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H-1B वीजा फीस: USCIS ने जारी की नई गाइडलाइंस; जानें किसे नहीं चुकानी होगी एक लाख अमेरिकी डॉलर की फीस

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन Published by: शुभम कुमार Updated Tue, 21 Oct 2025 12:42 PM IST
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सार

ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा पर लगने वाली एक लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) की फीस से कुछ आवेदकों को छूट दी है। यूएससीआईएस की नई गाइडलाइंस जारी कर इस बात की जानकारी दी। आइए जानते है कि ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बाद किन-किन लोगों को भारी-भरकम फीस से छूट मिलेगी और ये फैसला भारतीय आईटी पेशेवर और छात्रों के लिए राहत की बात कैसे है?

H-1B visa fee relief USCIS issues guidelines USD 100,000 wont apply to status change or extension case
एच-1बी वीजा नीति में ट्रंप प्रशासन ने किया बदलाव - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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एच-1बी वीजा नीति में ट्रंप प्रशासन ने एक बार फिर बदलाव कर एक बड़ी राहत दी है। इसके तहत ट्रंप प्रशासन द्वारा H-1B वीजा के लिए तय की गई भारी-भरकम 100,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) की फीस से अब कुछ आवेदकों को छूट मिलेगी। यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) ने सोमवार को इस बारे में नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिससे हजारों भारतीय तकनीकी विशेषज्ञों और छात्रों को राहत मिलने की उम्मीद है।

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यूएससीआईएस के अनुसार 21 सितंबर 2025, सुबह 12:01 बजे से पहले जमा किए गए एच-1बी वीजा के लिए यह भारी फीस लागू नहीं होगी। इसके अलावा, अगर कोई अमेरिका में पहले से मौजूद व्यक्ति अपने एच-1बी वीजा की स्थिति में बदलाव , विस्तार या संशोधन करवाना चाहता है, तो उस पर भी यह नई फीस लागू नहीं होगी।
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किन्हें नहीं देनी होगी 88 लाख रुपये की H-1B वीजा फीस?
बता दें कि यूएससीआईएस के द्वारा जारी नई गाइडलाइंस के अनुसार यूएसडी 100,000 (करीब 88 लाख रुपये) की भारी फीस से कुछ आवेदकों को छूट मिलेगी। इसके तहत वैसे लोग जो पहले से वैध एच-1बी वीजा पर अमेरिका में रह रहे हैं, जिनके वीजा आवेदन 21 सितंबर 2025 से पहले यूएससीआईएस को जमा हो चुके हैं। जो अमेरिका में रहते हुए अपनी वीजा स्थिति बदल रहे हैं, जैसे पढ़ाई से नौकरी में जाना।

वहीं इससे उन लोगों को भी राहत मिलेगी जो अपने एच-1बी वीजा की अवधि बढ़वा रहे हैं या उसमें संशोधन करवा रहे हैं। ये राहत उन एच-1बी वीजा धारक लोगों को भी मिलेगी जो अमेरिका से बाहर जाकर वापस उसी वैध वीजा पर लौट रहे हैं। हालांकि, अगर यूएससीआईएस यह मानता है कि कोई व्यक्ति इन श्रेणियों में योग्य नहीं है, तो उस पर यूएसडी 100,000 की फीस लागू होगी।

अब समझिए भारतीयों को क्यों मिलेगा फायदा?
अब बात अगर इस नए बदलाव से भारतीय लोगों को मिलने वाले फायदे की करें तो एच-1बी वीजा होल्डर्स में भारतीयों की हिस्सेदारी लगभग 71% है। यह वीजा अमेरिका में तकनीकी, इंजीनियरिंग और अन्य विशेषज्ञ क्षेत्रों में काम करने वाले विदेशी पेशेवरों को दिया जाता है। ऐसे में यह राहत भरी खबर खासतौर पर भारतीय आईटी पेशेवरों, स्टार्टअप्स और स्टूडेंट्स के लिए बहुत अहम मानी जा रही है।

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क्यों हुआ यह बदलाव, ये भी समझिए
गौरतलब है कि यह नया आदेश राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 19 सितंबर के प्रोक्लेमेशन के तहत आया है, जिसमें नई एच-1बी वीजा फीस को यूएसडी 100,000 प्रति वर्ष कर दिया गया था। इसका उद्देश्य अमेरिका में विदेशी श्रमिकों की एंट्री को सीमित करना बताया गया था।लेकिन इस फैसले के खिलाफ यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ने 16 अक्तूबर को कोर्ट में मुकदमा दायर किया। उन्होंने इसे गलत नीति और कानून के खिलाफ बताया, जो अमेरिका की इनोवेशन और प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचा सकता है।

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