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चमोली : आग में धधक रहे पोखरी क्षेत्र के कई जंगल
संवाद न्यूज एजेंसी, चमोली
Updated Mon, 29 Dec 2025 07:27 PM IST
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पोखरी के जंगलों में भड़की आग। संवाद
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फोटो
वन विभाग के कर्मचारी आग बुझाने में जुटे, एक तरफ बुझा रहे आग तो दूसरी तरफ फैल जा रही
लंबे समय से बारिश न हाेने से पहाड़ियाें में नमी हो रही कम
संवाद न्यूज एजेंसी
पोखरी (चमोली)। लंबे समय से बारिश और बर्फबारी न हाेने से अब पहाड़ियाें में नमी कम होने लगी है और जंगल आग में जल रहे हैं। पोखरी ब्लॉक के कई जंगलों में आग लगी हुई है। इससे बड़ी संख्या में वन संपदा को नुकसान हो रहा है। अचानक कई जंगलों में आग लगने से वन विभाग को भी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। वन कर्मी एक तरफ की आग बुझा रहे हैं तो दूसरी तरफ आग फैल जा रही है।
केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की नागनाथ रेंज के अंतर्गत ऐला, परतोली, जखमाला, डाडागैर व कलसीर क्षेत्र में रविवार देर शाम को आग लग गई जबकि रविवार दोपहर को गोदली, डांडा और डाडों के जंगल में आग लगी। ज्यादातर वन क्षेत्र में चीड़ के पेड़े हैं। इससे आग तेजी से फैल रही है। चारों तरफ लगी आग से पूरे क्षेत्र में धुआं फैल गया है। आग तेजी से जंगल के बड़े हिस्से में फैल रही है। आग लगने की सूचना पर वन विभाग के कर्मचारी सोमवार सुबह मौके पर पहुंचे लेकिन विषम भौगोलिक वाले जंगलों में आग को काबू करना उनके लिए चुनौती बना हुआ है। वन कर्मी एक तरफ की आग बुझाने में जुटे हुए थे तभी सोमवार दोपहर को अन्य जगह के जंगलों में भी आग लग गई। सूखी घास और तेज हवा चलने से आग काफी बड़े क्षेत्र में फैल चुकी है। इससे भारी मात्रा में वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। वन क्षेत्राधिकारी नवल किशोर नेगी, वन दरोगा मोहन सिंह बर्त्वाल टीम के साथ मौके पर जाकर आग बुझाने में जुटे हैं। लेकिन आग काफी बड़े क्षेत्र में फैल चुकी है। वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि आग पर नियंत्रण का प्रयास किया जा रहा है। जल्दी ही आग को काबू कर लिया जाएगा।
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एक माह में वनाग्नि की तीन घटनाएं
- रैसू बीट के गणवे तोक में 30 नवंबर को आग लगी थी। वन विभाग को आग बुझाने में तीन दिन लगे। वहीं हाल ही में 24 दिसंबर को भी रैसू बीट के अंतर्गत कखाडोब, डुगधार के जंगल में आग लगी थी। अब फिर रैसू बीट, कलसीर बीट के जंगल आग से धधक रहे हैं। संवाद
कागभुषंडी क्षेत्र के जंगल में लगी आग, जाने का भी नहीं है रास्ता
देवदार, बांज सहित अन्य प्रजाति के पेड़ों को पहुंचा नुकसान
संवाद न्यूज एजेंसी
ज्योतिर्मठ। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की गोविंदघाट रेंज के अंतर्गत कागभुषंडी क्षेत्र में आग लगने से भारी वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। रास्ता न होने से वन विभाग के कर्मचारी भी मौके पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। वनाग्नि से क्षेत्र के देवदार, बांज सहित अन्य प्रजाति के पेड़-पौधों को नुकसान हुआ है।
रविवार देर शाम कागभुषंडी क्षेत्र के जंगल में अचानक आग लग गई। वन विभाग की टीम सुबह आग बुझाने के लिए रवाना हुई लेकिन यहां पहुंचने के लिए अलकनंदा नदी को पार करना पड़ता है। नदी में पानी अधिक होने से वन कर्मी नदी पार नहीं कर पा रहे हैं जिससे आग लगातार फैलती जा रही है। यह क्षेत्र विभिन्न तरह के पेड़ों व जैव विविधता से भरा हुआ है। आग से यहां वनस्पति को भारी नुकसान पहुंच रहा है। लंबे समय से बारिश नहीं होने से पहाड़ियों की घास सूख चुकी है सूखे पत्ते जंगल में बिखरे पड़े हैं। लगातार धूप होने से घास और पत्ते सूखे हुए हैं जिससे आग तेजी से फैल रही है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि कागभुषंडी क्षेत्र में आग किसने लगाई इसका पता नहीं चल पाया है। अलकनंदा नदी का जलस्तर अधिक होने से टीम वहां तक नहीं पहुंच पा रही है। टीम की ओर से क्षेत्र में पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।
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वन विभाग के कर्मचारी आग बुझाने में जुटे, एक तरफ बुझा रहे आग तो दूसरी तरफ फैल जा रही
लंबे समय से बारिश न हाेने से पहाड़ियाें में नमी हो रही कम
संवाद न्यूज एजेंसी
पोखरी (चमोली)। लंबे समय से बारिश और बर्फबारी न हाेने से अब पहाड़ियाें में नमी कम होने लगी है और जंगल आग में जल रहे हैं। पोखरी ब्लॉक के कई जंगलों में आग लगी हुई है। इससे बड़ी संख्या में वन संपदा को नुकसान हो रहा है। अचानक कई जंगलों में आग लगने से वन विभाग को भी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। वन कर्मी एक तरफ की आग बुझा रहे हैं तो दूसरी तरफ आग फैल जा रही है।
केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की नागनाथ रेंज के अंतर्गत ऐला, परतोली, जखमाला, डाडागैर व कलसीर क्षेत्र में रविवार देर शाम को आग लग गई जबकि रविवार दोपहर को गोदली, डांडा और डाडों के जंगल में आग लगी। ज्यादातर वन क्षेत्र में चीड़ के पेड़े हैं। इससे आग तेजी से फैल रही है। चारों तरफ लगी आग से पूरे क्षेत्र में धुआं फैल गया है। आग तेजी से जंगल के बड़े हिस्से में फैल रही है। आग लगने की सूचना पर वन विभाग के कर्मचारी सोमवार सुबह मौके पर पहुंचे लेकिन विषम भौगोलिक वाले जंगलों में आग को काबू करना उनके लिए चुनौती बना हुआ है। वन कर्मी एक तरफ की आग बुझाने में जुटे हुए थे तभी सोमवार दोपहर को अन्य जगह के जंगलों में भी आग लग गई। सूखी घास और तेज हवा चलने से आग काफी बड़े क्षेत्र में फैल चुकी है। इससे भारी मात्रा में वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। वन क्षेत्राधिकारी नवल किशोर नेगी, वन दरोगा मोहन सिंह बर्त्वाल टीम के साथ मौके पर जाकर आग बुझाने में जुटे हैं। लेकिन आग काफी बड़े क्षेत्र में फैल चुकी है। वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि आग पर नियंत्रण का प्रयास किया जा रहा है। जल्दी ही आग को काबू कर लिया जाएगा।
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एक माह में वनाग्नि की तीन घटनाएं
- रैसू बीट के गणवे तोक में 30 नवंबर को आग लगी थी। वन विभाग को आग बुझाने में तीन दिन लगे। वहीं हाल ही में 24 दिसंबर को भी रैसू बीट के अंतर्गत कखाडोब, डुगधार के जंगल में आग लगी थी। अब फिर रैसू बीट, कलसीर बीट के जंगल आग से धधक रहे हैं। संवाद
कागभुषंडी क्षेत्र के जंगल में लगी आग, जाने का भी नहीं है रास्ता
देवदार, बांज सहित अन्य प्रजाति के पेड़ों को पहुंचा नुकसान
संवाद न्यूज एजेंसी
ज्योतिर्मठ। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की गोविंदघाट रेंज के अंतर्गत कागभुषंडी क्षेत्र में आग लगने से भारी वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। रास्ता न होने से वन विभाग के कर्मचारी भी मौके पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। वनाग्नि से क्षेत्र के देवदार, बांज सहित अन्य प्रजाति के पेड़-पौधों को नुकसान हुआ है।
रविवार देर शाम कागभुषंडी क्षेत्र के जंगल में अचानक आग लग गई। वन विभाग की टीम सुबह आग बुझाने के लिए रवाना हुई लेकिन यहां पहुंचने के लिए अलकनंदा नदी को पार करना पड़ता है। नदी में पानी अधिक होने से वन कर्मी नदी पार नहीं कर पा रहे हैं जिससे आग लगातार फैलती जा रही है। यह क्षेत्र विभिन्न तरह के पेड़ों व जैव विविधता से भरा हुआ है। आग से यहां वनस्पति को भारी नुकसान पहुंच रहा है। लंबे समय से बारिश नहीं होने से पहाड़ियों की घास सूख चुकी है सूखे पत्ते जंगल में बिखरे पड़े हैं। लगातार धूप होने से घास और पत्ते सूखे हुए हैं जिससे आग तेजी से फैल रही है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क की वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि कागभुषंडी क्षेत्र में आग किसने लगाई इसका पता नहीं चल पाया है। अलकनंदा नदी का जलस्तर अधिक होने से टीम वहां तक नहीं पहुंच पा रही है। टीम की ओर से क्षेत्र में पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।

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