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China Corona Protest: कोविड नीति का विरोध, तीस साल में ऐसी चुनौती नहीं आई चीन सरकार के सामने

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग Published by: अभिषेक दीक्षित Updated Mon, 28 Nov 2022 04:16 PM IST
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सार

चीन सरकार का कहना है कि उसकी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है, इसलिए वह अर्थव्यवस्था की बिना चिंता किए जीरो कोविड नीति पर चल रही है। चीन में आधिकारिक रूप से कोविड-19 संक्रमण से अब तक 5,200 से कुछ ज्यादा लोग मरे हैं।

Corona Protest Opposition of Covid policy such challenge did not come before Chinese government in 30 years
चीन में लॉकडाउन का विरोध - फोटो : Social Media
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विस्तार
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चीन के कई हिस्सों में कोविड-19 लॉकडाउन के खिलाफ हुए प्रदर्शनों को सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती माना जा रहा है। पश्चिमी मीडिया की कुछ टिप्पणियों में इसे 1989 में बीजिंग के तियेनामन चौराहे पर हुए छात्र जमावड़े के बाद की सबसे बड़ी चुनौती बताया गया है। इस बार प्रदर्शनों की खबर कई शहरों से मिली है। यहां तक कि राजधानी बीजिंग और शंघाई जैसे बड़े शहरों में भी लोग सड़कों पर उतरे हैं।

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विश्लेषकों के मुताबिक चीन सरकार की जीरो कोविड नीति के कारण बार-बार लॉकडाउन लागू होने से जिन लोगों को कारोबार में नुकसान हुआ है, वे अब इस नीति को खत्म करने की मांग कर रहे हैँ। उधर बड़ी संख्या में यूनिवर्सिटी छात्र भी घर से पढ़ाई करने या हॉस्टलों में बंद रह कर जिंदगी गुजराने की मजबूरी से ऊब गए हैँ। समझा जाता है कि इन लोगों का सब्र शिनजियांग प्रांत की राजधानी उरुमची में हुए अग्निकांड के बाद जवाब दे गया। 
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उरुमची में एक रिहाइशी बहुमंजिली इमारत में आग लग गई। इमारत के बाहर कारों की कतार लगी थी। इसलिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियां वहां समय पर नहीं पहुंच सकीं। इस घटना में दस लोगों कि मौत हो गई। कुछ पश्चिमी मीडिया रिपोर्टो में दावा किया है कि लॉकडाउन की नीति के तहत इमारत में बाहर से ताला लगाकर उसे बंद कर दिया गया था। इसलिए आग लगने पर लोग अपने घरों से भाग नहीं सके। 

इस घटना के बाद सबसे विरोध प्रदर्शन की खबर उरुमची से ही आई। वहां लोगों ने लॉकडाउन खत्म करने के पक्ष में नारे लगाए। बीजिंग में दर्जनों लोग हादसे में मरे व्यक्तियों को श्रद्धांजलि देने के लिए हाथ में मोमबत्तियां लेकर निकले। उन्होंने भी जीरो कोविड नीति के प्रति विरोध जताया। सोशल मीडिया पर देश भर से ऐसे पोस्ट डाले गए हैं, जिनमें तीन साल से कोविड नियंत्रण की जारी नीतियों को लेकर असंतोष जताया गया है। 

जबकि चीन सरकार का कहना है कि उसकी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है, इसलिए वह अर्थव्यवस्था की बिना चिंता किए जीरो कोविड नीति पर चल रही है। चीन में आधिकारिक रूप से कोविड-19 संक्रमण से अब तक 5,200 से कुछ ज्यादा लोग मरे हैं। चीनी अधिकारियों ने कहा है कि अगर जीरो कोविड नीति नहीं अपनाई गई होती, तो देश में उसी तरह लाखों मौतें हुई होतीं, जैसा अमेरिका जैसे देशों में हुआ। 

देश में इस नीति को लेकर बढ़ रहे असंतोष का चीन सरकार को अंदाजा है। इसीलिए बीते 11 नवंबर को उसने कोविड नियंत्रण की 20 सूत्री नई नीति जारी की। इसमें क्वैरेंटीन अवधि घटाने, पूरे शहर या इलाके के बजाय सिर्फ संक्रमण ग्रस्त क्षेत्र विशेष में लॉकडाउन लगाने, और संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले लोगों पर लगने वाले प्रतिबंधों ढिलाई, आदि जैसे उपाय शामिल हैँ। इस एलान के बाद लोगों में सख्ती में रियायत मिलने की उम्मीद जगी थी। लेकिन इसी बीच उरुमची की घटना हो गई। 

इस बीच चीन में कोविड संक्रमण का नया दौर आया हुआ है। शनिवार को नए संक्रमण के 39 हजार से भी ज्यादा मामले सामने आए। समझा जाता है कि चीन सरकार एक तरफ सख्ती के खिलाफ बढ़ते असंतोष और दूसरी तरफ संक्रमण के नए दौर से निपटने की नई चुनौती के बीच घिर गई है। 

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