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चीन में फिर लौटा कोरोना: विशेषज्ञ ने दी टिकाऊ रणनीति की सलाह, बोले- महामारी पर झूठ बोलने से बचे सरकार
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Mon, 14 Mar 2022 04:28 PM IST
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सार
चीन में एक बार फिर से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। जिसके बाद कोरोना को लेकर वहां महामारी विशेषज्ञों ने आगाह किया है। एक वरिष्ठ चीनी महामारी विशेषज्ञ ने कहा है कि ये चीन के लिए सपाट झूठ बोलने का समय नहीं है।

कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहने हुई महिला।
- फोटो : PTI
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विस्तार
चीन में एक बार फिर से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। रविवार को चीन में कोरोना के 3000 से ज्यादा मामले सामने आए थे, जिसके बाद कोरोना को लेकर वहां महामारी विशेषज्ञों ने आगाह किया है। एक वरिष्ठ चीनी महामारी विशेषज्ञ ने कहा है कि ये चीन के लिए सपाट झूठ बोलने का समय नहीं है और न ही कोरोना के मामले शून्य होने पर बहस करने का। उन्होंने कहा कि चीनी सरकार को इस समय का कोरोना के खिलाफ ऐसी रणनीति बनाने के लिए प्रयोग करना चाहिए जो सुरक्षित हों।

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शंघाई के प्रसिद्द महामारी विशेषज्ञ झांग वेनहांग ने सोमवार को चीनी शोसल मीडिया प्लेटफार्म सिना वेइबो पर ये पोस्ट की। उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि 2020 में कोरोना के मामले सामने आने के बाद ये चीन के लिए बेहद मुश्किल समय है। उन्होंने कहा कि ये समय कोरोना को लेकर चीन द्वारा सपाट झूठ बोलने के लिए नहीं है।
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महामारी विशेषज्ञ झांग वेनहांग ने आगे कहा कि अगर इस समय चीन में लॉकडाउन खोल दिया जाता है तो कुछ ही समय में यहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़ जाएंगे। जिसके कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ बढ़ जाएगा और फिर से सारी गतिविधियां ठप पड़ जाएंगी, जिससे भारी नुकसान होगा।
चीन में कोरोना के मामलों में तेजी आने के बाद सार्वजनिक रूप से रैपिड एंटीजन टेस्ट करने की अनुमति दी जा चुकी है। कोरोना को लेकर सुस्त कार्रवाई करने को लेकर कई वरिष्ठ अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। पिछले दो सालों में सबसे खतरनाक कोरोना वैरिएंट स्पाइक ने देश के कई शहरों में लॉकडाउन लगाने पर मजबूर कर दिया है।
गौरतलब है कि चीन के जिलीन प्रांत की राजधानी चांगचुन में शुक्रवार को लॉकडाउन लगाया जा चुका है। तब इस शहर के 90 लाख लोगों को आपात अलर्ट के बाद घरों पर रहने के आदेश दे दिए गए थे। दूसरी तरफ शांडोंग प्रांत के युचेंग में भी लॉकडाउन का आदेश दिया गया था, जिसकी आबादी करीब पांच लाख है। वहीं एक और शहर शेनजेंग में भी एक सप्ताह के लिए तालाबंदी कर दी गई है यानी चीन के कुल तीन शहरों में फिलहाल 2,65,00,000 लोग अपने घरों में बंद रहने को मजबूर हैं। इसका साथ ही विशेष रूप से काम पर जाने वाले वयस्कों को तीन पीसीआर टेस्ट कराने के लिए कहा गया है।
हुआवे और टेनसेंट जैसी कंपनियों का हेडऑफिस शेनजेन में
शेनजेन में चीन की दो प्रमुख कंपनियों हुआवे और टेनसेंट का हेडऑफिस है। यह शहर हॉन्गकॉन्ग से सीमा साझा करता है, जहां पहले ही कोरोना की लहर से बड़ी संख्या में लोग संक्रमित मिल रहे हैं। हॉन्गकॉन्ग में स्थिति लगातार खराब होती जा रही है जहां पर अधिकारियों ने कोविड-19 के 27,647 नए मामलों की पुष्टि की है। हॉन्गकॉन्ग में और 87 लोगों की कोविड-19 से मौत हुई है जिन्हें मिलाकर अबतक यहां 3,729 लोगों की जान जा चुकी है।
चीन में दो साल में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले
चीन में कोविड-19 के दैनिक मामले शनिवार को दो साल में सबसे अधिक दर्ज किए गए। अधिकारियों ने बताया कि करीब दो हजार नए मामले आए हैं जिनमें बीजिंग के 20 संक्रमित शामिल हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने रविवार को बताया कि चीन की मुख्य भूमि पर शनिवार को कोविड-19 के स्थानीय तौर पर संक्रमण के 1,807 नए मामले आए जबकि 131 मरीज आयातित हैं।
बाकी शहरों में भी गाइडलाइंस जारी
इस बीच शंघाई में स्कूल-पार्क बंद रहे, तो बीजिंग में आवासीय इलाकों में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है। नए मामले मिलने के बाद बीजिंग में प्रशासन ने लोगों से कहा कि वह अपने घरों से बाहर नहीं निकलें। यहां तक कि लोगों को हिदायत दी गई है कि जरूरी न होने पर शहर भी न छोड़ा जाए।
वहीं, चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने रविवार को कोरोना के 3122 नए मामले दर्ज किए। शनिवार को कोरोना के कुल नए मामले 1524 दर्ज किए गए थे।