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पर्यावरण की रक्षा के लिए आगे आए पुरोहित समाज : चिदानंद
संवाद न्यूज एजेंसी, ऋषिकेश
Updated Sun, 21 Dec 2025 02:22 AM IST
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परमार्थ निकेतन में गंगा आरती का प्रशिक्षण लेते पुरोहित। स्रोत परमार्थ मीडिया।
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परमार्थ निकेतन में गंगा के प्रति जागरूकता और आरती प्रशिक्षण के लिए पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और विस्तृत गंगा बेसिन से जुड़े पुरोहित, रिचुअल और युवा प्रशिक्षु शामिल हुए।
आश्रमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि अब समय दान लेने का नहीं, नदियों को दान देने, कर्ज चुकाने का समय है। सदियों से नदियां हमें जल, जीवन, संस्कृति, श्रद्धा और अर्थ देती रही हैं। अब उनकी रक्षा करना ही सबसे बड़ा धर्म है।
पुरोहित समाज को चाहिए कि वह समाज को केवल पूजा पाठ तक सीमित न रखकर जल संरक्षण, स्वच्छता, प्लास्टिक मुक्त घाट और पर्यावरण रक्षा का नेतृत्व करें। पुरोहित शब्द केवल वेदमंत्रों का ज्ञाता नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना के पथ प्रदर्शक है। गंगा अगर सुरक्षित नहीं, तो मानवता की सांसें सुरक्षित नहीं रह सकती। पुरोहित केवल संस्कारों का सेतु नहीं, समाज परिवर्तन के नेतृत्वकर्ता है।
आरती, परंपरा को भावनात्मक भक्ति, अनुष्ठान से आगे बढ़ाकर पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता संदेश और जनता में जिम्मेदारी जगाने का अभियान बनाना होगा।
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पुरोहित समाज को चाहिए कि वह समाज को केवल पूजा पाठ तक सीमित न रखकर जल संरक्षण, स्वच्छता, प्लास्टिक मुक्त घाट और पर्यावरण रक्षा का नेतृत्व करें। पुरोहित शब्द केवल वेदमंत्रों का ज्ञाता नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना के पथ प्रदर्शक है। गंगा अगर सुरक्षित नहीं, तो मानवता की सांसें सुरक्षित नहीं रह सकती। पुरोहित केवल संस्कारों का सेतु नहीं, समाज परिवर्तन के नेतृत्वकर्ता है।
आरती, परंपरा को भावनात्मक भक्ति, अनुष्ठान से आगे बढ़ाकर पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता संदेश और जनता में जिम्मेदारी जगाने का अभियान बनाना होगा।

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