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बांग्लादेश: शेख हसीना की बढ़ीं मुश्किलें, मुकदमे की कार्यवाही पूरी; अदालत 13 नवंबर को सुनाएगी फैसला
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ढाका
Published by: राहुल कुमार
Updated Fri, 24 Oct 2025 08:22 AM IST
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सार
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे मानवता के खिलाफ अपराधों के मुकदमे की कार्यवाही पूरी कर ली है और 13 नवंबर को फैसला सुनाने की तारीख तय की है।
शेख हसीना, बांग्लादेश की पूर्व पीएम
- फोटो : ANI
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विस्तार
बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे मानवता के खिलाफ अपराधों के मुकदमे की कार्यवाही पूरी कर ली है और 13 नवंबर को फैसला सुनाने की तारीख तय की है।
पूर्व प्रधानमंत्री हसीना पर आरोप है कि उन्होंने आवामी लीग शासनकाल के दौरान कई लोगों को प्रताड़ित करने और जबरन गायब कराने में भूमिका निभाई थी। अगस्त 2024 में छात्र-नेतृत्व वाले जनविरोधी आंदोलन में सत्ता से बेदखल होने के बाद हसीना को देश छोड़ना पड़ा था। इसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में पद संभाला।
ढाका ट्रिब्यून ने गुरुवार को पहले बताया था कि हसीना के वकील मोहम्मद आमिर हुसैन ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री 2024 में भेदभाव-विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान मानवता के विरुद्ध किए गए अपराधों के मामले में भागी नहीं थीं; बल्कि उन्हें जाने के लिए मजबूर किया गया था। निष्कासन के बाद वह कम से कम कुछ समय के लिए भारत में रहीं।
खबर अपडेट हो रही है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
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पूर्व प्रधानमंत्री हसीना पर आरोप है कि उन्होंने आवामी लीग शासनकाल के दौरान कई लोगों को प्रताड़ित करने और जबरन गायब कराने में भूमिका निभाई थी। अगस्त 2024 में छात्र-नेतृत्व वाले जनविरोधी आंदोलन में सत्ता से बेदखल होने के बाद हसीना को देश छोड़ना पड़ा था। इसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में पद संभाला।
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ढाका ट्रिब्यून ने गुरुवार को पहले बताया था कि हसीना के वकील मोहम्मद आमिर हुसैन ने कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री 2024 में भेदभाव-विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान मानवता के विरुद्ध किए गए अपराधों के मामले में भागी नहीं थीं; बल्कि उन्हें जाने के लिए मजबूर किया गया था। निष्कासन के बाद वह कम से कम कुछ समय के लिए भारत में रहीं।
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