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Conflict: क्या रूस के परमाणु अभ्यास से भड़का अमेरिका? जानें रूसी तेल कंपनियों पर लगे प्रतिबंध के पीछे की कहानी

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन Published by: शुभम कुमार Updated Thu, 23 Oct 2025 09:39 AM IST
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सार

तीन साल से ज्यादा समय हो गए है, लेकिन आज भी उसी रफ्तार से रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष जारी है। ऐसे में कई देश रूस पर दबाव बनाकर ये संघर्ष खत्म करना चाहते है। इसी क्रम में अमेरिका ने भी अपना रुख बदलते हुए दो रूसी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसका कारण पुतिन-ट्रंप की बैठक नहीं होना बताया जा रहा है, हालांकि इसका एक बड़ा कारण मॉस्को द्वारा बड़ा सैन्य अभ्यास भी है। आइए इसके बारे में जानते है।

Did Russia nuclear exercises provoke US Learn the story behind the sanctions imposed on Russian oil companies
ट्रंप और पुतिन। - फोटो : PTI
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विस्तार
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रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच अमेरिका ने एक बड़ा कदम उठाते हुए बुधवार को रूस की दो प्रमुख तेल कंपनियां रोसनेफ्ट और लुकोइल पर नए आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह कदम रूस की युद्ध मशीन को कमजोर करने के लिए उठाया गया है, ताकि वह यूक्रेन में चल रहे युद्ध को आगे न बढ़ा सके। इन प्रतिबंधों की घोषणा उस समय हुई जब रूस ने परमाणु हथियारों से जुड़ा एक बड़ा सैन्य अभ्यास किया। इस अभ्यास में भूमि, पनडुब्बी और हवाई मिसाइल लॉन्चर शामिल थे, जिनमें वे हथियार भी थे जो अमेरिका तक पहुंच सकते हैं।

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रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, टीयू-22एम3 लंबी दूरी के बमवर्षक विमानों ने बाल्टिक सागर के ऊपर उड़ान भरी और उन पर नाटो देशों के लड़ाकू विमानों की नजर रखी गई। यह अभ्यास उस समय हुआ जब पश्चिमी देशों ने रूस पर नए प्रतिबंध लगाए हैं और यूक्रेन को अतिरिक्त सैन्य मदद देने की तैयारी कर रहे हैं।

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अमेरिकी रुख में बदलाव
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि वह रूस के खिलाफ नए कदम रोकना चाहते हैं, लेकिन अब उन्होंने रुख बदलते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हत्याएं रुकें और युद्धविराम हो। ट्रंप ने यह भी बताया कि वह अभी यूक्रेन को लंबी दूरी की टॉमहॉक मिसाइलें देने के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि यूक्रेनी सैनिकों को इन्हें चलाने की ट्रेनिंग में समय लगेगा।

इस कदम पर क्या है वैश्विक प्रतिक्रिया?
इस बीच, यूरोपीय संघ ने भी रूस पर नए 19वें प्रतिबंधों का पैकेज मंजूर किया है, जिसमें रूसी तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आयात पर रोक शामिल है। स्वीडन ने यूक्रेन को ग्रिपेन लड़ाकू विमान देने के लिए एक समझौता किया है। यूक्रेनी पायलट इन विमानों की ट्रेनिंग स्वीडन में कर रहे हैं। इसके साथ ही रूस के परमाणु अभ्यास को पश्चिमी देशों ने एक शक्ति प्रदर्शन” बताया है, जो यूक्रेन और उसके सहयोगियों को चेतावनी देने के लिए किया गया प्रतीत होता है।

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