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Pithoragarh News: गांवों तक बनेंगी सड़कें, विकास दौड़ा चला आएगा
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Tue, 16 Dec 2025 10:43 PM IST
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पिथौरागढ़। सीमांत जिले के दूरस्थ गांव जल्द ही सड़क से जुड़ेंगे। जिले में 179.86 करोड़ रुपये से 102.74 किलोमीटर लंबी सड़कों का जाल बिछेगा। 50 से अधिक गांव सड़क से जुड़ेंगे तो ग्रामीणों की आवाजाही सुगम होने के साथ विकास भी यहां तक पहुंचेगा। केंद्र सरकार से जिले में 14 सड़कों को स्वीकृति मिली है इससे ग्रामीणों में खुशी है।
बिण, मुनस्यारी और धारचूला विकासखंड में चीन और नेपाल सीमा पर बसे दूरस्थ गांवों तक जल्द सड़क पहुंचने की उम्मीद जगी है। केंद्र सरकार ने पीएमजीएसवाई के तहत तीनों विकासखंडों में 14 सड़कों को स्वीकृति दी है। इन सड़कों की लंबाई 102.74 किलोमीटर होगी। इन सड़कों के निर्माण में 179.86 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 50 से अधिक गांव सड़क से जुड़ेंगे जिससे 30 हजार से अधिक की आबादी को इसका लाभ मिलेगा।
दरअसल धारचूला और मुनस्यारी के हिमखोला, दारमा, सिरतोला, बौना, गोल्फा, गांधीनगर, बसंतकोट, पातों, फल्याटीं सहित अन्य दूरस्थ गांवों के ग्रामीण सड़क न होने से कई तरह की दुश्वारियां झेल रहे हैं। बीमारों और गर्भवतियों को डोली के सहारे अस्पताल पहुंचाना ग्रामीणों के लिए मजबूरी बना हुआ है। गांवों तक सड़क नहीं होने से संबंधित गांवों में विकास भी नहीं पहुंच पाया है। इन बदहाल व्यवस्थाओं से बचने के लिए ग्रामीण पलायन कर रहे हैं और गांव खाली हो रहे हैं। इन सड़कों के निर्माण से ग्रामीणों की दिक्कतें कम होंगी। इन गांवों तक विकास पहुंचेगा तो इससे पलायन भी रुकेगा।
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होंगी सड़कें
चीन सीमा पर धारचूला और मुनस्यारी के कई गांव अब भी सड़क से वंचित हैं। सीमा के असल प्रहरी माने जाने वाले ग्रामीण सड़क सुविधा के अभाव में पलायन कर रहे हैं। ऐसे में सीमा पर बसे गांव खाली हो रहे हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से सही नहीं है। इन गांवों तक सड़क पहुंचेगी तो वीरान हो रहे ये गांव फिर से आबाद होंगे। ऐसे में साफ है कि ये सड़कें सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित होंगी।
इन सड़कों को मिली है स्वीकृति
विकासखंड सड़क लंबाई (किमी में) लागत (लाख में)
बिण गुरना-तोली-सेरी कांडा 6.330 1040.76
बिण कफलडुंगरी-सलकोट 8.250 1681.73
बिण जाख-मेलडुंगरी-धारसी-चमेला 7.000 1289.86
धारचूला पय्यापौड़ी-पंतगांव-तल्ली पय्या 7.560 1154.26
धारचूला गर्बाधार-गालगाड़ 7.550 1148.03
धारचूला नारायण आश्रम-हिमखोला 1.650 294.78
मुनस्यारी मवानी-दवानी-दारमा 7.315 1328.31
मुनस्यारी मुनस्यारी-सिरतोला 6.520 1317.06
मुनस्यारी झापुली-बौना 5.160 831.59
मुनस्यारी फर्वेकोट-गोल्फा 10.050 2009.89
मुनस्यारी जोशा-गांधीनगर 6.680 1369.20
मुनस्यारी मदकोट-बसंतकोट 9.825 1473.82
मुनस्यारी लीलम-पातों 7.650 1507.35
मुनस्यारी दराती-फल्याटी 11.200 1539.39
कोट
सड़कों का निर्माण आवाजाही, विकास, पर्यटन और पलायन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इन सड़कों के निर्माण से ग्रामीणों की आवाजाही सुगम होगी तो इससे पलायन भी रुकेगा। जल्द ही इन सड़कों का निर्माण कार्य शुरू होगा। - अजय टम्टा, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री, भारत सरकार
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बिण, मुनस्यारी और धारचूला विकासखंड में चीन और नेपाल सीमा पर बसे दूरस्थ गांवों तक जल्द सड़क पहुंचने की उम्मीद जगी है। केंद्र सरकार ने पीएमजीएसवाई के तहत तीनों विकासखंडों में 14 सड़कों को स्वीकृति दी है। इन सड़कों की लंबाई 102.74 किलोमीटर होगी। इन सड़कों के निर्माण में 179.86 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 50 से अधिक गांव सड़क से जुड़ेंगे जिससे 30 हजार से अधिक की आबादी को इसका लाभ मिलेगा।
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दरअसल धारचूला और मुनस्यारी के हिमखोला, दारमा, सिरतोला, बौना, गोल्फा, गांधीनगर, बसंतकोट, पातों, फल्याटीं सहित अन्य दूरस्थ गांवों के ग्रामीण सड़क न होने से कई तरह की दुश्वारियां झेल रहे हैं। बीमारों और गर्भवतियों को डोली के सहारे अस्पताल पहुंचाना ग्रामीणों के लिए मजबूरी बना हुआ है। गांवों तक सड़क नहीं होने से संबंधित गांवों में विकास भी नहीं पहुंच पाया है। इन बदहाल व्यवस्थाओं से बचने के लिए ग्रामीण पलायन कर रहे हैं और गांव खाली हो रहे हैं। इन सड़कों के निर्माण से ग्रामीणों की दिक्कतें कम होंगी। इन गांवों तक विकास पहुंचेगा तो इससे पलायन भी रुकेगा।
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण साबित होंगी सड़कें
चीन सीमा पर धारचूला और मुनस्यारी के कई गांव अब भी सड़क से वंचित हैं। सीमा के असल प्रहरी माने जाने वाले ग्रामीण सड़क सुविधा के अभाव में पलायन कर रहे हैं। ऐसे में सीमा पर बसे गांव खाली हो रहे हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से सही नहीं है। इन गांवों तक सड़क पहुंचेगी तो वीरान हो रहे ये गांव फिर से आबाद होंगे। ऐसे में साफ है कि ये सड़कें सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित होंगी।
इन सड़कों को मिली है स्वीकृति
विकासखंड सड़क लंबाई (किमी में) लागत (लाख में)
बिण गुरना-तोली-सेरी कांडा 6.330 1040.76
बिण कफलडुंगरी-सलकोट 8.250 1681.73
बिण जाख-मेलडुंगरी-धारसी-चमेला 7.000 1289.86
धारचूला पय्यापौड़ी-पंतगांव-तल्ली पय्या 7.560 1154.26
धारचूला गर्बाधार-गालगाड़ 7.550 1148.03
धारचूला नारायण आश्रम-हिमखोला 1.650 294.78
मुनस्यारी मवानी-दवानी-दारमा 7.315 1328.31
मुनस्यारी मुनस्यारी-सिरतोला 6.520 1317.06
मुनस्यारी झापुली-बौना 5.160 831.59
मुनस्यारी फर्वेकोट-गोल्फा 10.050 2009.89
मुनस्यारी जोशा-गांधीनगर 6.680 1369.20
मुनस्यारी मदकोट-बसंतकोट 9.825 1473.82
मुनस्यारी लीलम-पातों 7.650 1507.35
मुनस्यारी दराती-फल्याटी 11.200 1539.39
कोट
सड़कों का निर्माण आवाजाही, विकास, पर्यटन और पलायन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इन सड़कों के निर्माण से ग्रामीणों की आवाजाही सुगम होगी तो इससे पलायन भी रुकेगा। जल्द ही इन सड़कों का निर्माण कार्य शुरू होगा। - अजय टम्टा, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री, भारत सरकार

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