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Pithoragarh News: बदहाल सिस्टम ने लील ली एक जिंदगी
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Fri, 28 Nov 2025 11:05 PM IST
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अस्कोट के रसगाड़ी में मलबा गिरने से क्षतिग्रस्त मकान। स्रोत:ग्रामीण
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अस्कोट (पिथौरागढ़)। रसगाड़ी गांव में घरों के ऊपर क्षतिग्रस्त सिंचाई गूल को समय रहते ठीक न करने की बड़ी कीमत यहां के एक परिवार को चुकानी पड़ी है। ग्रामीणों के मुताबिक गूल का सुधारीकरण न होने से लंबे समय से इससे पानी का रिसाव हो रहा था। इससे पहाड़ी पर मिट्टी दलदली होकर कमजोर हो गई। शुक्रवार तड़के कमजोर हो चुकी मिट्टी में भूस्खलन हुआ और 66 मीटर ऊपर से काल बनकर आए मलबे ने घर के भीतर सो रहे भुवन को हमेशा के लिए गहरी नींद में सुला दिया। इस घटना में घर का इकलौता चिराग हमेशा के लिए बुझ गया।
ग्रामीण एकता मंच के संयोजक तरुण पाल, मृतक के पिता ललित मोहन जोशी, चाचा नवीन जोशी सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि गांव के ऊपरी हिस्से में सिंचाई गूल का निर्माण किया गया है। घरों के ऊपर गूल को अधूरा छोड़ दिया गया। ऐसे में यहां लंबे समय से पानी का रिसाव होने से पहाड़ी की मिट्टी कमजोर पड़ गई। शुक्रवार तड़के अचानक पानी के साथ कीचड़ युक्त मलबा और बोल्डर मकान पर गिर गए। मकान की छत और दीवारों से मलबा भीतर घुस गया और वहां गहरी नींद में सोया भुवन मलबे में दबकर काल के गाल में समा गया।
भुवन बृहस्पतिवार रात मां सीता देवी, छोटी बहन गीतांजलि और पिता ललित मोहन जोशी के साथ खाना खाकर सुबह पढ़ाई करने के लिए जल्दी उठने की बात कर सो गया। किसी को मालूम नहीं था कि भुवन अब नींद से कभी नहीं जागेगा। वह नारायण नगर महाविद्यालय में बीए का छात्र था। परिजनों के मुताबिक सिस्टम की एक बड़ी लापरवाही ने उसे हमेशा के लिए उनसे छीन लिया। इकलौते बेटे की मौत से मां बदहवास है। पिता के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। छोटी बहन को यकीन नहीं हो रहा है कि उसका भाई उसका साथ हमेशा के लिए छोड़कर चला गया है।
माता-पिता और बहन की बच गई जान
जानकारी के मुताबिक घटना के समय भुवन मकान के पिछले कमरे में सो रहा था। पहाड़ी से मलबा उसी के कमरे में घुस गया। संयोग से माता-पिता और बहन दूसरे कमरे में सो रहे थे जहां तक मलबा नहीं पहुंचा। ऐसे में तीनों की जान बच गई। यदि मलबा और बोल्डर दूसरे कमरे में पहुंचते तो बड़ी जनहानि हो सकती थी।
चाचा का मकान भी क्षतिग्रस्त
पहाड़ी से गिरे मलबे से मृतक के चाचा नवीन जोशी का मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया। उनके मकान में बना रसोई घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। मकान की दीवारों में दरारें आने से इसके गिरने का भी खतरा पैदा हो गया है। तहसीलदार पिंकी आर्या ने मौके पर पहुंचकर घटना और नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने मृतक की मां को बतौर अनुग्रह राशि चार लाख और अहेतुक राशि के पांच हजार रुपये का चेक दिया। मृतक के चाचा को भी अहेतुक राशि के रूप में पांच हजार रुपये का चेक दिया गया।
कोट
घटना का कारण सिंचाई गूल से पानी का रिसाव था या कोई और वजह थी, इसकी गहनता से जांच होगी। इसके कारणों का पता लगाने के लिए भूगर्भीय जांच भी होगी। पीड़ित परिवार की हरसंभव सहायता की जाएगी। - खुशबू पांडे, एसडीएम, डीडीहाट
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ग्रामीण एकता मंच के संयोजक तरुण पाल, मृतक के पिता ललित मोहन जोशी, चाचा नवीन जोशी सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि गांव के ऊपरी हिस्से में सिंचाई गूल का निर्माण किया गया है। घरों के ऊपर गूल को अधूरा छोड़ दिया गया। ऐसे में यहां लंबे समय से पानी का रिसाव होने से पहाड़ी की मिट्टी कमजोर पड़ गई। शुक्रवार तड़के अचानक पानी के साथ कीचड़ युक्त मलबा और बोल्डर मकान पर गिर गए। मकान की छत और दीवारों से मलबा भीतर घुस गया और वहां गहरी नींद में सोया भुवन मलबे में दबकर काल के गाल में समा गया।
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भुवन बृहस्पतिवार रात मां सीता देवी, छोटी बहन गीतांजलि और पिता ललित मोहन जोशी के साथ खाना खाकर सुबह पढ़ाई करने के लिए जल्दी उठने की बात कर सो गया। किसी को मालूम नहीं था कि भुवन अब नींद से कभी नहीं जागेगा। वह नारायण नगर महाविद्यालय में बीए का छात्र था। परिजनों के मुताबिक सिस्टम की एक बड़ी लापरवाही ने उसे हमेशा के लिए उनसे छीन लिया। इकलौते बेटे की मौत से मां बदहवास है। पिता के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। छोटी बहन को यकीन नहीं हो रहा है कि उसका भाई उसका साथ हमेशा के लिए छोड़कर चला गया है।
माता-पिता और बहन की बच गई जान
जानकारी के मुताबिक घटना के समय भुवन मकान के पिछले कमरे में सो रहा था। पहाड़ी से मलबा उसी के कमरे में घुस गया। संयोग से माता-पिता और बहन दूसरे कमरे में सो रहे थे जहां तक मलबा नहीं पहुंचा। ऐसे में तीनों की जान बच गई। यदि मलबा और बोल्डर दूसरे कमरे में पहुंचते तो बड़ी जनहानि हो सकती थी।
चाचा का मकान भी क्षतिग्रस्त
पहाड़ी से गिरे मलबे से मृतक के चाचा नवीन जोशी का मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया। उनके मकान में बना रसोई घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। मकान की दीवारों में दरारें आने से इसके गिरने का भी खतरा पैदा हो गया है। तहसीलदार पिंकी आर्या ने मौके पर पहुंचकर घटना और नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने मृतक की मां को बतौर अनुग्रह राशि चार लाख और अहेतुक राशि के पांच हजार रुपये का चेक दिया। मृतक के चाचा को भी अहेतुक राशि के रूप में पांच हजार रुपये का चेक दिया गया।
कोट
घटना का कारण सिंचाई गूल से पानी का रिसाव था या कोई और वजह थी, इसकी गहनता से जांच होगी। इसके कारणों का पता लगाने के लिए भूगर्भीय जांच भी होगी। पीड़ित परिवार की हरसंभव सहायता की जाएगी। - खुशबू पांडे, एसडीएम, डीडीहाट

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