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Bolivia: बोलिविया में पलटी सत्ता, रॉड्रिगो पाज की ऐतिहासिक जीत; अमेरिका के साथ रिश्तों में करेंगे नई शुरुआत?

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, सूक्रे Published by: शुभम कुमार Updated Tue, 21 Oct 2025 08:36 AM IST
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सार

बोलिविया में 20 साल बाद दक्षिणपंथी नेता रॉड्रिगो पाज राष्ट्रपति चुने गए हैं। उन्होंने 54.5% वोटों से जीत हासिल की। पाज ने अमेरिका से रिश्ते सुधारने, विदेशी निवेश लाने और ईंधन संकट सुलझाने की बात कही है। यह नतीजा वामपंथी शासन के लंबे दौर के अंत का संकेत माना जा रहा है।

Bolivia Rodrigo Paz wins historic victory; will he make a fresh start in relations with the US
बोलिविया राष्ट्रपति चुनाव - फोटो : ANI
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विस्तार
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बोलिविया में बीते 20 वर्षों में पहली बार एक दक्षिणपंथी नेता राष्ट्रपति चुने गए हैं। रॉड्रिगो पाज ने रविवार को हुए चुनाव में 54.5% वोट पाकर चौंकाने वाली जीत दर्ज की। यह नतीजा देश में लंबे समय से चली आ रही वामपंथी सरकार के युग के अंत का संकेत भी माना जा रहा है। अपनी जीत के बाद पाज ने सोमवार को कहा कि वह अमेरिका के साथ रिश्ते सुधारने और विदेशी निवेश लाने पर ध्यान देंगे। उन्होंने वॉशिंगटन के साथ पहले से बातचीत शुरू कर दी है ताकि 8 नवंबर को पदभार संभालने के बाद ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

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अमेरिका के साथ नए संबंधों की शुरुआत
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाज की जीत को दोनों देशों के लिए एक नए युग की शुरुआत बताया। पाज ने भी कहा कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने सहयोग के स्पष्ट संकेत दिए हैं और अब दोनों देश निवेश, सुरक्षा और आव्रजन जैसे मुद्दों पर मिलकर काम करेंगे।

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तेल की किल्लत और बिगड़ी अर्थव्यवस्था
बोलिविया की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है। देश के केंद्रीय बैंक के पास विदेशी मुद्रा लगभग खत्म हो चुकी है, जिससे पेट्रोल और डीजल जैसी जरूरी चीजों का आयात मुश्किल हो गया है। शहरों में ईंधन के लिए लंबी लाइनें लग रही हैं और सितंबर में महंगाई दर 23% तक पहुंच गई, जो 1991 के बाद सबसे ज्यादा है।

आईएमएफ से नहीं लेंगे मदद
चुनाव में पाज ने अपने प्रतिद्वंद्वी पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज "तूतो" किरोगा को हराया, जो आईएमएफ से कर्ज लेकर आर्थिक संकट सुलझाना चाहते थे। पाज ने इस विचार को ठुकरा दिया क्योंकि बोलिविया में अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रति अविश्वास गहरा है।

जनता से जुड़ने में लारा की अहम भूमिका
पाज की लोकप्रियता में बड़ी भूमिका उनके उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एडमैन लारा की रही। पूर्व पुलिस अधिकारी लारा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सोशल मीडिया पर आवाज उठाई थी और खासकर गरीब और ग्रामीण मतदाताओं में काफी लोकप्रिय हुए। उन्होंने पेंशन बढ़ाने और नकद सहायता जैसी लोकलुभावन घोषणाएं कीं, जिससे वामपंथी मतदाताओं का समर्थन भी मिला।

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संविधान में बदलाव की योजना?
पाज ने कहा कि वो सबसे पहले देश की व्यवस्था सुधारेंगे। इसके लिए संविधान में बदलाव की भी योजना है। हालांकि इससे देश की बहुसंख्यक आदिवासी आबादी में चिंता है क्योंकि मौजूदा संविधान ने उन्हें राजनीतिक पहचान दी थी। पाज ने भरोसा दिलाया कि आदिवासी समुदाय का सम्मान बरकरार रहेगा और न्यायपालिका में राजनीतिक हस्तक्षेप खत्म करने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएंगे।

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