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Russia Oil: 'ट्रंप के कहने पर रूस से तेल खरीदना कम कर रहा भारत', व्हाइट हाउस का दावा; चीन का भी किया जिक्र
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन
Published by: नितिन गौतम
Updated Fri, 24 Oct 2025 12:08 PM IST
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सार
अमेरिका का आरोप है कि भारत मॉस्को से कच्चे तेल की खरीद कर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित कर रहा है। इसे लेकर अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ भी लगाया है।
कैरोलिन लेविट
- फोटो : एएनआई / रॉयटर्स
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विस्तार
व्हाइट हाउस ने दावा किया है कि भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुरोध पर रूस से तेल खरीदना कम करना शुरू कर दिया है। गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने यह दावा किया। उन्होंने कहा, 'अगर आप रूस पर लगे प्रतिबंधों को देखें और पढ़ें, तो वे काफी सख्त हैं।' अमेरिका ने बुधवार को रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों, रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंधों का एलान किया। इन कंपनियों पर प्रतिबंध रूस के राजस्व के स्त्रोत पर बड़ी चोट मानी जा रही है।
यूरोपीय सहयोगियों पर भी दबाव बना रहा अमेरिका
गुरुवार को जब व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट से रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने दावा किया कि 'मैंने कुछ अंतरराष्ट्रीय खबरें देखीं है, जिनमें कहा गया है कि चीन रूस से तेल खरीदना कम कर रहा है। हम जानते हैं कि भारत ने भी राष्ट्रपति ट्रंप के अनुरोध पर ऐसा ही किया है।' कैरोलिन लेविट ने कहा कि अमेरिका ने अपने यूरोपीय सहयोगियों से भी रूसी तेल आयात में कटौती करने की अपील की है।
ट्रंप और उनका प्रशासन कई बार कर चुका है दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनका प्रशासन पिछले कुछ दिनों से दावा कर रहा है कि भारत ने आश्वासन दिया है कि वह रूस से अपने तेल आयात में कमी करेगा। हालांकि, भारत की तरफ से इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है। भारत का कहना है कि उनकी ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हितों से तय होती है और सरकार का उद्देश्य अपने उपभोक्ताओं के लिए किफायती और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
अमेरिका का आरोप है कि भारत मॉस्को से कच्चे तेल की खरीद कर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित कर रहा है। इसे लेकर अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ भी लगाया है। जिसके बाद भारत पर अमेरिकी टैरिफ बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है। हालांकि भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को गलत और बेतुका बताया है।
ये भी पढ़ें- Ukraine: यूक्रेन को 2027 तक वित्तीय मदद देगा यूरोपीय संघ, जेलेंस्की ने जताई खुशी; अमेरिकी फैसले की भी तारीफ की
ट्रंप और पुतिन के बीच हंगरी में होने वाली बैठक भी टली
लेविट ने कहा कि ट्रंप ने बहुत पहले ही रूस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए थे। ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर शांति समझौते की दिशा में आगे बढ़ने में पर्याप्त रुचि न दिखाने का आरोप लगाया। हाल ही में ट्रंप ने हंगरी में पुतिन के साथ होने वाली बैठक भी रद्द करने का एलान किया। हालांकि व्हाइट हाउस ने कहा है कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत की उम्मीद पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है और भविष्य में दोनों के बीच मुलाकात हो सकती है।
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यूरोपीय सहयोगियों पर भी दबाव बना रहा अमेरिका
गुरुवार को जब व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट से रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने दावा किया कि 'मैंने कुछ अंतरराष्ट्रीय खबरें देखीं है, जिनमें कहा गया है कि चीन रूस से तेल खरीदना कम कर रहा है। हम जानते हैं कि भारत ने भी राष्ट्रपति ट्रंप के अनुरोध पर ऐसा ही किया है।' कैरोलिन लेविट ने कहा कि अमेरिका ने अपने यूरोपीय सहयोगियों से भी रूसी तेल आयात में कटौती करने की अपील की है।
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ट्रंप और उनका प्रशासन कई बार कर चुका है दावा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनका प्रशासन पिछले कुछ दिनों से दावा कर रहा है कि भारत ने आश्वासन दिया है कि वह रूस से अपने तेल आयात में कमी करेगा। हालांकि, भारत की तरफ से इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है। भारत का कहना है कि उनकी ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हितों से तय होती है और सरकार का उद्देश्य अपने उपभोक्ताओं के लिए किफायती और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
अमेरिका का आरोप है कि भारत मॉस्को से कच्चे तेल की खरीद कर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित कर रहा है। इसे लेकर अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ भी लगाया है। जिसके बाद भारत पर अमेरिकी टैरिफ बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया है। हालांकि भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को गलत और बेतुका बताया है।
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ट्रंप और पुतिन के बीच हंगरी में होने वाली बैठक भी टली
लेविट ने कहा कि ट्रंप ने बहुत पहले ही रूस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए थे। ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर शांति समझौते की दिशा में आगे बढ़ने में पर्याप्त रुचि न दिखाने का आरोप लगाया। हाल ही में ट्रंप ने हंगरी में पुतिन के साथ होने वाली बैठक भी रद्द करने का एलान किया। हालांकि व्हाइट हाउस ने कहा है कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत की उम्मीद पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है और भविष्य में दोनों के बीच मुलाकात हो सकती है।