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Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान में भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा 1400 के पार, भारत ने भेजी राहत सामग्री
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, जलालाबाद।
Published by: निर्मल कांत
Updated Tue, 02 Sep 2025 12:27 PM IST
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सार
Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान के पूर्वी पहाड़ी इलाके में रविवार रात आए 6.0 तीव्रता के भूकंप में मरने वालों का आंकड़ा 1400 के पार पहुंच गया है और करीब 3,000 लोग घायल हुए हैं। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बताया कि भारतीय राहत सामग्री हवाई मार्ग से काबुल पहुंच चुकी है। कुल 21 टन राहत सामग्री अफगानिस्तान को सौंपी गई है।

भारत ने भेजी राहत सामग्री।
- फोटो : X-@ANI
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विस्तार
अफगानिस्तान के पूर्वी इलाके में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों का आंकड़ा 1400 के पार पहुंच गया है। मंगलवार को तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस हादसे में अब तक करीब 3,000 लोग घायल हुए हैं, और राहत टीमें मलबे के नीचे फंसे लोगों को निकालने में जुटी हैं।
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मंगलवार को जानकारी दी कि भारतीय राहत सामग्री हवाई मार्ग से काबुल पहुंच चुकी है। कुल 21 टन राहत सामग्री अफगानिस्तान को सौंपी गई है, जिसमें कंबल, टेंट, स्वच्छता किट, पानी भंडारण टैंक, जनरेटर, रसोई के बर्तन, पोर्टेबल वॉटर प्यूरीफायर, स्लीपिंग बैग और जरूरी दवाइयां शामिल हैं।
राहत सामग्री में भारत ने क्या-क्या भेजा?
इसके अलावा, प्रभावित लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए व्हीलचेयर, सैनिटाइज़र, पानी शुद्धिकरण टैबलेट्स, ओआरएस सॉल्यूशन और अन्य मेडिकल कंज्यूमेबल्स भी भेजे गए हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत जमीनी स्थिति पर लगातार नजर रखेगा और आने वाले दिनों में और भी मानवीय सहायता अफगानिस्तान को भेजी जाएगी।
भारत ने पहले भी संकट की घड़ी में अफगानिस्तान को खाद्य, स्वास्थ्य और अन्य मानवीय मदद उपलब्ध कराई है। इस बार की मदद से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत मिलने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहल न केवल भारत-अफगानिस्तान संबंधों को मजबूती देगी, बल्कि मानवीय सहयोग के क्षेत्र में भारत की जिम्मेदारी को भी दर्शाती है।
बढ़ सकता है मौतों का आंकड़ा
यह विनाशकारी भूकंप रविवार देर रात आया था और इसकी तीव्रता 6.0 मापी गई थी। यह भूकंप एक पहाड़ी क्षेत्र में आया था, जिससे कई गांवों में घर पूरी तरह ढह गए और लोग घंटों तक मलबे के नीचे दबे रहे। अफगानिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता यूसुफ हम्माद ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया, घायलों को निकाला जा रहा है, इसलिए यह आंकड़े अभी और भी बदल सकते हैं।
ये भी पढ़ें: ट्रंप की हत्या की कोशिश के आरोपी पर चलेगा मुकदमा, अंतिम चरण में तैयारियां; अदालत में खुद करेगा पैरवी
उन्होंने बताया कि कुछ इलाकों में भूकंप के कारण भूस्खलन हुआ जिससे सड़कें बंद हो गई थीं। हालांकि अब कई सड़कों को फिर से खोल दिया गया है और बाकी रास्तों को भी जल्द खोलने की कोशिश की जा रही है, ताकि उन इलाकों तक पहुंचा जा सके जहां जाना अब भी मुश्किल है।
भूकंप से कितने बिगड़े हैं हालात?
अफगानिस्तान में 6.0 तीव्रता का भूकंप नंगरहार प्रांत के करीब कुनार प्रांत के शहरों और पड़ोसी नंगरहार प्रांत के जलालाबाद शहर में आया, जिससे भारी नुकसान हुआ। इसके बाद भी इलाके में कई झटके आए। सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर प्रसारित वीडियो फुटेज में बचावकर्मी घायल लोगों को ढही हुई इमारतों से स्ट्रेचर पर उठाकर हेलीकॉप्टर्स में ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि कई लोग अपने हाथों से मलबा हटाने की कोशिश कर रहे हैं। ज्यादातर लोग कुनार प्रांत में हताहत हुए हैं।
अफगानिस्तान में क्यों लगातार भूकंप आते हैं?
अफगानिस्तान में लगातार भूकंपों के लिए इसकी भौगोलिक स्थिति सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। दरअसल, अफगानिस्तान ठीक उस जगह पर स्थित हैं, जहां दो सक्रिय प्लेट्स- इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट मिलती हैं। यह दोनों प्लेट्स आपस में काफी टकराती हैं, जिससे क्षेत्र में भूकंप की स्थिति बनी रहती है।

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विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मंगलवार को जानकारी दी कि भारतीय राहत सामग्री हवाई मार्ग से काबुल पहुंच चुकी है। कुल 21 टन राहत सामग्री अफगानिस्तान को सौंपी गई है, जिसमें कंबल, टेंट, स्वच्छता किट, पानी भंडारण टैंक, जनरेटर, रसोई के बर्तन, पोर्टेबल वॉटर प्यूरीफायर, स्लीपिंग बैग और जरूरी दवाइयां शामिल हैं।
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राहत सामग्री में भारत ने क्या-क्या भेजा?
इसके अलावा, प्रभावित लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए व्हीलचेयर, सैनिटाइज़र, पानी शुद्धिकरण टैबलेट्स, ओआरएस सॉल्यूशन और अन्य मेडिकल कंज्यूमेबल्स भी भेजे गए हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत जमीनी स्थिति पर लगातार नजर रखेगा और आने वाले दिनों में और भी मानवीय सहायता अफगानिस्तान को भेजी जाएगी।
भारत ने पहले भी संकट की घड़ी में अफगानिस्तान को खाद्य, स्वास्थ्य और अन्य मानवीय मदद उपलब्ध कराई है। इस बार की मदद से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत मिलने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहल न केवल भारत-अफगानिस्तान संबंधों को मजबूती देगी, बल्कि मानवीय सहयोग के क्षेत्र में भारत की जिम्मेदारी को भी दर्शाती है।
बढ़ सकता है मौतों का आंकड़ा
यह विनाशकारी भूकंप रविवार देर रात आया था और इसकी तीव्रता 6.0 मापी गई थी। यह भूकंप एक पहाड़ी क्षेत्र में आया था, जिससे कई गांवों में घर पूरी तरह ढह गए और लोग घंटों तक मलबे के नीचे दबे रहे। अफगानिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता यूसुफ हम्माद ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया, घायलों को निकाला जा रहा है, इसलिए यह आंकड़े अभी और भी बदल सकते हैं।
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उन्होंने बताया कि कुछ इलाकों में भूकंप के कारण भूस्खलन हुआ जिससे सड़कें बंद हो गई थीं। हालांकि अब कई सड़कों को फिर से खोल दिया गया है और बाकी रास्तों को भी जल्द खोलने की कोशिश की जा रही है, ताकि उन इलाकों तक पहुंचा जा सके जहां जाना अब भी मुश्किल है।
भूकंप से कितने बिगड़े हैं हालात?
अफगानिस्तान में 6.0 तीव्रता का भूकंप नंगरहार प्रांत के करीब कुनार प्रांत के शहरों और पड़ोसी नंगरहार प्रांत के जलालाबाद शहर में आया, जिससे भारी नुकसान हुआ। इसके बाद भी इलाके में कई झटके आए। सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर प्रसारित वीडियो फुटेज में बचावकर्मी घायल लोगों को ढही हुई इमारतों से स्ट्रेचर पर उठाकर हेलीकॉप्टर्स में ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि कई लोग अपने हाथों से मलबा हटाने की कोशिश कर रहे हैं। ज्यादातर लोग कुनार प्रांत में हताहत हुए हैं।
अफगानिस्तान में क्यों लगातार भूकंप आते हैं?
अफगानिस्तान में लगातार भूकंपों के लिए इसकी भौगोलिक स्थिति सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। दरअसल, अफगानिस्तान ठीक उस जगह पर स्थित हैं, जहां दो सक्रिय प्लेट्स- इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट मिलती हैं। यह दोनों प्लेट्स आपस में काफी टकराती हैं, जिससे क्षेत्र में भूकंप की स्थिति बनी रहती है।
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