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Haridwar News: निवास प्रमाणपत्र के लिए लगाई फर्जी खतौनी की नकल, प्राथमिकी दर्ज
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- ज्वालापुर कोतवाली में तहसीलदार ने कराई प्राथमिकी दर्ज
संवाद न्यूज एजेंसी
हरिद्वार। फर्जी खतौनी की नकल लगाकर स्थायी निवास प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने के मामले में ज्वालापुर पुलिस ने सीएससी संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी सहित प्रभावी धाराओं में प्राथमिकी की दर्ज कर ली है। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद तहसीलदार ने इस संबंध में तहरीर दी थी।
पुलिस के अनुसार, हरिद्वार तहसीलदार सचिन कुमार ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि मुस्तफाबाद निवासी साजिद ने बीते नौ नवंबर को नवाजिश पुत्र नूर आलम निवासी ग्राम मुस्तफाबाद का स्थायी निवास प्रमाणपत्र के लिए आवेदन ई-सर्विसेज पोर्टल पर किया था। जांच के दौरान पाया गया कि आवेदन के साथ संलग्न खतौनी कूटरचित थी। अपलोड की गई खतौनी में ग्राम मुस्तफाबाद, परगना ज्वालापुर की षटवार्षिक खतौनी (1421–1426) के खाता संख्या 12, खसरा संख्या 74 में नाम मुस्तकीम पुत्र सद्दीक अंकित दिखाया गया है, जबकि वास्तविक रिकॉर्ड में उसी स्थान पर अब्दुल मजीद पुत्र अल्लादीन नाम दर्ज है। यह अंतर स्पष्ट रूप से दस्तावेजों में कूटरचना को दर्शाता है।
तहसीलदार ने बताया कि साजिद अपने सीएससी के माध्यम से कई व्यक्तियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज अपलोड कर विभिन्न प्रमाण पत्र गैरकानूनी तरीके से जारी करा रहा है। स्थायी निवास प्रमाणपत्र सहित अन्य प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल सरकारी नौकरियों, छात्रवृत्ति और राज्य योजनाओं में होता है।
तहसीलदार ने ज्वालापुर कोतवाली में 21 नवंबर को साजिद और उसके सहयोगियों के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने शुरुआती जांच की और बृहस्पतिवार देर रात प्राथमिकी दर्ज कर ली। कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा ने बताया कि विवेचना की जा रही है। जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।
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संवाद न्यूज एजेंसी
हरिद्वार। फर्जी खतौनी की नकल लगाकर स्थायी निवास प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने के मामले में ज्वालापुर पुलिस ने सीएससी संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी सहित प्रभावी धाराओं में प्राथमिकी की दर्ज कर ली है। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद तहसीलदार ने इस संबंध में तहरीर दी थी।
पुलिस के अनुसार, हरिद्वार तहसीलदार सचिन कुमार ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि मुस्तफाबाद निवासी साजिद ने बीते नौ नवंबर को नवाजिश पुत्र नूर आलम निवासी ग्राम मुस्तफाबाद का स्थायी निवास प्रमाणपत्र के लिए आवेदन ई-सर्विसेज पोर्टल पर किया था। जांच के दौरान पाया गया कि आवेदन के साथ संलग्न खतौनी कूटरचित थी। अपलोड की गई खतौनी में ग्राम मुस्तफाबाद, परगना ज्वालापुर की षटवार्षिक खतौनी (1421–1426) के खाता संख्या 12, खसरा संख्या 74 में नाम मुस्तकीम पुत्र सद्दीक अंकित दिखाया गया है, जबकि वास्तविक रिकॉर्ड में उसी स्थान पर अब्दुल मजीद पुत्र अल्लादीन नाम दर्ज है। यह अंतर स्पष्ट रूप से दस्तावेजों में कूटरचना को दर्शाता है।
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तहसीलदार ने बताया कि साजिद अपने सीएससी के माध्यम से कई व्यक्तियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज अपलोड कर विभिन्न प्रमाण पत्र गैरकानूनी तरीके से जारी करा रहा है। स्थायी निवास प्रमाणपत्र सहित अन्य प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल सरकारी नौकरियों, छात्रवृत्ति और राज्य योजनाओं में होता है।
तहसीलदार ने ज्वालापुर कोतवाली में 21 नवंबर को साजिद और उसके सहयोगियों के खिलाफ तहरीर दी। पुलिस ने शुरुआती जांच की और बृहस्पतिवार देर रात प्राथमिकी दर्ज कर ली। कोतवाली प्रभारी कुंदन सिंह राणा ने बताया कि विवेचना की जा रही है। जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।