बेस अस्पताल से मरीज को हल्द्वानी रेफर किया गया था। इस दौरान परिजनों का मुझे फोन आया। मैंने स्थिति को समझते हुए उन्हें तुरंत रानीखेत बुलाया और ऑपरेशन कर सुरक्षित प्रसव कराया। मां और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। - डॉ. कमल किशोर, उप जिला चिकित्सालय रानीखेत
गर्भवती को रेफर करने का मामला फिलहाल मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर रेफर किया गया है तो किन कारणों से ऐसा किया गया है इसका पता लगाया जाएगा। - डॉ सीपी भैसोड, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा