राजस्थान हाईकोर्ट की सर्किट या वर्चुअल बेंच बीकानेर में स्थापित होने की आशंका के बीच जोधपुर सहित प्रदेश के कई जिलों के अधिवक्ताओं ने शुक्रवार को एक दिवसीय न्यायिक कार्य बहिष्कार किया। अधिवक्ताओं ने अदालतों में उपस्थिति दर्ज नहीं कराई और विरोधस्वरूप नारेबाजी कर अपना रोष प्रकट किया।
ऐतिहासिक तर्कों के साथ विरोध
जोधपुर हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन और राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन जोधपुर के अधिवक्ताओं ने स्पष्ट किया कि राजस्थान के एकीकरण के समय जोधपुर को न्यायिक राजधानी घोषित किया गया था। आपातकाल के दौरान जयपुर में बेंच की स्थापना की गई थी, जिसे लेकर पहले से ही अधिवक्ता नाराज हैं। अब यदि बीकानेर में बेंच स्थापित की जाती है तो यह जोधपुर की न्यायिक पहचान को कमजोर करने जैसा होगा।
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अदालतों से दूर रहकर दर्ज कराया विरोध
अधिवक्ता सुबह नियमित समय पर अदालत परिसर पहुंचे, लेकिन न्यायालयों में हाजिर होने की बजाय हैरिटेज हाईकोर्ट भवन और झालामंड स्थित हाईकोर्ट भवन में एकत्र होकर नारेबाजी की। एसोसिएशन अध्यक्ष रतना राम और अन्य अधिवक्ताओं ने कहा कि बीकानेर बेंच का प्रयास सीधे तौर पर न्यायिक राजधानी जोधपुर के अधिकारों के विपरीत है और इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
आंदोलन को तेज करने की तैयारी
एक दिवसीय कार्य बहिष्कार के बाद अधिवक्ताओं ने आगे की रणनीति पर मंथन शुरू कर दिया है। सभी संगठन एकजुट होकर यह तय करेंगे कि आंदोलन को कैसे और तेज किया जाए और किस तरह आमजन को भी इस मुद्दे से जोड़ा जाए। अधिवक्ता पहले से ही जयपुर बेंच के खिलाफ लंबे समय से विरोध कर रहे हैं और प्रत्येक माह के अंतिम दिन कार्य बहिष्कार कर अपना विरोध दर्ज कराते रहे हैं।
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