अहमदाबाद के मेघाणीनगर स्थित आईजीपी परिसर में 12 जून को हुई विमान दुर्घटना की घटना के बाद प्रशासनिक तंत्र एवं राज्य सरकार के विभागों तथा राज्य एवं केन्द्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा तत्काल राहत, बचाव एवं राहत कार्य चलाए गए। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी तुरंत मौके पर पहुंच गईं और बचाव कार्य शुरू कर दिया। गुजरात पुलिस एवं डीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट, एसडीआरएफ शीतल कुमार गूजर ने बताया कि उन्हें विमान दुर्घटना के बारे में दुर्घटना के दिन दोपहर करीब 2 बजे सूचना मिली। इसके आधार पर बचाव कार्य तुरंत शुरू करने के लिए एक टीम गठित की गई तथा टीम को तत्काल दिशा-निर्देश दिए गए। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र और जे.सी.बी. की टीमों ने दुर्घटनास्थल पर तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। मौके पर पहुंचकर टीमों ने पाया कि क्षेत्र आग की लपटों में घिरा हुआ था और हर जगह कार्बन फैला हुआ था तथा विमान में मौजूद 1 लाख लीटर से अधिक ईंधन बह चुका था। बचाव दल ने दमकल गाड़ियों को अंदर जाने के लिए दीवार तोड़ दी। छात्रों और नागरिकों को मेस और छात्रावास से बचाया गया। बचाव दल ने स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर काम किया। मौके पर विभिन्न टीमों को तत्काल ड्यूटी सौंपकर समन्वित बचाव अभियान चलाया गया। आग पर पूरी तरह से काबू पा लेने के बाद बचाव अभियान शुरू किया गया। टीम को सीआईएसएफ और अग्निशमन विभाग से भी सहायता मिली। विमान के विभिन्न हिस्सों से शव बरामद किए गए, जिन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया 12 जून को एअर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जाने वाली फ्लाइट AI-171 (787-8 बोइंग ड्रीमलाइनर) उड़ान के कुछ देर बाद ही क्रैश हुई थी। विमान बीजे मेडिकल कॉलेज ऐंड सिविल हॉस्पिटल के हॉस्टल की बिल्डिंग से टकरा गया था। इस हादसे में प्लेन में सवार 241 लोग (229 यात्री (एक जीवित) और 10 केबिन क्रू, 2 पायलट), हॉस्टल बिल्डिंग और बाकी 34 लोगों को मिलाकर 275 की मौत हुई है। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक, कुल मौत का अंतिम आंकड़ा सभी DNA टेस्ट होने के बाद साफ होगा। 15 जून को अधिकारियों ने पीएम मोदी के सचिव डॉ. मिश्रा को बताया था कि फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) का पता लगा लिया गया है और उन्हें सुरक्षित कर लिया गया है। विमान के दोनों ब्लैक बॉक्स मिलने से जांचकर्ताओं के लिए दुर्घटना का कारण पता लगाना आसान हो जाएगा।
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