सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   World ›   Amid Iran sanctions by US Bolivia signs Defence agreements with Islamic Republic Argentina news and updates

US: अमेरिका करता रह गया विरोध और इस दक्षिण अमेरिकी देश ने ईरान से कर लिया समझौता, जानें पूरा मामला

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ला पाज Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Tue, 25 Jul 2023 09:24 AM IST
विज्ञापन
सार

बीते हफ्ते बोलिविया के रक्षा मंत्री एडमंडो नोविलो के ईरान दौरे के बीच दोनों देशों में कुछ समझौते हुए थे। इसके बारे में ज्यादा जानकारी जारी नहीं की गई।

Amid Iran sanctions by US Bolivia signs Defence agreements with Islamic Republic Argentina news and updates
बोलिविया और ईरान के रक्षा मंत्री के बीच पिछले हफ्ते हुआ समझौता। - फोटो : Social Media
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

अमेरिका की ओर से ईरान पर बीते चार वर्षों में लगाए प्रतिबंधों का असर अब भी दिखना बाकी है। हालांकि, इस बीच कई देशों ने अमेरिका को किनारे कर ईरान से व्यापार और समझौते करना जारी रखा है। इनमें नया नाम दक्षिण अमेरिकी देश बोलिविया का है, जिसने गुपचुप तरीके से ईरान के साथ कुछ समझौते किए हैं। अभी तक यह साफ नहीं है कि यह डील किस तरह की है। हालांकि, इसे लेकर पश्चिमी देशों ने चिंता जाहिर की है। बोलिविया के एक और पड़ोसी अर्जेंटीना ने तो इस पर जवाब भी मांगा है। 
loader
Trending Videos


क्या है पूरा मामला?
बताया गया है कि पिछले हफ्ते बोलिविया के रक्षा मंत्री एडमंडो नोविलो के ईरान दौरे के बीच दोनों देशों में कुछ समझौते हुए थे। इसके बारे में ज्यादा जानकारी जारी नहीं की गई। हालांकि, बोलिविया के पड़ोसी अर्जेंटीना ने इस पर चिंता जाहिर की है। अर्जेंटीना के विदेश मंत्री ने ब्यूनस आयर्स में मौजूद बोलिविया के दूतावास से ईरान के साथ समझौते की जानकारी मांगी है। 
विज्ञापन
विज्ञापन


गौरतलब है कि अर्जेंटीना और ईरान के रिश्ते लंबे समय से खराब हैं। अर्जेंटीना में वकीलों का आरोप है कि 1994 में ब्यूनस आयर्स में एएमआईए यहूदी सामुदायिक केंद्र में बमबारी के पीछे ईरानी अधिकारियों का हाथ रहा था। इन हमलों में 85 लोगों की जान चली गई थी। हालांकि, ईरान इन हमलों में हाथ होने की बात से इनकार करता रहा है। 

ईरान से समझौते पर घर में ही घिरी बोलिविया सरकार
अर्जेंटीना की तरफ से बोलिविया दूतावास को यह नोट ऐसे समय में भेजा गया है, जब बोलिविया की सरकार अपने देश में ही इस समझौते को लेकर घिरी है। विपक्षी पार्टियों के कई सांसदों ने सरकार से 20 जुलाई को हुए समझौते की जानकारी मांगी है। विपक्ष ने पूछा है कि आखिर क्यों सरकार ने एक ऐसे देश के साथ समझौता किया है, जिसके साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर कई जटिलताएं हैं। वह भी तब जबकि बोलिविया के संविधान के तहत वह हमेशा शांतिपसंद देश के तौर पर रहेगा। विपक्ष ने मांग की है कि रक्षा मंत्री संसद में इस समझौते की जानकारी दें।

ईरान-बोलिविया में किस तरह का समझौता?
ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी IRNA के मुताबिक, ईरानी रक्षा मंत्री मोहम्मद रजा अश्तियानी ने बोलिविया के रक्षा मंत्री के साथ रक्षा और सुरक्षा से जुड़े एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। ईरानी मंत्री ने कहा था कि लातिन अमेरिकी देश ईरान की विदेश और रक्षा नीति में खास जगह रहते हैं और हम दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र की अहमियत के प्रति संवेदनशील हैं। 

दूसरी तरफ बोलिविया के रक्षा मंत्री ने अब तक समझौतों को लेकर कोई बयान नहीं दिया है। इस पर विपक्ष ने उन्हें घेरते हुए कहा कि कल को कोई कहेगा कि ईरान ने हमें ड्रोन्स दिए। कोई कहेगा ईरान हमें मिसाइल दे रहा है। यह सब बड़ा अजीब लगता है, खासकर जब इसमें ईरान जुड़ा है। हमें समझ नहीं आता कि बोलिविया इतनी जटिल परिस्थितियों में क्यों उलझ रहा है। हालांकि, सरकार से जुड़े सांसद का कहना है कि बोलिविया के पास ऐसे समझौते करने का पूरा अधिकार है। अमेरिका सबसे खतरनाक देशों में से है, इसलिए हमें अपने साथियों को चुनने का पूरा अधिकार है। 
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed