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Almora News: परिवहन विभाग, पुलिस को चकमा देकर बाहरी राज्यों से सीधे पहाड़ आ रही हैं टैक्सी
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अल्मोड़ा। हिल लाइसेंस के बिना परिवहन विभाग और पुलिस को चकमा देकर दिल्ली, हरियाणा समेत अन्य बाहरी राज्यों से टैक्सी चालक सीधे पहाड़ पहुंच रहे हैं। इससे स्थानीय टैक्सी चालकों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।
पहाड़ों पर चलने वाले वाहन स्वामियों के मुताबिक चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली, कानपुर सहित अन्य बाहरी राज्यों से टैक्सियां बिना हिल लाइसेंस के धड़ल्ले से पहाड़ पहुंच रही हैं। इससे स्थानीय टैक्सी चालकों का रोजगार छीन रहा है। टैक्सी चालकों ने बताया कि पर्यटन सीजन और अन्य दिनों में पहाड़ घूमने आने वाले सवारियों से उनका रोजगार चलता था। टैक्सी स्टैंड पर वह इसी उम्मीद में खड़े रहते हैं कि बाहरी क्षेत्रों से पहाड़ घूमने आने वाली सवारियां उन्हें मिल सकें। टैक्सी चालकों का आरोप है कि बाहरी क्षेत्रों से बिना हिल लाइसेंस के टैक्सियां बे रोक टोक पहाड़ पहुंच रही है। बाहरी टैक्सी चालक परिवहन विभाग और पुलिस को भी गच्छा दे रहे हैं। मैदानी क्षेत्रों से पर्यटकों और यात्रियों के सीधी टैक्सी से पहाड़ आने से उनका रोजगार छीन रहा है। टैक्सी चालकों ने कहा कि एक तरफ डग्गामारों से परेशान हैं तो वहीं बाहरी राज्यों के टैक्सी चालक भी रोजगार में खलल पैदा कर रहे हैं।
बोले टैक्सी चालक और टैक्सी यूनियन पदाधिकारी
दिल्ली समेत अन्य मैदानी क्षेत्रों से टैक्सी चालकों के सीधे पहाड़ आने से पर्वतीय क्षेत्र के टैक्सी चालकों की रोजी-रोटी प्रभावित हो रही है। सवारियां नहीं मिलने से काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। पहाड़ के चालकों से ग्रीन टैक्स वसूला जा रहा है जबकि दिल्ली समेत अन्य स्थानों से आने वाले टैक्सी चालकों की मनमानी पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है।
बालकृष्ण जोशी बाली, कोषाध्यक्ष अल्मोड़ा टैक्सी मालिक सेवा समिति
हिल लाइसेंस के बिना हरियाणा समेत अन्य मैदानी राज्यों से धड़ल्ले से पहाड़ आने वाले टैक्सी चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इससे पहाड़ के टैक्सी चालकों की आय प्रभावित हो रही है। सवारियां नहीं मिलने से रोजी-रोटी संकट में है। यही हाल रहा तो आने वाले समय में और दिक्कतें झेलनी पड़ेगी।
आनंद सिंह भोज, उपसचिव अल्मोड़ा टैक्सी मालिक सेवा समिति
बिना हिल लाइसेंस के बाहरी राज्यों से सीधे पहाड़ आने वाले वाहनों की समय-समय पर चेकिंग की जाती है। पकड़े जाने पर संबंधित वाहन चालक का पांच हजार रुपये का चालान किया जाता है।
अनीता चंद्र, आरटीओ अल्मोड़ा
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पहाड़ों पर चलने वाले वाहन स्वामियों के मुताबिक चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली, कानपुर सहित अन्य बाहरी राज्यों से टैक्सियां बिना हिल लाइसेंस के धड़ल्ले से पहाड़ पहुंच रही हैं। इससे स्थानीय टैक्सी चालकों का रोजगार छीन रहा है। टैक्सी चालकों ने बताया कि पर्यटन सीजन और अन्य दिनों में पहाड़ घूमने आने वाले सवारियों से उनका रोजगार चलता था। टैक्सी स्टैंड पर वह इसी उम्मीद में खड़े रहते हैं कि बाहरी क्षेत्रों से पहाड़ घूमने आने वाली सवारियां उन्हें मिल सकें। टैक्सी चालकों का आरोप है कि बाहरी क्षेत्रों से बिना हिल लाइसेंस के टैक्सियां बे रोक टोक पहाड़ पहुंच रही है। बाहरी टैक्सी चालक परिवहन विभाग और पुलिस को भी गच्छा दे रहे हैं। मैदानी क्षेत्रों से पर्यटकों और यात्रियों के सीधी टैक्सी से पहाड़ आने से उनका रोजगार छीन रहा है। टैक्सी चालकों ने कहा कि एक तरफ डग्गामारों से परेशान हैं तो वहीं बाहरी राज्यों के टैक्सी चालक भी रोजगार में खलल पैदा कर रहे हैं।
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बोले टैक्सी चालक और टैक्सी यूनियन पदाधिकारी
दिल्ली समेत अन्य मैदानी क्षेत्रों से टैक्सी चालकों के सीधे पहाड़ आने से पर्वतीय क्षेत्र के टैक्सी चालकों की रोजी-रोटी प्रभावित हो रही है। सवारियां नहीं मिलने से काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। पहाड़ के चालकों से ग्रीन टैक्स वसूला जा रहा है जबकि दिल्ली समेत अन्य स्थानों से आने वाले टैक्सी चालकों की मनमानी पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है।
बालकृष्ण जोशी बाली, कोषाध्यक्ष अल्मोड़ा टैक्सी मालिक सेवा समिति
हिल लाइसेंस के बिना हरियाणा समेत अन्य मैदानी राज्यों से धड़ल्ले से पहाड़ आने वाले टैक्सी चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इससे पहाड़ के टैक्सी चालकों की आय प्रभावित हो रही है। सवारियां नहीं मिलने से रोजी-रोटी संकट में है। यही हाल रहा तो आने वाले समय में और दिक्कतें झेलनी पड़ेगी।
आनंद सिंह भोज, उपसचिव अल्मोड़ा टैक्सी मालिक सेवा समिति
बिना हिल लाइसेंस के बाहरी राज्यों से सीधे पहाड़ आने वाले वाहनों की समय-समय पर चेकिंग की जाती है। पकड़े जाने पर संबंधित वाहन चालक का पांच हजार रुपये का चालान किया जाता है।
अनीता चंद्र, आरटीओ अल्मोड़ा