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Chamoli News: चमोली के लोहाजंग व ग्वालदम से उड़ान भरेंगे पैराग्लाइडर
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चमोली के लोहाजंग व ग्वालदम से उड़ान भरेंगे पैराग्लाइडर
- पर्यटन विभाग ने यहां पर दो बार कराया पैराग्लाइडिंग का सफल ट्रायल
विमल सिंह
गोपेश्वर। जिले के लोहाजंग और ग्वालदम में पर्यटन विभाग ने पैराग्लाइडिंग जैसे साहसिक गतिविधियां कराने की योजना बनाई है। विभाग की ओर से यहां पर दो बार ट्रालय भी कराया गया, जो सफल रहा। सब कुछ सही रहा तो चमोली जिला पैराग्लाइडिंग का हब बन जाएगा।
चमोली जिला पर्यटन के लिए काफी प्रसिद्ध है। जहां हर साल हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। अब पर्यटन विभाग यहां की खूबसूरत वादियों में पैराग्लाइडिंग कराने के लिए प्रयास कर रहा है। विभाग ने इसके लिए चमोली जिले के दो स्थानों को चुना है, पहला देवाल विकासखंड का लोहाजंग और दूसरा थाराली विकासखंड का ग्वालदम। इन जगह पर पर्यटन विभाग दो बार अनुभवी पायलटों से सफल ट्रायल करवा चुका है। अब यहां पर इन साहसिक गतिविधियों को करवाने के लिए पर्यटन विभाग चमोली को मुख्यालय से हरी झंडी का इंतजार है। लोहाजंग के ऊपर आइजन टॉप को पैराग्लाइडिंग के लिए सबसे उपयुक्त माना जा रहा है। यहां उड़ान भरने के बाद ब्रह्मताल, थराली, त्रिशूल, नंदा घंटी, वेदनी, पिंडर नदी, देवाल सहित अन्य मनोरम दृश्य देखने को मिलेंगे।
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तकनीकी टीम को करना है निरीक्षण
जिले के लोहाजंग और ग्वालदम में एयरो गतिविधियां संचालित कराने के लिए पर्यटन विभाग की तकनीकी टीम की ओर से निरीक्षण किया जाना है। जिसमें विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह टीम क्षेत्र में हवा के रुख का निरीक्षण करेगी। टेकऑफ करने और लैंड करने की जगह सहित अन्य जरूरी तकनीकों को देखेगी। सब कुछ सही पाए जाने पर ही यहां पैराग्लाइडिंग कराने की अनुमति दी जाएगी। जिला पर्यटन विभाग चमोली ने लोहाजंग में पैराग्लाइडिंग क्राॅस कंट्री कार्यक्रम प्रस्तावित किया है। जिसके लिए विभाग की ओर से मुख्य कार्याधिकारी उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद को पत्र भेजा है, जिसमें लोहाजंग और ग्वालदम का तकनीकी टीम से निरीक्षण करवाने का अनुरोध किया गया है।
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युवा किए प्रशिक्षित, 100 घंटे का चाहिए अनुभव
विभाग ने यहां पर सात युवाओं को पैराग्लाइडिंग का प्रशिक्षण भी दिया है। ताकि यदि पैराग्लाइडिंग शुरू होती है तो स्थानीय युवा इसको संचालित करवा सकें। लेकिन कमर्शियल पैराग्लाइडिंग के लिए पायलट के पास कम से कम 100 घंटे की उड़ान का अनुभव होना जरूरी है। क्राॅस कंट्री में अन्य जगह के अनुभवी पायलट आएंगे, जिसका लाभ स्थानीय युवाओं को मिलेगा।
लोहाजंग और ग्वालदम में पैराग्लाइडिंग शुरू कराने की योजना है। इन जगह पर अनुभवी पायलटों से ट्रायल भी कराया गया है। मुख्यालय से तकनीकी टीम से निरीक्षण के लिए लिखा गया है। तकनीकी टीम की हरी झंडी के बाद ही यहां पर पैराग्लाइडिंग की गतिविधियां कराई जा सकेंगी। लोहाजंग में पैराग्लाइडिंग क्राॅस कंट्री भी प्रस्तावित है।
- अरविंद गौड़, जिला पर्यटन विकास अधिकारी, चमोली
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- पर्यटन विभाग ने यहां पर दो बार कराया पैराग्लाइडिंग का सफल ट्रायल
विमल सिंह
गोपेश्वर। जिले के लोहाजंग और ग्वालदम में पर्यटन विभाग ने पैराग्लाइडिंग जैसे साहसिक गतिविधियां कराने की योजना बनाई है। विभाग की ओर से यहां पर दो बार ट्रालय भी कराया गया, जो सफल रहा। सब कुछ सही रहा तो चमोली जिला पैराग्लाइडिंग का हब बन जाएगा।
चमोली जिला पर्यटन के लिए काफी प्रसिद्ध है। जहां हर साल हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। अब पर्यटन विभाग यहां की खूबसूरत वादियों में पैराग्लाइडिंग कराने के लिए प्रयास कर रहा है। विभाग ने इसके लिए चमोली जिले के दो स्थानों को चुना है, पहला देवाल विकासखंड का लोहाजंग और दूसरा थाराली विकासखंड का ग्वालदम। इन जगह पर पर्यटन विभाग दो बार अनुभवी पायलटों से सफल ट्रायल करवा चुका है। अब यहां पर इन साहसिक गतिविधियों को करवाने के लिए पर्यटन विभाग चमोली को मुख्यालय से हरी झंडी का इंतजार है। लोहाजंग के ऊपर आइजन टॉप को पैराग्लाइडिंग के लिए सबसे उपयुक्त माना जा रहा है। यहां उड़ान भरने के बाद ब्रह्मताल, थराली, त्रिशूल, नंदा घंटी, वेदनी, पिंडर नदी, देवाल सहित अन्य मनोरम दृश्य देखने को मिलेंगे।
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तकनीकी टीम को करना है निरीक्षण
जिले के लोहाजंग और ग्वालदम में एयरो गतिविधियां संचालित कराने के लिए पर्यटन विभाग की तकनीकी टीम की ओर से निरीक्षण किया जाना है। जिसमें विशेषज्ञ शामिल होंगे। यह टीम क्षेत्र में हवा के रुख का निरीक्षण करेगी। टेकऑफ करने और लैंड करने की जगह सहित अन्य जरूरी तकनीकों को देखेगी। सब कुछ सही पाए जाने पर ही यहां पैराग्लाइडिंग कराने की अनुमति दी जाएगी। जिला पर्यटन विभाग चमोली ने लोहाजंग में पैराग्लाइडिंग क्राॅस कंट्री कार्यक्रम प्रस्तावित किया है। जिसके लिए विभाग की ओर से मुख्य कार्याधिकारी उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद को पत्र भेजा है, जिसमें लोहाजंग और ग्वालदम का तकनीकी टीम से निरीक्षण करवाने का अनुरोध किया गया है।
युवा किए प्रशिक्षित, 100 घंटे का चाहिए अनुभव
विभाग ने यहां पर सात युवाओं को पैराग्लाइडिंग का प्रशिक्षण भी दिया है। ताकि यदि पैराग्लाइडिंग शुरू होती है तो स्थानीय युवा इसको संचालित करवा सकें। लेकिन कमर्शियल पैराग्लाइडिंग के लिए पायलट के पास कम से कम 100 घंटे की उड़ान का अनुभव होना जरूरी है। क्राॅस कंट्री में अन्य जगह के अनुभवी पायलट आएंगे, जिसका लाभ स्थानीय युवाओं को मिलेगा।
लोहाजंग और ग्वालदम में पैराग्लाइडिंग शुरू कराने की योजना है। इन जगह पर अनुभवी पायलटों से ट्रायल भी कराया गया है। मुख्यालय से तकनीकी टीम से निरीक्षण के लिए लिखा गया है। तकनीकी टीम की हरी झंडी के बाद ही यहां पर पैराग्लाइडिंग की गतिविधियां कराई जा सकेंगी। लोहाजंग में पैराग्लाइडिंग क्राॅस कंट्री भी प्रस्तावित है।
- अरविंद गौड़, जिला पर्यटन विकास अधिकारी, चमोली