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Pithoragarh News: आदि कैलाश स्थित पार्वती और गौरी कुंड का पानी ठंड से जमा
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Wed, 26 Nov 2025 10:56 PM IST
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आदि कैलाश स्थित पार्वती कुंड के जमे पानी में चलता श्रद्धालु। स्रोत: ग्रामीण
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धारचूला (पिथौरागढ़)। व्यास घाटी स्थित ज्योलिंगकांग में 14,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित आदि कैलाश में ठंड के चलते पार्वती और गौरी कुंड का पानी जम गया है। कुंड के जमे पानी में एक स्थानीय श्रद्धालु के चलने का वीडियो वायरल हो रहा है जो चर्चाओं में है।
तापमान में गिरावट आने से रात के समय उच्च हिमालयी क्षेत्रों में झरने और तालाबों का पानी जमने लगा है। ग्राम पंचायत रांगकांग निवासी नरेंद्र सिंह रोंकली ने बताया कि चार दिन पूर्व वह आदि कैलाश दर्शन के लिए गए थे। उन्होंने बताया कि अधिक ठंड होने से पार्वती कुंड का 80-90 फीसदी पानी जम गया है। इसके अलावा आदि कैलाश पर्वत के नीचे स्थित गौरी कुंड का पानी भी पूरी तरह से जमने से इसका प्रवाह थम गया है।
ग्राम प्रधान कुटी नगेंद्र सिंह कुटियाल ने बताया कि क्षेत्र में रात में तापमान माइनस 5 से माइनस 10 डिग्री तक पहुंच रहा है। बता दें कि आदि कैलाश स्थित शिव-पार्वती मंदिर के कपाट पांच नवंबर को बंद हो गए थे। इसके बावजूद अभी भी कुछ पर्यटक आदि कैलाश और ॐ पर्वत दर्शन को पहुंच रहे हैं। आदि कैलाश से अधिकांश स्थानीय होटल और घोड़े-खच्चर संचालक नीचे लौट चुके हैं। वहां अब एक-दो होटल संचालक और सुरक्षा कर्मी ही मौजूद हैं। पानी जमने से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कोट
उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी शुरू होते ही इनर लाइन पास बंद कर दिए जाएंगे। मंगलवार को 19 और बुधवार को 11 परमिट जारी हुए हैं। अब तक 36,461 पर्यटक आदि कैलाश दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। - जितेंद्र वर्मा, एसडीएम धारचूला
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तापमान में गिरावट आने से रात के समय उच्च हिमालयी क्षेत्रों में झरने और तालाबों का पानी जमने लगा है। ग्राम पंचायत रांगकांग निवासी नरेंद्र सिंह रोंकली ने बताया कि चार दिन पूर्व वह आदि कैलाश दर्शन के लिए गए थे। उन्होंने बताया कि अधिक ठंड होने से पार्वती कुंड का 80-90 फीसदी पानी जम गया है। इसके अलावा आदि कैलाश पर्वत के नीचे स्थित गौरी कुंड का पानी भी पूरी तरह से जमने से इसका प्रवाह थम गया है।
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ग्राम प्रधान कुटी नगेंद्र सिंह कुटियाल ने बताया कि क्षेत्र में रात में तापमान माइनस 5 से माइनस 10 डिग्री तक पहुंच रहा है। बता दें कि आदि कैलाश स्थित शिव-पार्वती मंदिर के कपाट पांच नवंबर को बंद हो गए थे। इसके बावजूद अभी भी कुछ पर्यटक आदि कैलाश और ॐ पर्वत दर्शन को पहुंच रहे हैं। आदि कैलाश से अधिकांश स्थानीय होटल और घोड़े-खच्चर संचालक नीचे लौट चुके हैं। वहां अब एक-दो होटल संचालक और सुरक्षा कर्मी ही मौजूद हैं। पानी जमने से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कोट
उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी शुरू होते ही इनर लाइन पास बंद कर दिए जाएंगे। मंगलवार को 19 और बुधवार को 11 परमिट जारी हुए हैं। अब तक 36,461 पर्यटक आदि कैलाश दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। - जितेंद्र वर्मा, एसडीएम धारचूला

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