Cyclone Ditwah: भारत ने श्रीलंका के पीड़ितों को और मदद भेजी, ऑपरेशन सागर बंधु के तहत सेना की टुकड़ी पहुंची
भारत ने पड़ोसी देश श्रीलंका को चक्रवात दित्वाह की तबाही से बचने के लिए भारतीय सेना की एक विशेष टुकड़ी बुधवार को कोलंबो भेजा। भारत ने मानवीय आपदा राहत (HADR) अभियानों, बचाव और राहत कार्यों में मदद की है, जिससे पड़ोसी देश को सहायता प्रदान की जा सके।
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भारत ने एक बार फिर पड़ोसी प्रथम नीति की मिसाल पेश की है। दरअसल, श्रीलंका में चक्रवात दित्वाह ने भारी तबाही मचाई है। भारत ने पड़ोसी देश श्रीलंका को इस तबाही से बचने के लिए 'ऑपरेशन सागर बंधु' शुरू किया। भारतीय सेना की एक विशेष टुकड़ी बुधवार को श्रीलंका पहुंची। पड़ोसी देश को मानवीय आपदा राहत (HADR) अभियानों, बचाव और राहत कार्यों में मदद की है, जिससे पड़ोसी देश को सहायता प्रदान की जा सके।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर दी जानकारी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि भारत श्रीलंका के बाढ़ राहत प्रयासों में निरंतर सहयोग कर रहा है। भारतीय वायु सेना का एक सी-17 विमान चिकित्सा दल और उपकरण लेकर कोलंबो पहुंच गया है।
उन्होंने एक्स पर पोस्ट में पोस्ट कर कहा, "एक भारतीय वायु सेना का सी-17 परिवहन विमान, जिसमें एक स्व-निहित, मॉड्यूलर फील्ड अस्पताल, 70 से ज्यादा चिकित्सा और सहायता कर्मी, और वाहन हैं, कोलंबो पहुंच गया है। भारत श्रीलंका के बाढ़ राहत प्रयासों में निरंतर सहायता कर रहा है।”
An @IAF_MCC C-17 transport aircraft with a self-contained, modular field hospital, over 70 medical & support personnel, and vehicles, landed in Colombo.
🇮🇳 continues to aid 🇱🇰 efforts at flood relief.#OperationSagarBandhu pic.twitter.com/x7YbP4n2Y3 — Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 2, 2025
श्रीलंका की उच्चायुक्त ने भारत को आभार जताया
इससे पहले, भारत में श्रीलंका की उच्चायुक्त महिषिनी कोलोन ने सुनामी, आर्थिक संकट और चक्रवात से हुई तबाही जैसी विभिन्न चुनौतियों के बावजूद प्रथम प्रत्युत्तरदाता के रूप में भारत की भूमिका की सराहन की। उच्चायुक्त कोलोन ने कहा, " चक्रवात के कारण श्रीलंका में भारी क्षति हुई है। 400 से ज़्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हम अभी भी राहत और बचाव कार्य में लगे हैं। नुकसान का व्यापक आकलन करने मे कुछ समय लगेगा। हम भारत के आभारी हैं कि वह हमेशा की तरह सबसे पहले मदद के लिए आगे आया है। पहले सुनामी, फिर आर्थिक संकट के दौरान और अब चक्रवात के दौरान भारत हमारी सहायता के लिए सबसे पहले आया। वे राहत और बचाव कार्य कर रहे हैं। जमीन पर मेडिकल टीमें और मोबाइल अस्पताल मौजूद हैं और जब हम बात कर रहे हैं, तब भी वे हमारी मदद कर रहे हैं और श्रीलंका के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि श्रीलंका इस मुश्किल दौर से गुजर सके। हमें उम्मीद
और विश्वास है कि श्रीलंका और भारत मिलकर काम करते रहेंगे और यह आपदा हमारे दोनों देशों कोऔर भी करीब लाने में मदद करेगी।"
चक्रवात से अबतक 410 लोगों की मौत
श्रीलंका से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार चक्रवात दित्वाह से की वजह से मरने वालों की संख्या 410 हो गई है। स्थानीय मीडिया ने आपदा प्रबंधन केंद्र का हवाला देते हुए कहा कि 407,594 परिवारों के 1.4 मिलियन निवासी प्रभावित हुए हैं, क्योंकि पूरे द्वीप में बाढ़, भूस्खलन और भारी बारिश जारी है।