चार वर्षीय बालिका राजेश्वरगिरी महाराष्ट्र से नर्मदा परिक्रमा पर निकली और खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर बड़वाह पहुंची। छह सदस्यीय दल के साथ 12 अक्टूबर से महाराष्ट्र से निकली चार वर्षीय बालिका अपनी मां अर्चनातयगिरी, भूषण श्रीमंत मशाल, स्वरमाला शिन्दे और गणेश शिंदे के साथ नर्मदा परिक्रमा कर रही है। परिक्रमा कर रहा दल बड़वाह के एमजी रोड स्थित आनंदेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन, भजन कीर्तन के लिए रुका।
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नीमच जिले के मनासा के द्वारकापुरी धर्मशाला के सामने पानी पुरी का ठेला लगाने वाले देवेंद्र चौधरी के बेटे रविकांत की। 'सुशील पानी पतासा' के ठेले पर अपने पिता का हाथ बटाने वाला बेटा अब एयरफोर्स में पायलट बन रहा है। रविकांत ने बचपन में पायलट बनने का सपना देखा था। उसने जब से होश संभाला अपने सपने को पूरा करने में जुटा रहा। इसके लिए उसने दिन-रात एक कर दी, उतनी ही मेहनत उसके पिता ने भी की।
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बंटी यादव..जो कि इंदौर के सर्राफा में कुल्फी का स्टॉल लगाते हैं। बंटी यादव के पिता कुल्फी का परंपरागत ठेला लगाते थे। बंटी व्यापार में कुछ नया करना चाहते थे। उन्हें गोल्ड पहनने का शौक है और लोगों को गोल्ड कुल्फी खिलाने का भी। गोल्ड कुल्फी से स्वाद तो नहीं बदला, लेकिन खाने वाले को राॅयल फील जरूर आता है। महंगी होने के कारण इनकी गोल्ड कुल्फी की सेल ज्यादा तो नहीं होती, लेकिन स्वाद के शौकीन लोग यहां आकर कभी-कभी खा लेते हैं। केसर पिस्ता फ्लेवर पर गोल्ड का वर्क चढ़ाकर ये कुल्फी बनाते हैं, हालांकि ग्राहक जिस फ्लेवर में गोल्ड कुल्फी मांगते है। बंटी उसे तैयार कर देते हैं।
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मध्यप्रदेश को गजब यूं ही नहीं कहा जाता। यहां अब ऐसा विवाह हुआ है, जो अनूठा तो था ही, हर कोई इसकी तारीफ भी कर रहा था। दरअसल गाय के बछड़े और बछिया की शादी बड़ी धूमधाम से की गई। इसके लिए बकायदा आमंत्रण बांटे गए, चार गांव के लोग शरीक हुए। मंडप सजाया गया। मंत्रोच्चार के साथ सारे विधि विधान किए गए।
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