{"_id":"68c44b06abe21df17d05ebb2","slug":"the-administration-sealed-the-donation-box-and-disputed-properties-of-sukhro-devi-temple-kotdwar-news-c-5-1-gkp1010-787094-2025-09-12","type":"story","status":"publish","title_hn":"Kotdwar News: सुखरो देवी मंदिर के दान पात्र व विवादित संपत्तियां प्रशासन ने की सील","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Kotdwar News: सुखरो देवी मंदिर के दान पात्र व विवादित संपत्तियां प्रशासन ने की सील
विज्ञापन

विज्ञापन
कोटद्वार। तहसीलदार साक्षी उपाध्याय के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम ने परगना मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को मंदिर की विवादित संपत्ति को सील कर दिया है। मंदिर परिसर स्थित पुस्तकालय और वाचनालय में अध्ययन कर रहे छात्र-छात्राओं और पुस्तक प्रेमियों को बाहर निकालकर दोनों कक्षों में ताला जड़ कर सील कर दिया गया है। इस मौके पर नवगठित मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने प्रशासन की कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए सक्षम न्यायालय की शरण ली है।
शुक्रवार दोपहर करीब सवा एक बजे तहसीलदार साक्षी उपाध्याय के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम देवी मंदिर पहुंची। यहां टीम ने लोहे, स्टील व लकड़ी के कुल सात दान पात्र, शशिरानी वाचनालय, सरस्वती त्रिलोक पुस्तकालय एवं मंदिर समिति का कार्यालय सील कर दिया। टीम ने दुकानों को भी सील करना शुरू किया, लेकिन दुकानदारों की ओर से विरोध करने पर प्रशासन ने दुकानों को सील नहीं किया। तहसीलदार साक्षी उपाध्याय ने बताया कि परगना मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश पर मंदिर की विवादित संपत्तियों को सील कर दिया गया है। इस मौके पर कोतवाल रमेश तनवार, प्रभारी नायब तहसीलदार मनोहर सिंह नेगी समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। इससे पूर्व कोतवाली में एएसपी चंद्रमोहन सिंह ने पुलिस बल को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। पुस्तकालय और वाचनालय को सील करने पर कई लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई। कहा कि पुस्तकालय और वाचनालय को मंदिर के कामकाज से सीधा कोई संबंध नहीं है। इसका उपयोग गरीब घरों के पढ़ने वाले बच्चे करते हैं। पुस्तकालय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिलमाना का कहना था कि वह वर्ष 2002 से पुस्तकालय का संचालन कर रहे हैं। बच्चों के हित में वह लोगों के घरों से पुस्तकें मांगकर यहां रखते हैं। कहा कि इससे बच्चों का नुकसान होगा।

Trending Videos
शुक्रवार दोपहर करीब सवा एक बजे तहसीलदार साक्षी उपाध्याय के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम देवी मंदिर पहुंची। यहां टीम ने लोहे, स्टील व लकड़ी के कुल सात दान पात्र, शशिरानी वाचनालय, सरस्वती त्रिलोक पुस्तकालय एवं मंदिर समिति का कार्यालय सील कर दिया। टीम ने दुकानों को भी सील करना शुरू किया, लेकिन दुकानदारों की ओर से विरोध करने पर प्रशासन ने दुकानों को सील नहीं किया। तहसीलदार साक्षी उपाध्याय ने बताया कि परगना मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश पर मंदिर की विवादित संपत्तियों को सील कर दिया गया है। इस मौके पर कोतवाल रमेश तनवार, प्रभारी नायब तहसीलदार मनोहर सिंह नेगी समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। इससे पूर्व कोतवाली में एएसपी चंद्रमोहन सिंह ने पुलिस बल को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। पुस्तकालय और वाचनालय को सील करने पर कई लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई। कहा कि पुस्तकालय और वाचनालय को मंदिर के कामकाज से सीधा कोई संबंध नहीं है। इसका उपयोग गरीब घरों के पढ़ने वाले बच्चे करते हैं। पुस्तकालय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिलमाना का कहना था कि वह वर्ष 2002 से पुस्तकालय का संचालन कर रहे हैं। बच्चों के हित में वह लोगों के घरों से पुस्तकें मांगकर यहां रखते हैं। कहा कि इससे बच्चों का नुकसान होगा।
विज्ञापन
विज्ञापन