सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   World ›   As the date for the French presidential election closer, the challenge for President Emmanuel Macron is on the rise

कड़ा मुकाबला: मतदान के करीब आकर दिलचस्प हुआ फ्रांस का राष्ट्रपति चुनाव, मैक्रों के लिए बढ़ी चुनौती

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, पेरिस Published by: Harendra Chaudhary Updated Fri, 08 Apr 2022 01:10 PM IST
विज्ञापन
सार

विश्लेषकों के मुताबिक मतदान के पहले दौर में किसी उम्मीदवार को 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिलने की संभावना नहीं है। इसलिए फैसला दूसरे दौर के मतदान में ही होगा। पहले चरण में सबसे ऊपर रहने वाले दो उम्मीदवारों के बीच दूसरे चरण में मुकाबला होगा। दूसरे चरण का मतदान 24 अप्रैल को होगा...

As the date for the French presidential election closer, the challenge for President Emmanuel Macron is on the rise
ली पेन और मैक्रोन - फोटो : Agency (File Photo)
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव में मतदान की तारीख करीब आने के साथ राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के लिए चुनौती बढ़ने के संकेत हैं। इसी रविवार को फ्रांस में मतदान होना है। जो रुझान सामने आ रहे हैं, उनके मुताबिक धुर दक्षिणपंथी उम्मीदवार मेरी ली पेन ने मैक्रों के साथ अपना फासला काफी हद तक पाट लिया है। हैरिस इंटरेक्टिव नाम की एजेंसी ने भी इसी हफ्ते बताया था कि अब मैक्रों और ली पेन के बीच सिर्फ तीन फीसदी का अंतर रह गया है।

loader
Trending Videos


विश्लेषकों के मुताबिक मतदान के पहले दौर में किसी उम्मीदवार को 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिलने की संभावना नहीं है। इसलिए फैसला दूसरे दौर के मतदान में ही होगा। पहले चरण में सबसे ऊपर रहने वाले दो उम्मीदवारों के बीच दूसरे चरण में मुकाबला होगा। दूसरे चरण का मतदान 24 अप्रैल को होगा। ताजा जनमत सर्वेक्षणों से यह लगभग साफ हो गया है कि दूसरे चरण में मुकाबला मैक्रों और ली पेन के बीच होगा।

विज्ञापन
विज्ञापन

ली पेन की लोकप्रियता बढ़ी

वेबसाइट पॉलिटिको.ईयू ने कई जनमत सर्वेक्षणों के औसत के आधार पर कहा है कि दूसरे चरण में मैक्रों के जीतने की संभावना मजबूत है। इस औसत के मुताबिक आमने-सामने मुकाबला होने पर मैक्रों आठ फीसदी के अंतर से विजयी रहेंगे। लेकिन पोलिटिको.ईयू ने अपने विश्लेषण में यह भी कहा है कि मतदान करीब आने के साथ जिस तरह ली पेन की लोकप्रियता बढ़ी है, उसे देखते हुए कोई निश्चित भविष्यवाणी करना अब संभव नहीं रह गया है।


पिछले चुनाव यानी 2017 में भी दूसरे चरण के मतदान में मुकाबला मैक्रों और मेरी ली पेन के बीच ही हुआ था। तब मैक्रों 66 फीसदी प्रतिशत वोट पाकर विजयी रहे थे। ली पेन को 34 फीसदी वोट मिले थे। लेकिन इस बार दूसरे चरण के लिए लगाए गए अनुमान में दोनों के बीच कम अंतर दिख रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि ली पेन ने नारे गढ़ने की कुशलता और जमीनी चुनाव अभियान के जरिए अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।

पर्यवेक्षकों का कहना है कि पिछले डेढ़ महीने से मीडिया की चर्चा में यूक्रेन युद्ध के छाये रहने का लाभ मैक्रों को मिला है। इससे देश की आर्थिक समस्याएं और नस्लीय मुद्दे पृष्ठभूमि में चले गए। लेकिन कुछ जानकारों का कहना है कि ऐसी समझ भ्रामक हो सकती है। उनके मुताबिक यूक्रेन युद्ध के कारण मैक्रों का ज्यादा समय कूटनीतिक वार्ताओं में गया है। जबकि इस बीच ली पेन जमीन पर सघन चुनाव अभियान में जुटी रही हैं।

गहन प्रचार में जुटी रहीं ली पेन

जनमत सर्वे करने वाली एजेंसी इप्सोस के रिसर्च डायरेक्टर मैथ्यू गलार्ड ने वेबसाइट पोलिटिको से कहा- ‘ली पेन मतदाताओं के पास जाकर प्रचार कर रही हैं। वे छोटे शहरों और गांवों में भी गई हैं। उनके इस प्रचार अभियान को राष्ट्रीय मीडिया ने ज्यादा कवर नहीं किया। लेकिन स्थानीय मीडिया में उसकी झलक देखने को मिली है। ली पेन ने मतदाताओं को निकटता का अहसास कराया है, जो फ्रांस के लोगों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होता है।’

शुरुआत में ली पेन की मुश्किल एक अन्य धुर दक्षिणपंथी उम्मीदवार एरिक जिमो थे। अनुमान लगाया गया था कि वे ली पेन के वोट काटेंगें। लेकिन अब वे काफी पिछड़ चुके हैं। इसका फायदा भी अब ली पेन को मिल रहा है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed