सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरामको पर ड्रोन हमला, यमनी विद्रोहियों ने ली जिम्मेदारी
सऊदी अरब के सरकारी मीडिया ने गृह मंत्रालय के हवाले से बताया है कि शनिवार को सऊदी अरामको के दो तेल संयंत्रों पर ड्रोन से हमला किया गया है। आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी ने बताया कि सुबह चार बजे अरामको के औद्योगिक सुरक्षा दलों ने अब्कैक और खुरैस में अपने संयंत्रों में ड्रोन हमले के कारण लगी आग से निपटना शुरू कर दिया है। एजेंसी ने जानकारी दी है कि संयंत्रों में आग पर काबू पा लिया गया है।
बयान में कहा गया है कि राज्य के पूर्वी प्रांत में हमले के बाद जांच शुरू की गई है, लेकिन अभी तक ड्रोन के स्रोत पता नहीं चला है।
पिछले महीने, यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा किए गए एक हमले से अरामको के शायबा प्राकृतिक गैस द्रवीकरण सुविधा में आग लग गई थी, लेकिन कंपनी द्वारा किसी भी हताहत की सूचना नहीं दी गई थी।
हाल के महीनों में, हूती विद्रोहियों ने सऊदी हवाई ठिकानों और अन्य सुविधाओं को निशाना बनाते हुए सीमापार मिसाइल और ड्रोन हमलों से हमला शुरू किया। जिसके लिए कहा गया कि यह हमले यमन के विद्रोही-कब्जे वाले क्षेत्रों पर सऊदी के नेतृत्व द्वारा हवाई युद्ध करने के खिलाफ किया जा रहा है।
यमनी विद्रोहियों ने ली जिम्मेदारी
यमन में ईरान के समर्थक हुती विद्रोहियों ने इन दो तेल संयंत्रों पर ड्रोन हमलों की जिम्मेदारी ली है। समूह के अल-मसीरा टीवी ने यह जानकारी दी है। अल-मसीरा ने कहा कि विद्रोहियों ने 10 ड्रोन विमानों के साथ बड़ा अभियान छेड़ा और इस दौरान पूर्वी सऊदी अरब में अबकैक और खुराइस में रिफाइनरियों को निशाना बनाया गया।
बता दें कि सऊदी अरामको सऊदी अरब की राष्ट्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस कंपनी है। यह राजस्व के मामले में दुनिया में कच्चे तेल की सबसे बड़ी कंपनी है।