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China: राष्ट्रपति जिनपिंग के करीबी पर बड़ी कार्रवाई, विदेश से लौटने के बाद हिरासत में राजनयिक लियू जियानचाओ
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: पवन पांडेय
Updated Sun, 10 Aug 2025 07:29 PM IST
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सार
चीन के वरिष्ठ राजनयिक लियू जियानचाओ जुलाई महीने के आखिरी से हिरासत में हैं। जानकारी के मुताबिक, विदेश यात्रा से बीजिंग लौटने के बाद उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। लियू जियानचाओ को राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी भी माना जाता है।

लियू जियानचाओ, वरिष्ठ चीनी राजनयिक
- फोटो : ANI
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विस्तार
चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के विदेश विभाग के प्रमुख और वरिष्ठ राजनयिक लियू जियानचाओ को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। यह दावा वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में किया है। हालांकि चीन की ओर से अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, 61 वर्षीय लियू को जुलाई के अंत में एक विदेशी दौरे से बीजिंग लौटने के बाद अधिकारियों से पूछताछ के लिए ले जाया गया। लियू को चीन का संभावित भविष्य का विदेश मंत्री माना जाता है और उनको राष्ट्रपति शी जिनपिंग का करीबी माना जाता है।
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एससीओ बैठक से पहले गिरफ्तारी
लियू जियानचाओ ने 28 जुलाई को दक्षिण अफ्रीका में हुए लिबरेशन मूवमेंट्स समिट में सीपीसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। उनके गिरफ्तारी की खबर ऐसे समय आई है जब इस महीने के अंत में चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का शिखर सम्मेलन होना है। यह सम्मेलन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चलेगा। लियू, विदेश मंत्री वांग यी के साथ मिलकर चीन की विदेश नीति पर असर डालते रहे हैं। 14 जुलाई को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी बीजिंग यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात की थी, जिसमें भारत-चीन रिश्तों को सामान्य बनाने पर चर्चा हुई थी।
फिलहाल लियू जियानचाओ की प्रोफाइल और उनके हालिया अंतरराष्ट्रीय मुलाकातों की तस्वीरें अभी भी सीपीसी के आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद हैं। यह घटना ऐसे समय हुई है जब पिछले साल भी चीन के तत्कालीन विदेश मंत्री छिन गांग को अचानक हटा दिया गया था, लेकिन कारण सार्वजनिक नहीं किया गया था।
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चीनी विदेश मंत्रालय में कई अहम पदों पर रहे
जीलिन प्रांत में जन्मे लियू ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अंतरराष्ट्रीय संबंधों की पढ़ाई की और फिर चीन के विदेश मंत्रालय में कई पदों पर काम किया। वे सीपीसी के अनुशासन आयोग में भी रह चुके हैं, जिसने 2012 के बाद से कई शीर्ष अधिकारियों और सैन्य जनरलों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच की है।

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लियू जियानचाओ ने 28 जुलाई को दक्षिण अफ्रीका में हुए लिबरेशन मूवमेंट्स समिट में सीपीसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। उनके गिरफ्तारी की खबर ऐसे समय आई है जब इस महीने के अंत में चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का शिखर सम्मेलन होना है। यह सम्मेलन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चलेगा। लियू, विदेश मंत्री वांग यी के साथ मिलकर चीन की विदेश नीति पर असर डालते रहे हैं। 14 जुलाई को भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी बीजिंग यात्रा के दौरान उनसे मुलाकात की थी, जिसमें भारत-चीन रिश्तों को सामान्य बनाने पर चर्चा हुई थी।
फिलहाल लियू जियानचाओ की प्रोफाइल और उनके हालिया अंतरराष्ट्रीय मुलाकातों की तस्वीरें अभी भी सीपीसी के आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद हैं। यह घटना ऐसे समय हुई है जब पिछले साल भी चीन के तत्कालीन विदेश मंत्री छिन गांग को अचानक हटा दिया गया था, लेकिन कारण सार्वजनिक नहीं किया गया था।
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जीलिन प्रांत में जन्मे लियू ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अंतरराष्ट्रीय संबंधों की पढ़ाई की और फिर चीन के विदेश मंत्रालय में कई पदों पर काम किया। वे सीपीसी के अनुशासन आयोग में भी रह चुके हैं, जिसने 2012 के बाद से कई शीर्ष अधिकारियों और सैन्य जनरलों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच की है।