{"_id":"6941c359c4360539c20bd975","slug":"salute-to-the-martyrs-on-vijay-diwas-rishikesh-news-c-5-1-drn1046-858355-2025-12-17","type":"story","status":"publish","title_hn":"Rishikesh News: विजय दिवस पर शहीदों को किया नमन","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Rishikesh News: विजय दिवस पर शहीदों को किया नमन
संवाद न्यूज एजेंसी, ऋषिकेश
Updated Wed, 17 Dec 2025 02:08 AM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
विजय दिवस पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने सांध्यकालीन गंगा आरती देश के बहादुर जवानों को समर्पित की। स्वामी ने कहा कि हमारे सैनिक वेतन के लिए नहीं, वतन के लिए लड़ते हैं। वे किसी दल के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए जीते हैं। उत्तराखंड ऐसा राज्य है जहां लगभग हर परिवार से कोई न कोई सदस्य सेना में सेवा देता रहा है।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने बताया कि 16 दिसंबर 1971 को प्राप्त हुई। यह विजय केवल एक सैन्य सफलता नहीं थी, बल्कि यह मानवीय मूल्यों, न्याय और सत्य की भी जीत थी। करीब 13 दिनों तक चले इस युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों, थलसेना, नौसेना और वायुसेना ने अद्भुत सामंजस्य, रणनीतिक कौशल और असाधारण साहस का परिचय दिया। परिणामस्वरूप पाकिस्तान की लगभग 93,000 सैनिकों की आत्मसमर्पण की घटना इतिहास में दर्ज हुई, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण माना जाता है।
-- -
धीर सिंह नेगी को पूर्व सैनिकों ने किया सम्मानित
कांडी में पूर्व सैनिकों ने विजय दिवस पर शहादत देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे जगमोहन सिंह नेगी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम में पूर्व सैनिक कांडी निवासी 87 वर्षीय धीर सिंह नेगी को फूल माला पहनाकर सम्मानित किया गया। नेगी ने वर्ष 1965 और वर्ष 1971 में भारत पाक युद्ध में लड़ाई लड़ी थी। वे वर्तमान समय में अपने गांव कांडी में ही निवासरत हैं। कार्यक्रम में उन्होंने भारतीय सेना के पराक्रम के साथ-साथ देश भक्ति गीत एवं कविता पाठ किया। इस मौके पर गब्बर सिंह नेगी, अनिल रावत, ध्यान सिंह चौहान, सुभाष चंद्र नेगी, सुरेश चंद्र बडोला, कृष्णा मेगा, चंद्रमति बिष्ट, सुमन देवी, हरगोविंद नेगी, जयवीर नेगी आदि शामिल रहे।
Trending Videos
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने बताया कि 16 दिसंबर 1971 को प्राप्त हुई। यह विजय केवल एक सैन्य सफलता नहीं थी, बल्कि यह मानवीय मूल्यों, न्याय और सत्य की भी जीत थी। करीब 13 दिनों तक चले इस युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों, थलसेना, नौसेना और वायुसेना ने अद्भुत सामंजस्य, रणनीतिक कौशल और असाधारण साहस का परिचय दिया। परिणामस्वरूप पाकिस्तान की लगभग 93,000 सैनिकों की आत्मसमर्पण की घटना इतिहास में दर्ज हुई, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा सैन्य आत्मसमर्पण माना जाता है।
विज्ञापन
विज्ञापन
धीर सिंह नेगी को पूर्व सैनिकों ने किया सम्मानित
कांडी में पूर्व सैनिकों ने विजय दिवस पर शहादत देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे जगमोहन सिंह नेगी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम में पूर्व सैनिक कांडी निवासी 87 वर्षीय धीर सिंह नेगी को फूल माला पहनाकर सम्मानित किया गया। नेगी ने वर्ष 1965 और वर्ष 1971 में भारत पाक युद्ध में लड़ाई लड़ी थी। वे वर्तमान समय में अपने गांव कांडी में ही निवासरत हैं। कार्यक्रम में उन्होंने भारतीय सेना के पराक्रम के साथ-साथ देश भक्ति गीत एवं कविता पाठ किया। इस मौके पर गब्बर सिंह नेगी, अनिल रावत, ध्यान सिंह चौहान, सुभाष चंद्र नेगी, सुरेश चंद्र बडोला, कृष्णा मेगा, चंद्रमति बिष्ट, सुमन देवी, हरगोविंद नेगी, जयवीर नेगी आदि शामिल रहे।

कमेंट
कमेंट X