Uttarakhand News: गंगोलीहाट में सात बेटियों ने पिता की अर्थी को दिया कंधा, CISF में कार्यरत है एक बेटी
68 वर्षीय किशन सिंह कन्याल की सात बेटियों ने संयुक्त रूप से अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। उन्होंने पिता की अर्थी को कंधा दिया और चिता को मुखाग्नि देते हुए अंतिम संस्कार की रस्में पूरी की।
विस्तार
जमाना सच में कई मायनों में बदल रहा है। इसके उदाहरण बार-बार सामने आते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण क्षेत्र के ग्राम ऊकला सिमलकोट में भी सामने आया। यहां 68 वर्षीय किशन सिंह कन्याल का विगत दिवस निधन हुआ तो सामाजिक रूढि़यों को तोड़ते हुए उनकी सात बेटियों ने मिलकर पिता की चिता को मुखाग्नि दी। भावुक बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया और रामेश्वर घाट में सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार की रस्म पूरी की, जो कि आमतौर पर पुत्र निभाते हैं।
सात बेटियों के इस कदम से क्षेत्र के लोगों की आंखें भी नम हो गईं। दिवंगत किशन सिंह की एक बेटी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में कार्यरत हैं। देश सेवा की वर्दी पहने इस बेटी ने अपनी छह बहनों के साथ मिलकर पिता को अंतिम विदाई दी। साथ ही यह उदाहरण पेश किया कि बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं हैं। जिला पंचायत सदस्य राहुल कुमार ने भी दिवंगत किशन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए परिवार के साथ शोक संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने बेटियों के इस साहस और स्नेह की सराहना करते हुए कहा कि इन बेटियों ने आज पूरे समाज को एक बड़ा संदेश दिया है। यह सिर्फ किसी दिवंगत के अंतिम संस्कार का मामला नहीं है, बल्कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे को चरितार्थ करने वाली सच्ची मिसाल है।

कमेंट
कमेंट X