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खरीद में भ्रष्टाचार की बात उठी तो बिफर पड़े कृषि मंत्री
झांसी ब्यूरो
Updated Thu, 22 May 2025 03:17 AM IST
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झांसी। किसानों की समस्या और उसके समाधान को लेकर झांसी-चित्रकूट मंडल की संयुक्त खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन बुधवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में किया गया। इसमें किसानों की समस्याओं को सुना जा रहा था। तभी किसान नेता महेंद्र शर्मा ने मूंगफली खरीद में किए गए भ्रष्टाचार का मामला उठाया तो कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही बिफर गए। उन्होंने समस्या का समाधान और कार्रवाई का आश्वासन देने के बजाय भड़क गए। कहा, मैं केवल वही सुनूंगा जो सुनना चाहता हूं। मंत्री के इन तीखे बोल पर कई किसानों ने आपत्ति जताई और गोष्ठी का बहिष्कार करते हुए वे सभी सभागार से बाहर चले गए।हुआ यूं कि गोष्ठी में किसान अपनी-अपनी समस्याओं को कृषि मंत्री और अधिकारी के समक्ष रख रहे थे। जब बारी आई किसान नेता महेंद्र शर्मा की तो उन्होंने कहा कि मूंगफली खरीद के लिए केंद्र भी खोले गए थे। जब केंद्रों पर किसान पहुंच रहे थे तो उनसे कांटा संचालक 1500 रुपये अतिरिक्त मांग रहे थे। उन्होंने शिकायत कि यदि किसानों से इस प्रकार वसूली की जाएगी तो उसे मिलेगा क्या। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि किसान पराली जलाता है तो उस पर एफआईआर दर्ज कराई जाती है और उससे जुर्माना भी वसूला जाता है। फिर इस मामले को हल्के में क्यों लिया जा रहा है। भ्रष्टाचार के मामले में आरोपियों पर अधिकारी एफआईआर दर्ज नहीं करा रहे। किसान नेता के इस सवाल पर अन्य किसानों ने अपनी सहमति जताई। उन्हें आशा थी कि मंत्री जी कार्रवाई का आश्वासन देंगे लेकिन किसान नेता की बात पर मंत्री जी बिफर पड़े। उनके बोल पर कई किसान नाराज हो उठे और सभागार से बाहर जाने लगे। मंत्री बोले कि जिसे बाहर जाना है जाए, उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। गोष्ठी में चित्रकूट, बांदा, झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा जिलों के किसान पहुंचे थे। मंत्री ने बंद करा दिया किसान नेता का माइक : गोष्ठी में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने वाले किसान नेता को मंत्री ने भरे मंच से डपट दिया। इतना ही नहीं, उनका माइक बंद कराकर उनसे छीन लिया गया। भरे सभागार में किसान नेता के साथ इस प्रकार के व्यवहार पर अन्य किसानों ने आपत्ति भी जताई।मंत्री ने संभाला माहौल : मंत्री को जब अहसास हुआ कि मंच से शायद उनके मुंह से कुछ अपशब्द निकल गए तो उन्होंने गर्म माहौल को शांत करने के लिए कहा कि अगली बार से इस प्रकार की नौबत किसानों के समक्ष नहीं आएगी। अब मूंगफली खरीद हो या अन्य उपजों की, एक महीने पहले से क्रय केंद्र खोल दिए जाएंगे।
संवाद
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