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चिंता: जलवायु संकट से 56% तटीय क्षेत्र पीछे हटे, बदल रहा तटीय शहरों-बस्तियों का भूगोल, 1071 तटों का विश्लेषण

अमर उजाला नेटवर्क Published by: लव गौर Updated Wed, 03 Dec 2025 04:40 AM IST
सार

दुनिया के तटीय शहरों और बस्तियों के भूगोल को तेजी से बढ़ते जलवायु संकट ने अब बदल दिया है। वैश्विक अध्ययन के अनुसार जलवायु संकट से 56 फीसदी तटीय क्षेत्र पीछे हटे गए हैं।

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Climate crisis has caused 56 percent coastal retreat changing geography of coastal cities
दुनिया के 56 प्रतिशत तटीय क्षेत्र समुद्र से दूर खिसक गए हैं। - फोटो : अमर उजाला प्रिंट
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तेजी से बढ़ते जलवायु संकट ने अब दुनिया के तटीय शहरों और बस्तियों के भूगोल को बदल दिया है। समुद्र के जलस्तर में वृद्धि, कटाव, बाढ़ और चक्रवातों के बढ़ते खतरे के कारण तटीय आबादी पीछे हटने के लिए मजबूर हो रही है। सिचुआन यूनिवर्सिटी,चीन और यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किए गए नवीन वैश्विक अध्ययन के अनुसार साल 1992 से 2019 के बीच दुनिया के 56 प्रतिशत तटीय क्षेत्र समुद्र से दूर खिसक गए हैं।
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इसस पता चलता है कि मानव बस्तियां जलवायु जोखिमों से बचने के लिए अनुकूलन की दिशा में कदम उठा रही हैं। तटों का नक्शा तेजी से बदल रहा है और तीन दशकों में बड़ा भूगोलिक बदलाव हुआ है। तटवर्ती शहर व्यापार, अर्थव्यवस्था और मानव बसावट के प्राकृतिक केंद्र रहे हैं और आज भी विश्व की लगभग 40% आबादी समुद्र के सौ किलोमीटर के दायरे में रहती है। लेकिन बढ़ते जलवायु खतरों के बीच तटवर्ती बस्तियों की संरचना तेजी से बदल रही है।
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अध्ययन में 155 देशों के 1071 तटीय क्षेत्रों का विश्लेषण किया गया। लंबे समय तक यह माना जाता रहा कि प्राकृतिक आपदाएं तटीय इलाकों को पीछे हटने पर मजबूर करती हैं, लेकिन जर्नल नेचर क्लाइमेट चेंज में प्रकाशित इस अध्ययन ने पहली बार वैश्विक स्तर पर यह सिद्ध किया है कि असली कारण आपदाएं नहीं, बल्कि कमजोर सामाजिक-आर्थिक संरचना और कमजोर बुनियादी ढांचा है।

निर्णय का आधार खतरा नहीं तैयारी है
अध्ययन में मिक्स्ड-इफेक्ट्स मॉडलिंग तकनीक से यह पुष्टि हुई कि अनुकूलन क्षमता में केवल 1 प्रतिशत सुधार होने पर तट से पीछे हटने की गति 4.2 प्रतिशत घट जाती है, जबकि बुनियादी ढांचे की सुरक्षा में 1 प्रतिशत वृद्धि से यह गति 6.4 प्रतिशत तक कम हो जाती है। इसका स्पष्ट संकेत यह है कि जलवायु संकट के दौर में समुद्र-तटों पर मौजूद समुदायों का भविष्य खतरे के आकार पर नहीं, बल्कि उससे जूझने की उनकी तैयारी पर निर्भर करेगा।

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समुद्र के और करीब आए मात्र 16% क्षेत्र
अध्ययन के निष्कर्षों से स्पष्ट हुआ कि अधिकांश क्षेत्र समुद्र से दूर जा रहे हैं, जबकि केवल 16% क्षेत्र समुद्र के और करीब आए हैं और 28% में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ है। उल्लेखनीय है कि जहां दुनिया का बड़ा हिस्सा समुद्र से दूरी बना रहा है, वहीं डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन सहित कुछ उच्च-आय वाले शहर समुद्र के और निकट बसने लगे हैं।
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