{"_id":"69288f384d754a18540f7346","slug":"36461-pilgrims-visited-adi-kailash-and-om-parvat-pithoragarh-news-c-230-1-pth1019-135263-2025-11-27","type":"story","status":"publish","title_hn":"Pithoragarh News: 36,461 यात्रियों ने किए आदि कैलाश, ओम पर्वत के दर्शन","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Pithoragarh News: 36,461 यात्रियों ने किए आदि कैलाश, ओम पर्वत के दर्शन
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Thu, 27 Nov 2025 11:19 PM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
पिथौरागढ़/धारचूला । उच्च हिमालयी क्षेत्र में कड़ाके की ठंड को देखते हुए व्यास घाटी स्थित आदि कैलाश यात्रा एक दिसंबर से बंद हो जाएगी। इस साल अब तक 36,461 यात्री आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन कर चुके हैं।
अक्तूबर 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलाश दर्शन के बाद बड़ी संख्या में यात्री वहां पहुंच रहे हैं। पिछले वर्ष करीब 28 हजार यात्रियों ने आदि कैलाश के दर्शन किए। बीआरओ की ओर से उच्च हिमालयी क्षेत्र ज्योलिंगकांग तक सड़क बनने से अब यह यात्रा काफी सुगम हो गई है। इसके चलते बड़ी संख्या में यात्री आदि कैलाश, पार्वती, गौरी कुंड के दर्शन कर पा रहे हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्र में पर्यटन सुविधाएं बढ़ने से यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी खुले हैं।
होटल, होम स्टे, टैक्सी संचालकों के साथ ही स्थानीय उत्पादकों की आय में भी इजाफा हो रहा है। धारचूला के उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने सोशल मीडिया के माध्यम से पार्वती कुंड क्षेत्र में तापमान गिरने से बर्फ जमना शुरू हो गई है। यात्रा मार्ग भी वर्तमान सुगम नहीं है। उच्च हिमालयी क्षेत्र से लोगों का माइग्रेशन भी शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान यात्रा के लिए इनर लाइन परमिट के लिए आवेदन भी काफी कम संख्या में प्राप्त हो रहे हैं। बताया कि पिछले वर्ष 15 नवंबर से इनर लाइन परमिट बंद हो गए थे। उन्होंने बताया कि एक दिसंबर से यात्रा के लिए परमिट बंद किए जा रहे हैं।
बाक्स
1991 से संचालित हो रही है आदि कैलाश यात्रा
कुमाऊं मंडल विकास निगम की ओर से वर्ष 1991 से आदि कैलाश यात्रा का संचालन किया जा रहा है। यह यात्रा पहले काफी दुर्गम मानी जाती थी। यात्री पिथौरागढ़ से नौवें दिन ज्योलिंगकांग पहुंच आदि कैलाश के दर्शन करते थे। तवाघाट से आगे पांगू, सिरखा, गाला, मालपा, बूंदी, गुंजी, कुटी के बाद ज्योलिंगकांग में विश्राम कर अगले दिन यात्री आदि कैलाश पर्वत के दर्शन करते थे। वर्तमान में सड़क सुविधा के चलते यात्रा दो दिन में पूरी हो जा रही है।
Trending Videos
अक्तूबर 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलाश दर्शन के बाद बड़ी संख्या में यात्री वहां पहुंच रहे हैं। पिछले वर्ष करीब 28 हजार यात्रियों ने आदि कैलाश के दर्शन किए। बीआरओ की ओर से उच्च हिमालयी क्षेत्र ज्योलिंगकांग तक सड़क बनने से अब यह यात्रा काफी सुगम हो गई है। इसके चलते बड़ी संख्या में यात्री आदि कैलाश, पार्वती, गौरी कुंड के दर्शन कर पा रहे हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्र में पर्यटन सुविधाएं बढ़ने से यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी खुले हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
होटल, होम स्टे, टैक्सी संचालकों के साथ ही स्थानीय उत्पादकों की आय में भी इजाफा हो रहा है। धारचूला के उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने सोशल मीडिया के माध्यम से पार्वती कुंड क्षेत्र में तापमान गिरने से बर्फ जमना शुरू हो गई है। यात्रा मार्ग भी वर्तमान सुगम नहीं है। उच्च हिमालयी क्षेत्र से लोगों का माइग्रेशन भी शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान यात्रा के लिए इनर लाइन परमिट के लिए आवेदन भी काफी कम संख्या में प्राप्त हो रहे हैं। बताया कि पिछले वर्ष 15 नवंबर से इनर लाइन परमिट बंद हो गए थे। उन्होंने बताया कि एक दिसंबर से यात्रा के लिए परमिट बंद किए जा रहे हैं।
बाक्स
1991 से संचालित हो रही है आदि कैलाश यात्रा
कुमाऊं मंडल विकास निगम की ओर से वर्ष 1991 से आदि कैलाश यात्रा का संचालन किया जा रहा है। यह यात्रा पहले काफी दुर्गम मानी जाती थी। यात्री पिथौरागढ़ से नौवें दिन ज्योलिंगकांग पहुंच आदि कैलाश के दर्शन करते थे। तवाघाट से आगे पांगू, सिरखा, गाला, मालपा, बूंदी, गुंजी, कुटी के बाद ज्योलिंगकांग में विश्राम कर अगले दिन यात्री आदि कैलाश पर्वत के दर्शन करते थे। वर्तमान में सड़क सुविधा के चलते यात्रा दो दिन में पूरी हो जा रही है।

कमेंट
कमेंट X