{"_id":"68cbd95d3c61cf2fe409ac47","slug":"china-says-if-external-forces-intervene-in-taiwan-it-will-not-good-defense-minister-issues-open-threat-2025-09-18","type":"story","status":"publish","title_hn":"China vs Taiwan: 'बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप पर...', ताइवान पर फिर सख्त हुआ चीन, रक्षा मंत्री ने दी खुली धमकी","category":{"title":"World","title_hn":"दुनिया","slug":"world"}}
China vs Taiwan: 'बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप पर...', ताइवान पर फिर सख्त हुआ चीन, रक्षा मंत्री ने दी खुली धमकी
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Thu, 18 Sep 2025 03:35 PM IST
विज्ञापन
सार
चीन के रक्षा मंत्री डोंग जुन ने बीजिंग के शियांगशान सुरक्षा मंच पर ताइवान को लेकर सख्त बयान दिया। उन्होंने कहा कि ताइवान चीन का हिस्सा है और स्वतंत्रता की किसी भी कोशिश को नाकाम किया जाएगा। डोंग ने बाहरी हस्तक्षेप पर भी चेतावनी दी और अमेरिका पर अप्रत्यक्ष हमला भी बोला।

राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल)
- फोटो : एएनआई (फाइल)
विज्ञापन
विस्तार
चीन के रक्षा मंत्री डोंग जुन ने गुरुवार को बीजिंग में आयोजित शियांगशान सुरक्षा मंच का उद्घाटन करते हुए ताइवान को लेकर एक बार फिर कड़े बयान दिए। उन्होंने साफ कहा कि ताइवान का “पुनर्स्थापन” चीन का हिस्सा है और इसे लेकर किसी भी स्वतंत्रता की कोशिश को चीन कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। इस बयान ने क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा दिया है।
अंतरराष्ट्रीय सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में डोंग जुन ने कहा कि ताइवान पर चीन का दावा युद्धोत्तर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का हिस्सा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ताइवान स्वतंत्रता की ओर बढ़ा या बाहरी ताकतों ने हस्तक्षेप किया तो चीन सख्ती से जवाब देगा।
चीन का रुख
बीजिंग ताइवान को अपना अलग हुआ प्रांत मानता है। 1949 से यह द्वीप स्वतंत्र रूप से संचालित है और वहां 2.3 करोड़ लोग रहते हैं। चीन ताइवान पर सैन्य दबाव बनाए रखने के लिए लगभग रोजाना युद्धपोत और विमान भेजता है। चीन ने अभी तक ताइवान को अपने नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग से इनकार नहीं किया है।
ये भी पढ़ें- 'सैन्य अफसरों को आतंकियों के जनाजे में शामिल होने के आदेश मुनीर ने दिए थे', जैश कमांडर ने कबूला
ताइवान की प्रतिक्रिया
ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते और उनकी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी बीजिंग के दावों को खारिज करते हैं। उनका कहना है कि ताइवान एक स्वतंत्र और संप्रभु देश है और उसका भविष्य वहां की जनता तय करेगी।
अमेरिका पर अप्रत्यक्ष हमला
डोंग जुन ने अपने भाषण में अमेरिका का नाम तो नहीं लिया, लेकिन ‘बाहरी सैन्य हस्तक्षेप, प्रभाव क्षेत्र की खोज और देशों पर दबाव डालने’ को अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि यह रवैया दुनिया को अराजकता और संघर्ष की ओर धकेल सकता है।
सैन्य शक्ति का प्रदर्शन
इस सुरक्षा मंच से पहले, चीन ने द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ पर भव्य सैन्य परेड की थी। इसमें चीनी सेना ने हाइपरसोनिक मिसाइलों और आधुनिक टैंकों समेत अपनी उन्नत हथियार प्रणाली का प्रदर्शन किया। चीन ने कहा कि उसकी सेना विश्व शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए काम करने को तैयार है।
ये भी पढ़ें- 'लश्कर और जैश संगठनों पर वैश्विक कार्रवाई जरूरी', अफगानिस्तान को आतंक मुक्त करने के लिए यूएन में बोला भारत
संयुक्त राष्ट्र प्रणाली पर जोर
डोंग ने कहा कि चीन संयुक्त राष्ट्र आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि चीन किसी नई व्यवस्था को लागू करने की कोशिश नहीं कर रहा बल्कि मौजूदा ढांचे को मजबूत करना चाहता है। उन्होंने कहा कि हमें युद्धोत्तर व्यवस्था की रक्षा करनी होगी।

अंतरराष्ट्रीय सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में डोंग जुन ने कहा कि ताइवान पर चीन का दावा युद्धोत्तर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का हिस्सा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ताइवान स्वतंत्रता की ओर बढ़ा या बाहरी ताकतों ने हस्तक्षेप किया तो चीन सख्ती से जवाब देगा।
विज्ञापन
विज्ञापन
चीन का रुख
बीजिंग ताइवान को अपना अलग हुआ प्रांत मानता है। 1949 से यह द्वीप स्वतंत्र रूप से संचालित है और वहां 2.3 करोड़ लोग रहते हैं। चीन ताइवान पर सैन्य दबाव बनाए रखने के लिए लगभग रोजाना युद्धपोत और विमान भेजता है। चीन ने अभी तक ताइवान को अपने नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग से इनकार नहीं किया है।
ये भी पढ़ें- 'सैन्य अफसरों को आतंकियों के जनाजे में शामिल होने के आदेश मुनीर ने दिए थे', जैश कमांडर ने कबूला
ताइवान की प्रतिक्रिया
ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते और उनकी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी बीजिंग के दावों को खारिज करते हैं। उनका कहना है कि ताइवान एक स्वतंत्र और संप्रभु देश है और उसका भविष्य वहां की जनता तय करेगी।
अमेरिका पर अप्रत्यक्ष हमला
डोंग जुन ने अपने भाषण में अमेरिका का नाम तो नहीं लिया, लेकिन ‘बाहरी सैन्य हस्तक्षेप, प्रभाव क्षेत्र की खोज और देशों पर दबाव डालने’ को अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि यह रवैया दुनिया को अराजकता और संघर्ष की ओर धकेल सकता है।
सैन्य शक्ति का प्रदर्शन
इस सुरक्षा मंच से पहले, चीन ने द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ पर भव्य सैन्य परेड की थी। इसमें चीनी सेना ने हाइपरसोनिक मिसाइलों और आधुनिक टैंकों समेत अपनी उन्नत हथियार प्रणाली का प्रदर्शन किया। चीन ने कहा कि उसकी सेना विश्व शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए काम करने को तैयार है।
ये भी पढ़ें- 'लश्कर और जैश संगठनों पर वैश्विक कार्रवाई जरूरी', अफगानिस्तान को आतंक मुक्त करने के लिए यूएन में बोला भारत
संयुक्त राष्ट्र प्रणाली पर जोर
डोंग ने कहा कि चीन संयुक्त राष्ट्र आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि चीन किसी नई व्यवस्था को लागू करने की कोशिश नहीं कर रहा बल्कि मौजूदा ढांचे को मजबूत करना चाहता है। उन्होंने कहा कि हमें युद्धोत्तर व्यवस्था की रक्षा करनी होगी।
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.
विज्ञापन
विज्ञापन