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Pithoragarh News: पिथौरागढ़ में नगर से लेकर बंगापानी तक धधके जंगल
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Sun, 21 Dec 2025 01:52 AM IST
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पिथौरागढ़/बंगापानी। सीमांत जिले में इस साल के अंतिम दिनों तक भी बारिश और बर्फबारी नहीं हुई तो जाड़े में भी जंगल सुलगने लगे हैं। नगर से लेकर बंगापानी तक जंगल धधक रहे हैं जिससे लाखों की वन संपदा को नुकसान पहुंच रहा है। जाड़ों में भी वनाग्नि की घटनाएं सामने आने से वन विभाग की चिंता भी बढ़ गई है।
नगर के नजदीक पंडा क्षेत्र के देकटिया के जंगल में बीते शुक्रवार की देर रात आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने जंगल के बड़े दायरे को अपनी चपेट में ले लिया। करीब आधा हेक्टेयर जंगल वनाग्नि की भेंट चढ़ गया है। घटना में वन संपदा जलकर राख हो गई। स्थानीय लोगों की सूचना पर वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर बमुश्किल आग पर काबू पाया।
इसके अलावा बंगापानी क्षेत्र के मदरमा, धामीगांव, सिर्तोला, घांगली में बीते तीन दिन से जंगल धधक रहे हैं। इन जंगलों में भीषण आग लगी है जिससे लाखों की वन संपदा को काफी नुकसान पहुंचा है। चीड़, बांज, बुरांश सहित अन्य प्रजातियों के कई पेड़ जलकर नष्ट हो चुके हैं। हैरानी है कि जंगलों की सुरक्षा करने के लिए जिम्मेदार वन विभाग घटनाओं से अब तक अन्जान है। कोई भी वन कर्मी अब तक आग बुझाने नहीं पहुंच सका है इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
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दुर्लभ वन्य जीवों का आशियाना है बंगापानी का जंगल
बंगापानी (पिथौरागढ़)। बंगापानी क्षेत्र के जंगल दुर्लभ वन्यजीवों का आशियाना है। यहां घुरड़, कांकड़, राज्य पक्षी मोनाल, तेंदुआ, भालू सहित अन्य वन्यजीव मौजूद हैं। जंगलों में लगी आग से इन वन्यजीवों के जीवन पर भी खतरा मंडरा गया है। वहीं आग से बचने के लिए हिंसक वन्यजीवों के आबादी में पहुंचने का खतरा भी बना है जो किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। ऐसा इसलिए कि जिले के मुनस्यारी, बंगापानी और धारचूला क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से लगातार तेंदुए और भालू के हमले की घटनाएं सामने आ रही हैं। अब जंगलों में लगी आग से इस तरह की घटनाएं बढ़ने की आशंका है। संवाद
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बंगापानी क्षेत्र में छाई धुंध, बीमार होने लगे लोग
जंगलों में लगी आग से पूरे क्षेत्र में धुंआ और धुंध फैल गई है। धुएं से बुजुर्गों को सांस तो बच्चों और अन्य लोगों की आंखों में जलन की दिक्कत पैदा होने लगी है। हैरानी है कि क्षेत्र में इलाज के लिए कोई स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। ऐसे में क्षेत्र के लोग इन दिक्कतों से जूझते हुए जिला मुख्यालय या अन्य अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं।
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बोले ग्रामीण
तीन दिन से जंगल जल रहे हैं। जंगलों से निकलने वाले धुएं से लोग बीमार होने लगे हैं। अब तक वन विभाग घटना से अंजान है। जंगलों को वनाग्नि से सुरक्षित बचाने के दावे हवाई हैं। - उमेश सिंह धामी, पूर्व प्रधान, मदरमा, बंगापानी
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जंगलों में आग लगी है लेकिन वन विभाग अब तक इसे बुझाने नहीं पहुंच सका है। वन संपदा जलकर राख हो चुकी है और वन्य जीवों का खतरा भी बढ़ गया है। - दीपा देवी, पूर्व उप प्रधान, मवानी-दवानी, बंगापानी
कोट मैं जिला मुख्यालय में प्रशिक्षण के लिए गया हूं। जल्द ही टीम मौके पर भेजी जाएगी और जंगलों में लगी आग को बुझा दिया जाएगा। - लवराज पांगती, रेंजर, मुनस्यारी
कोट
देकटिया के जंगल में आग लगने की सूचना मिलते ही टीम मौके पर भेजी गई। आग बुझा दी गई है। अराजक तत्वों ने आग लगाई इनकी पहचान की जा रही है। - दिनेश जोशी, रेंजर, पिथौरागढ़
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नगर के नजदीक पंडा क्षेत्र के देकटिया के जंगल में बीते शुक्रवार की देर रात आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने जंगल के बड़े दायरे को अपनी चपेट में ले लिया। करीब आधा हेक्टेयर जंगल वनाग्नि की भेंट चढ़ गया है। घटना में वन संपदा जलकर राख हो गई। स्थानीय लोगों की सूचना पर वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर बमुश्किल आग पर काबू पाया।
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इसके अलावा बंगापानी क्षेत्र के मदरमा, धामीगांव, सिर्तोला, घांगली में बीते तीन दिन से जंगल धधक रहे हैं। इन जंगलों में भीषण आग लगी है जिससे लाखों की वन संपदा को काफी नुकसान पहुंचा है। चीड़, बांज, बुरांश सहित अन्य प्रजातियों के कई पेड़ जलकर नष्ट हो चुके हैं। हैरानी है कि जंगलों की सुरक्षा करने के लिए जिम्मेदार वन विभाग घटनाओं से अब तक अन्जान है। कोई भी वन कर्मी अब तक आग बुझाने नहीं पहुंच सका है इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
दुर्लभ वन्य जीवों का आशियाना है बंगापानी का जंगल
बंगापानी (पिथौरागढ़)। बंगापानी क्षेत्र के जंगल दुर्लभ वन्यजीवों का आशियाना है। यहां घुरड़, कांकड़, राज्य पक्षी मोनाल, तेंदुआ, भालू सहित अन्य वन्यजीव मौजूद हैं। जंगलों में लगी आग से इन वन्यजीवों के जीवन पर भी खतरा मंडरा गया है। वहीं आग से बचने के लिए हिंसक वन्यजीवों के आबादी में पहुंचने का खतरा भी बना है जो किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। ऐसा इसलिए कि जिले के मुनस्यारी, बंगापानी और धारचूला क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से लगातार तेंदुए और भालू के हमले की घटनाएं सामने आ रही हैं। अब जंगलों में लगी आग से इस तरह की घटनाएं बढ़ने की आशंका है। संवाद
बंगापानी क्षेत्र में छाई धुंध, बीमार होने लगे लोग
जंगलों में लगी आग से पूरे क्षेत्र में धुंआ और धुंध फैल गई है। धुएं से बुजुर्गों को सांस तो बच्चों और अन्य लोगों की आंखों में जलन की दिक्कत पैदा होने लगी है। हैरानी है कि क्षेत्र में इलाज के लिए कोई स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। ऐसे में क्षेत्र के लोग इन दिक्कतों से जूझते हुए जिला मुख्यालय या अन्य अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं।
बोले ग्रामीण
तीन दिन से जंगल जल रहे हैं। जंगलों से निकलने वाले धुएं से लोग बीमार होने लगे हैं। अब तक वन विभाग घटना से अंजान है। जंगलों को वनाग्नि से सुरक्षित बचाने के दावे हवाई हैं। - उमेश सिंह धामी, पूर्व प्रधान, मदरमा, बंगापानी
जंगलों में आग लगी है लेकिन वन विभाग अब तक इसे बुझाने नहीं पहुंच सका है। वन संपदा जलकर राख हो चुकी है और वन्य जीवों का खतरा भी बढ़ गया है। - दीपा देवी, पूर्व उप प्रधान, मवानी-दवानी, बंगापानी
कोट मैं जिला मुख्यालय में प्रशिक्षण के लिए गया हूं। जल्द ही टीम मौके पर भेजी जाएगी और जंगलों में लगी आग को बुझा दिया जाएगा। - लवराज पांगती, रेंजर, मुनस्यारी
कोट
देकटिया के जंगल में आग लगने की सूचना मिलते ही टीम मौके पर भेजी गई। आग बुझा दी गई है। अराजक तत्वों ने आग लगाई इनकी पहचान की जा रही है। - दिनेश जोशी, रेंजर, पिथौरागढ़

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