{"_id":"5d53d5d88ebc3e6cc92d7c29","slug":"india-china-no-longer-developing-nations-said-donald-trump","type":"story","status":"publish","title_hn":"ट्रंप ने कहाः भारत-चीन को डब्ल्यूटीओ से नहीं मिलने चाहिए विकासशील देशों वाले लाभ","category":{"title":"America","title_hn":"अमेरिका","slug":"america"}}
ट्रंप ने कहाः भारत-चीन को डब्ल्यूटीओ से नहीं मिलने चाहिए विकासशील देशों वाले लाभ
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अनिल पांडेय
Updated Wed, 14 Aug 2019 03:20 PM IST
विज्ञापन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
- फोटो : PTI
विज्ञापन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेनसिलवेनिया में कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को विकासशील देशों की नई परिभाषा गढ़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन एशिया की बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुके हैं इसलिए अब उन्हें विकासशील नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि इन दोनों ही देशों को डब्ल्यूटीओ से मिलने वाले लाभ बंद होना चाहिए।

Trending Videos
उल्लेखनीय है कि ट्रंप भारत द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर लगाई जाने वाले आयात दरों और और शुल्क की हमेशा मुखालफत करते रहे हैं। बकौल ट्रंप भारत के इस रवैये की वजह से अमेरिका फर्स्ट की नीति भी प्रभावित हो रही है।
विज्ञापन
विज्ञापन
गौरतलब है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध चल रहा है। ट्रंप के चीनी वस्तुओं पर दंडात्मक शुल्क लगाने के बाद चीन ने भी जवाबी कदम उठाया है।
इससे पहले, जुलाई में ट्रंप ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से यह बताने को कहा कि वह कैसे किसी देश को विकासशील देश का दर्जा देता है। इस कदम का मकसद चीन, तुर्की और भारत जैसे देशों को इस व्यवस्था से अलग करना है जिन्हें वैश्विक व्यापार नियमों के तहत रियायतें मिल रही हैं।
ट्रंप ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिया (यूएसटीआर) को अधिकार देते हुए कहा है कि अगर कोई विकसित अर्थव्यवस्था डब्ल्यूटीओ की खामियों का लाभ उठाती है, वह उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शुरू करे।
पेनसिलवेनिया में एक सभा को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि एशिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भारत और चीन अब कोई विकासशील देश नहीं रहे और वे डब्ल्यूटीओ से लाभ नहीं ले सकते। उन्होंने कहा कि हालांकि ये दोनों देश डब्ल्यूटीओ से विकासशील देश का दर्जा हासिल कर लाभ उठा रहे हैं और अमेरिका को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
उन्होंने उम्मीद जताई कि डब्ल्यूटीओ अमेरिका के साथ निष्पक्ष रूप से व्यवहार करेगा।
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय ये अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्ध चल रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि, अमेरिका ने चीन के उत्पादों पर भारी-भरकम टैरिफ शुल्क लगा दिया है। इस वजह से दोनों देशों के बीच रिश्तों में तल्खी भी बढ़ी है।