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Chamoli News: 275 बरोहियों ने की संतान कामना, डोलियां मंदिरों के लिए रवाना
संवाद न्यूज एजेंसी, चमोली
Updated Thu, 04 Dec 2025 07:12 PM IST
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अनसूया मंदिर में भक्तों को दर्शन देतीं माता की डोली। संवाद
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फोटो
दो दिवसीय अनसूया मेले का हुआ समापन, 4000 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
संवाद न्यूज एजेंसी
गोपेश्वर। संतानदायिनी माता अनसूया के सानिध्य में रहने के बाद बृहस्पतिवार को छह गांवों की मां भगवती की डोलियां अपने-अपने मंदिरों के लिए रवाना हुईं। मंदिर के सभा मंडप में 275 बरोहियों (निसंतान दंपती) ने मां अनसूया की पूजा-अर्चना की। इसके साथ ही दो दिवसीय अनसूया मेला संपन्न हो गया। मेले में पहुंचे करीब 4000 श्रद्धालुओं ने मां अनसूया के दर्शन कर परिवार की कुशलता की कामना की। महिलाओं ने मंदिर परिसर में मांगल गीत गाए।
बीते बुधवार को देर शाम बणद्वारा, देवलधार, कठूड़ व सगर गांव की मां ज्वाला और मंडल व खल्ला गांव की मां अनसूया की रथ डोली ढोल दमाऊं के साथ अनसूया मंदिर पहुंची। सभी देव डोलियों ने मंदिर की परिक्रमा की और सभामंडप में विराजमान हो गईं। मंदिर के मुख्य पुजारियों ने देव डोलियों की विधिवत पूजा-अर्चना की। इसके बाद सभा मंडप में ही बरोहियों को जप-तप के लिए बैठाया गया। अनुष्ठान के दौरान जिस महिला को सपने में माता दर्शन देती गईं वह चुपके से उठकर सभामंडप से बाहर आती गई। यह प्रक्रिया पूरी रात चलती है। रातभर मंदिर में भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ। बृहस्पतिवार सुबह सात बजे से ही माता अनसूया और देव डोलियों की विशेष पूजाएं हुईं। मुख्य पुजारी डॉ. प्रदीप सेमवाल ने बताया कि मां अनसूया संतानदायिनी हैं। मंदिर में संतान कामना को लेकर इस वर्ष 275 बरोही पहुंचे हुए थे। पूजा-अर्चना के बाद सभी अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए। पूर्वाह्न 11 बजे खल्ला गांव की डोली करीब एक किमी दूर अत्रि मुनि आश्रम पहुंची। यहां डोली ने पवित्र स्नान किया। दोपहर दो बजे भोग लगने के बाद सभी डोलियों ने माता अनसूया से विदा ली और अपने-अपने मंदिरों के लिए रवाना हो गईं। शाम सात बजे तक डोलियां अपने मंदिर में विराजमान हो गईं। मंदिर के पांच किलोमीटर पैदल मार्ग से लेकर मंदिर परिसर तक विभिन्न संगठनों और स्थानीय लोगों ने भंडारे का आयोजन किया गया। सिरोली, देवलधार, बणद्वारा गांवों के साथ ही संकल्प अभियान की ओर से भंडारे लगाए गए।
इंसेट
हिमवंत देश होला त्रियुगीनारेण...
गोपेश्वर। अनसूया मेले की सांस्कृतिक संध्या लोक गायक किशन महिपाल के नाम रही। रातभर किशन महिपाल ने एक के बाद एक भजन व गीतों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रातभर अनसूया मंदिर के समीप स्थित मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती ने सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ किया। इसके बाद किशन ने हम छां तेरा लाल बोला जय बदरीविशाल..., मां अनसूया तू संतानदायिनी..., हिमवंत देश होला त्रियुगीनारेण..., देवतों मां देव ठुला त्रियुगीनारेण... जैसे भक्तिमय गीतों की प्रस्तुतियां दीं। इसके साथ ही कई गढ़वाली गीतों की प्रस्तुतियां भी दी गईं जिस पर दर्शक झूमने लगे। इस दौरान कलाकारों ने भी गीत प्रस्तुत किए। इस मौके पर अनसूया ट्रस्ट के अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट, देवेंद्र सिंह, महिपाल सिंह, मनवर, ओम प्रकाश, मनोज तिवारी आदि मौजूद रहे।
इंसेट
पुलिस ने बैरांगना में बनाई अस्थायी पार्किंग
- मेले में पहुंच रहे श्रद्धालुओं को लेकर आ रहे वाहनों के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से बैरांगना के खेल मैदान में अस्थायी पार्किंग बनाई गई थी जिस कारण अनसूया गेट और मेले में जाम की स्थिति नहीं बनीं। बीते वर्ष यातायात प्लान सफल नहीं होने से जाम लग गया था। इस वर्ष पुलिस अधीक्षक सुरजीत सिंह पंंवार के निर्देश पर यातायात व्यवस्था दुरुस्त की गई। श्रद्धालुओं को लेकर आ रहे वाहनों को बैरांगना में रोका गया। यहां से शटल सेवा के जरिये श्रद्धालुओं को अनसूया गेट तक भेेजा गया। संवाद
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संवाद न्यूज एजेंसी
गोपेश्वर। संतानदायिनी माता अनसूया के सानिध्य में रहने के बाद बृहस्पतिवार को छह गांवों की मां भगवती की डोलियां अपने-अपने मंदिरों के लिए रवाना हुईं। मंदिर के सभा मंडप में 275 बरोहियों (निसंतान दंपती) ने मां अनसूया की पूजा-अर्चना की। इसके साथ ही दो दिवसीय अनसूया मेला संपन्न हो गया। मेले में पहुंचे करीब 4000 श्रद्धालुओं ने मां अनसूया के दर्शन कर परिवार की कुशलता की कामना की। महिलाओं ने मंदिर परिसर में मांगल गीत गाए।
बीते बुधवार को देर शाम बणद्वारा, देवलधार, कठूड़ व सगर गांव की मां ज्वाला और मंडल व खल्ला गांव की मां अनसूया की रथ डोली ढोल दमाऊं के साथ अनसूया मंदिर पहुंची। सभी देव डोलियों ने मंदिर की परिक्रमा की और सभामंडप में विराजमान हो गईं। मंदिर के मुख्य पुजारियों ने देव डोलियों की विधिवत पूजा-अर्चना की। इसके बाद सभा मंडप में ही बरोहियों को जप-तप के लिए बैठाया गया। अनुष्ठान के दौरान जिस महिला को सपने में माता दर्शन देती गईं वह चुपके से उठकर सभामंडप से बाहर आती गई। यह प्रक्रिया पूरी रात चलती है। रातभर मंदिर में भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ। बृहस्पतिवार सुबह सात बजे से ही माता अनसूया और देव डोलियों की विशेष पूजाएं हुईं। मुख्य पुजारी डॉ. प्रदीप सेमवाल ने बताया कि मां अनसूया संतानदायिनी हैं। मंदिर में संतान कामना को लेकर इस वर्ष 275 बरोही पहुंचे हुए थे। पूजा-अर्चना के बाद सभी अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गए। पूर्वाह्न 11 बजे खल्ला गांव की डोली करीब एक किमी दूर अत्रि मुनि आश्रम पहुंची। यहां डोली ने पवित्र स्नान किया। दोपहर दो बजे भोग लगने के बाद सभी डोलियों ने माता अनसूया से विदा ली और अपने-अपने मंदिरों के लिए रवाना हो गईं। शाम सात बजे तक डोलियां अपने मंदिर में विराजमान हो गईं। मंदिर के पांच किलोमीटर पैदल मार्ग से लेकर मंदिर परिसर तक विभिन्न संगठनों और स्थानीय लोगों ने भंडारे का आयोजन किया गया। सिरोली, देवलधार, बणद्वारा गांवों के साथ ही संकल्प अभियान की ओर से भंडारे लगाए गए।
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हिमवंत देश होला त्रियुगीनारेण...
गोपेश्वर। अनसूया मेले की सांस्कृतिक संध्या लोक गायक किशन महिपाल के नाम रही। रातभर किशन महिपाल ने एक के बाद एक भजन व गीतों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रातभर अनसूया मंदिर के समीप स्थित मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती ने सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ किया। इसके बाद किशन ने हम छां तेरा लाल बोला जय बदरीविशाल..., मां अनसूया तू संतानदायिनी..., हिमवंत देश होला त्रियुगीनारेण..., देवतों मां देव ठुला त्रियुगीनारेण... जैसे भक्तिमय गीतों की प्रस्तुतियां दीं। इसके साथ ही कई गढ़वाली गीतों की प्रस्तुतियां भी दी गईं जिस पर दर्शक झूमने लगे। इस दौरान कलाकारों ने भी गीत प्रस्तुत किए। इस मौके पर अनसूया ट्रस्ट के अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट, देवेंद्र सिंह, महिपाल सिंह, मनवर, ओम प्रकाश, मनोज तिवारी आदि मौजूद रहे।
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पुलिस ने बैरांगना में बनाई अस्थायी पार्किंग
- मेले में पहुंच रहे श्रद्धालुओं को लेकर आ रहे वाहनों के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से बैरांगना के खेल मैदान में अस्थायी पार्किंग बनाई गई थी जिस कारण अनसूया गेट और मेले में जाम की स्थिति नहीं बनीं। बीते वर्ष यातायात प्लान सफल नहीं होने से जाम लग गया था। इस वर्ष पुलिस अधीक्षक सुरजीत सिंह पंंवार के निर्देश पर यातायात व्यवस्था दुरुस्त की गई। श्रद्धालुओं को लेकर आ रहे वाहनों को बैरांगना में रोका गया। यहां से शटल सेवा के जरिये श्रद्धालुओं को अनसूया गेट तक भेेजा गया। संवाद