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Thailand-Cambodia Conflict: 'एक फोन कॉल कर रुकवा दूंगा संघर्ष..', थाईलैंड-कंबोडिया की ताजा झड़प पर बोले ट्रंप
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, सुरिन (थाईलैंड)
Published by: निर्मल कांत
Updated Wed, 10 Dec 2025 08:05 AM IST
सार
Thailand-Cambodia Conflict: कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमा पर रविवार से शुरू हुआ संघर्ष तेज हो गया है और गोलाबारी के कारण हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। दोनों दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की सेनाएं एक-दूसरे पर पहले हमला करने का आरोप लगा रही हैं। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।
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थाईलैंड कंबोडिया तनाव
- फोटो : पीटीआई (फाइल)
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विस्तार
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ने कहा कि वह एक फोन कॉल करके थाईलैंड और कंबोडिया के बीच जारी संघर्ष को रोक देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह ताकत के दम पर शांति स्थापित कर रहे हैं।
ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया कि उन्होंने दस महीनों के भीतर आठ संघर्ष खत्म करवाए हैं। इनमें कोसोवा-सर्बिया, भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष भी शामिल हैं। ट्रंप ने कहा, ये देश आपस में भिड़ रहे थे। इस्राइल और ईरान, मिस्र और इथियोपिया। आर्मेनिया और अजरबैजान। मुझे यह कहते हुए अच्छा नहीं लग रहा, लेकिन कंबोडिया और थाईलैंड ने आज फिर शुरुआत कर दी है। मैं एक फोन कॉल करूंगा और दो बहुत ताकतवर देशों थाईलैंड और कंबोडिया के बीच जारी संघर्ष को रोक दूंगा। वे फिर से लड़ रहे हैं। लेकिन मैं यह कर दूंगा। हम ताकत के दम पर शांति बना रहे हैं।
थाईलैंड के सुरिन इलाके में मंगलवार को हालात और बिगड़ गए, जब कंबोडिया के ताकतवर नेता और सीनेट अध्यक्ष हुन सेन ने स्पष्ट कहा कि उनका देश थाईलैंड का मुकाबला करेगा। दोनों देशों के बीच दूसरे दिन भी गोलाबारी हुई, जिसकी वजह से सीमा से सटी बस्तियों से बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं।
ताजा संघर्ष की शुरुआत रविवार को हुई, जब एक झड़प में दो थाई सैनिक घायल हुए। इसके साथ ही जुलाई में हुए संघर्ष को रोकने के लिए लागू शांति समझौता टूट गया। जुलाई के संघर्ष में दोनों तरफ कई लोगों की मौत हुई थी और एक लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाना पड़ा था।
थाईलैंड के प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नविराकुल ने मंगलवार को कहा कि कंबोडिया ने अब तक बातचीत के लिए कोई संपर्क नहीं किया है और हालात ऐसे ही बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार पहले से तय सैन्य योजना पर ही काम करेगी और देश की संप्रभुता सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाएगी।
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इधर, कंबोडिया के हुन सेन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनके देश ने सोमवार को जवाब नहीं दिया था, लेकिन रात में थाई हमलों के खिलाफ पलटवार शुरू किया। उन्होंने कहा कि कंबोडिया शांति चाहता है लेकिन अपनी जमीन की रक्षा के लिए लड़ने को मजबूर है। 2023 में पद छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री की कुर्सी उन्होंने अपने बेटे हुन मानेट को सौंप दी थी, लेकिन देश में वह आज भी प्रभावशाली नेता माने जाते हैं।
थाई सेना ने आरोप लगाया कि कंबोडिया ने मंगलवार को तोप, रॉकेट और ड्रोन से निशाना बनाया। थाईलैंड का कहना है कि रविवार और सोमवार को भी उस पर गोलीबारी की गई। दोनों दक्षिण पूर्व एशियाई देश दावा कर रहे हैं कि पहले हमला सामने वाले ने किया।
कंबोडिया की सेना के मुताबिक, ताजा संघर्ष में सात नागरिक मारे गए और 20 घायल हुए हैं। वहीं थाई सेना का कहना है कि उनके तीन सैनिकों की मौत हुई है। थाईलैंड ने सोमवार को सीमा के पास हवाई हमले किए और कहा कि ऐसे अभियान तब तक जारी रहेंगे जब तक गोलाबारी बंद नहीं होती।
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सीमा के दोनों ओर लोग घर छोड़कर पलायन कर रहे हैं। थाईलैंड के सुरिन शहर के एक विश्वविद्यालय में बने राहत शिविर में 3,600 से ज्यादा लोग ठहरे हुए हैं। कई लोग चटाइयों पर बैठे दिखे, कुछ ने छोटे तंबू लगाए। दोपहर के भोजन के लिए कतारें लगी रहीं और सेना का बैंड लोगों को तनाव से राहत देने के लिए संगीत बजाता रहा। एक किसान ने बताया कि गोलीबारी की आवाज सुनते ही वह बहुत डर गए और भाग निकले।
थाई सेना ने बताया कि सीमावर्ती चार प्रांतों में करीब 500 अस्थायी शिविर बनाए गए हैं, जहां 1.25 लाख से ज्यादा लोग रह रहे हैं। उधर कंबोडिया के सूचना मंत्री ने कहा कि वहां भी लगभग 55 हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है और संख्या लगातार बढ़ रही है।
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थाईलैंड के सुरिन इलाके में मंगलवार को हालात और बिगड़ गए, जब कंबोडिया के ताकतवर नेता और सीनेट अध्यक्ष हुन सेन ने स्पष्ट कहा कि उनका देश थाईलैंड का मुकाबला करेगा। दोनों देशों के बीच दूसरे दिन भी गोलाबारी हुई, जिसकी वजह से सीमा से सटी बस्तियों से बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं।
ताजा संघर्ष की शुरुआत रविवार को हुई, जब एक झड़प में दो थाई सैनिक घायल हुए। इसके साथ ही जुलाई में हुए संघर्ष को रोकने के लिए लागू शांति समझौता टूट गया। जुलाई के संघर्ष में दोनों तरफ कई लोगों की मौत हुई थी और एक लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाना पड़ा था।
थाईलैंड के प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नविराकुल ने मंगलवार को कहा कि कंबोडिया ने अब तक बातचीत के लिए कोई संपर्क नहीं किया है और हालात ऐसे ही बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार पहले से तय सैन्य योजना पर ही काम करेगी और देश की संप्रभुता सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाएगी।
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इधर, कंबोडिया के हुन सेन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनके देश ने सोमवार को जवाब नहीं दिया था, लेकिन रात में थाई हमलों के खिलाफ पलटवार शुरू किया। उन्होंने कहा कि कंबोडिया शांति चाहता है लेकिन अपनी जमीन की रक्षा के लिए लड़ने को मजबूर है। 2023 में पद छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री की कुर्सी उन्होंने अपने बेटे हुन मानेट को सौंप दी थी, लेकिन देश में वह आज भी प्रभावशाली नेता माने जाते हैं।
थाई सेना ने आरोप लगाया कि कंबोडिया ने मंगलवार को तोप, रॉकेट और ड्रोन से निशाना बनाया। थाईलैंड का कहना है कि रविवार और सोमवार को भी उस पर गोलीबारी की गई। दोनों दक्षिण पूर्व एशियाई देश दावा कर रहे हैं कि पहले हमला सामने वाले ने किया।
कंबोडिया की सेना के मुताबिक, ताजा संघर्ष में सात नागरिक मारे गए और 20 घायल हुए हैं। वहीं थाई सेना का कहना है कि उनके तीन सैनिकों की मौत हुई है। थाईलैंड ने सोमवार को सीमा के पास हवाई हमले किए और कहा कि ऐसे अभियान तब तक जारी रहेंगे जब तक गोलाबारी बंद नहीं होती।
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सीमा के दोनों ओर लोग घर छोड़कर पलायन कर रहे हैं। थाईलैंड के सुरिन शहर के एक विश्वविद्यालय में बने राहत शिविर में 3,600 से ज्यादा लोग ठहरे हुए हैं। कई लोग चटाइयों पर बैठे दिखे, कुछ ने छोटे तंबू लगाए। दोपहर के भोजन के लिए कतारें लगी रहीं और सेना का बैंड लोगों को तनाव से राहत देने के लिए संगीत बजाता रहा। एक किसान ने बताया कि गोलीबारी की आवाज सुनते ही वह बहुत डर गए और भाग निकले।
थाई सेना ने बताया कि सीमावर्ती चार प्रांतों में करीब 500 अस्थायी शिविर बनाए गए हैं, जहां 1.25 लाख से ज्यादा लोग रह रहे हैं। उधर कंबोडिया के सूचना मंत्री ने कहा कि वहां भी लगभग 55 हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है और संख्या लगातार बढ़ रही है।