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Udham Singh Nagar News: शिक्षकों के जवाब से संतुष्ट नहीं विभाग, नौकरी पर लटकी तलवार
संवाद न्यूज एजेंसी, ऊधम सिंह नगर
Updated Mon, 22 Dec 2025 01:02 AM IST
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रुद्रपुर। दो राज्यों के निवास प्रमाण बनवाने वाले 27 और शिक्षकों पर शिक्षा विभाग कार्रवाई कर सकता है। शिक्षकों के जवाब से विभाग संतुष्ट नहीं है। मामले में कुछ दिन के भीतर ही विभाग उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर जांच अधिकारी नियुक्त करेगा।
विभाग का कहना है कि सामान्य निवास प्रमाणपत्र बना है तो दूसरी जगह से स्थायी निवास प्रमाणपत्र बनवा सकते हैं लेकिन शिक्षा या नौकरी के लिए इसका प्रयोग करना कानूनन भी धोखाधड़ी माना जाता है। शिक्षकों के दो निवास प्रमाणपत्र वाला मामला अब अंतिम पड़ाव पर है। चार्जशीट दाखिल होने के बाद नियुक्त जांच अधिकारी कार्यवाही को आगे बढ़ाएंगे।
कुछ दिन पूर्व विभाग ने आरोपी शिक्षकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इसके बाद शिक्षकों के जवाब से असंतुष्ट विभाग जांच में जुटा है। एक ओर जहां विभाग की भौंहे शिक्षकों पर तनी हुई हैं। वहीं नोटिस पाने वाले शिक्षक भी कोर्ट से लेकर उच्च अधिकारियों की चौखट का दरवाजा खटखटा रहे हैं। करीब 15 दिन पूर्व शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों समेत जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देकर अपना पक्ष रखा था।
विभाग के अधिकारी किसी भी प्रकार की रियायत बरतने के लिए तैयार नहीं है। वह जांच कर लगातार कार्रवाई को आगे बढ़ा रहे हैं। विभाग का कहना है कि जब सामान्य निवास प्रमाणपत्र बना है तो सुप्रीम कोर्ट की कोई ऐसी सीधी रूलिंग नहीं है जो आपको दूसरी जगह से तुरंत स्थायी निवास प्रमाणपत्र बनवाने दें। निवास एक जगह का होता है लेकिन यदि दूसरी जगह जाकर स्थायी रूप से बस गए हैं तो वहां के नियमों के अनुसार नया निवास प्रमाणपत्र बनवा सकते हैं। यह पहले वाले को रद्द नहीं करता बल्कि नए स्थान का निवासी साबित करता है लेकिन शिक्षा या नौकरी के लिए इसका प्रयोग करना धोखाधड़ी माना जाता है।
कोट:
दो राज्यों में स्थायी निवास प्रमाणपत्र बनवाने वाले सभी शिक्षकों की जल्द ही एक साथ चार्जशीट दाखिल करेंगे। जांच अधिकारी नियुक्त कर पड़ताल करेंगे। दोषी पाए जाने पर बर्खास्त की कार्रवाई होगी। किसी निर्दोष को सजा नहीं मिलेगी। - हरेंद्र कुमार मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी
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विभाग का कहना है कि सामान्य निवास प्रमाणपत्र बना है तो दूसरी जगह से स्थायी निवास प्रमाणपत्र बनवा सकते हैं लेकिन शिक्षा या नौकरी के लिए इसका प्रयोग करना कानूनन भी धोखाधड़ी माना जाता है। शिक्षकों के दो निवास प्रमाणपत्र वाला मामला अब अंतिम पड़ाव पर है। चार्जशीट दाखिल होने के बाद नियुक्त जांच अधिकारी कार्यवाही को आगे बढ़ाएंगे।
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कुछ दिन पूर्व विभाग ने आरोपी शिक्षकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इसके बाद शिक्षकों के जवाब से असंतुष्ट विभाग जांच में जुटा है। एक ओर जहां विभाग की भौंहे शिक्षकों पर तनी हुई हैं। वहीं नोटिस पाने वाले शिक्षक भी कोर्ट से लेकर उच्च अधिकारियों की चौखट का दरवाजा खटखटा रहे हैं। करीब 15 दिन पूर्व शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों समेत जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देकर अपना पक्ष रखा था।
विभाग के अधिकारी किसी भी प्रकार की रियायत बरतने के लिए तैयार नहीं है। वह जांच कर लगातार कार्रवाई को आगे बढ़ा रहे हैं। विभाग का कहना है कि जब सामान्य निवास प्रमाणपत्र बना है तो सुप्रीम कोर्ट की कोई ऐसी सीधी रूलिंग नहीं है जो आपको दूसरी जगह से तुरंत स्थायी निवास प्रमाणपत्र बनवाने दें। निवास एक जगह का होता है लेकिन यदि दूसरी जगह जाकर स्थायी रूप से बस गए हैं तो वहां के नियमों के अनुसार नया निवास प्रमाणपत्र बनवा सकते हैं। यह पहले वाले को रद्द नहीं करता बल्कि नए स्थान का निवासी साबित करता है लेकिन शिक्षा या नौकरी के लिए इसका प्रयोग करना धोखाधड़ी माना जाता है।
कोट:
दो राज्यों में स्थायी निवास प्रमाणपत्र बनवाने वाले सभी शिक्षकों की जल्द ही एक साथ चार्जशीट दाखिल करेंगे। जांच अधिकारी नियुक्त कर पड़ताल करेंगे। दोषी पाए जाने पर बर्खास्त की कार्रवाई होगी। किसी निर्दोष को सजा नहीं मिलेगी। - हरेंद्र कुमार मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी

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