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Chamoli News: नहर का तीन किमी हिस्सा क्षतिग्रस्त, सिंचाई का संकट
संवाद न्यूज एजेंसी, चमोली
Updated Fri, 21 Nov 2025 04:46 PM IST
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लोगों ने पालिंगबाड़ी नहर की मरम्मत की उठाई मांग
संवाद न्यूज एजेंसी
गैरसैंण। चार दशक पूर्व निर्मित खनसर की चार किमी पालिंगबाड़ी नहर का तीन किमी हिस्सा लंबे समय से क्षतिग्रस्त पड़ा है। नहर पर केवल एक किमी पर ही पानी चल रहा है जिससे केवल दासमिया गांव की भूमि ही सिंचित हो पा रही है जबकि तीन किमी भूमि की सिंचाई नहीं हो पा रही है। पानी के अभाव में किसान सिंचाई के संकट से जूझ रहे हैं।
खनसर विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट, पूर्व जिपंस अवतार सिंह पुंडीर, कुशरानी व लामबगड़ के दयाल सिंह पुंडीर, चतुर सिंह पुंडीर, पुष्पा देवी, ममता देवी, मुन्नी दवी, विक्रम पुंडीर ने बताया कि नहर के अंतिम गांव लामबगड़ तक डेढ़ किमी नहर एक दशक से और डेढ़ किमी ही कुशरानी के पास तीन साल से नहर क्षतिग्रस्त पड़ी है। ऐसे में लामबगड़, कुशरानी आदि गावों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने शीघ्र नहर की मरम्मत कर किसानों को सिंचाई सुविधा मुहैया कराने की मांग की। वहीं सिंचाई विभाग के एई हरिदर्शन रावत ने कहा कि गत वर्ष इस नहर की मरम्मत के लिए 37.5 लाख का आगणन तैयार कर उच्चस्तर पर भेजा गया था लेकिन स्वीकृति न मिल पाने के कारण अब नए मानकों के आधार पर प्रस्ताव तैयार कर उच्चस्तर पर स्वीकृति के लिए दोबारा भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर शीघ्र समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
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गैरसैंण। चार दशक पूर्व निर्मित खनसर की चार किमी पालिंगबाड़ी नहर का तीन किमी हिस्सा लंबे समय से क्षतिग्रस्त पड़ा है। नहर पर केवल एक किमी पर ही पानी चल रहा है जिससे केवल दासमिया गांव की भूमि ही सिंचित हो पा रही है जबकि तीन किमी भूमि की सिंचाई नहीं हो पा रही है। पानी के अभाव में किसान सिंचाई के संकट से जूझ रहे हैं।
खनसर विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट, पूर्व जिपंस अवतार सिंह पुंडीर, कुशरानी व लामबगड़ के दयाल सिंह पुंडीर, चतुर सिंह पुंडीर, पुष्पा देवी, ममता देवी, मुन्नी दवी, विक्रम पुंडीर ने बताया कि नहर के अंतिम गांव लामबगड़ तक डेढ़ किमी नहर एक दशक से और डेढ़ किमी ही कुशरानी के पास तीन साल से नहर क्षतिग्रस्त पड़ी है। ऐसे में लामबगड़, कुशरानी आदि गावों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने शीघ्र नहर की मरम्मत कर किसानों को सिंचाई सुविधा मुहैया कराने की मांग की। वहीं सिंचाई विभाग के एई हरिदर्शन रावत ने कहा कि गत वर्ष इस नहर की मरम्मत के लिए 37.5 लाख का आगणन तैयार कर उच्चस्तर पर भेजा गया था लेकिन स्वीकृति न मिल पाने के कारण अब नए मानकों के आधार पर प्रस्ताव तैयार कर उच्चस्तर पर स्वीकृति के लिए दोबारा भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर शीघ्र समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
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