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New Zealand: FBI निदेशक बोले- चीन के प्रभाव का मुकाबला करेगा न्यूजीलैंड में नया कार्यालय; ड्रैगन ने की आलोचना
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वेलिंगटन।
Published by: निर्मल कांत
Updated Fri, 01 Aug 2025 06:56 PM IST
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सार
New Zealand: न्यूजीलैंड में एफबीआई के पहले कार्यालय के उद्घाटन के दौरान अमेरिकी खुफिया एजेंसी के निदेशक काश पटेल ने कहा कि यह कदम चीन के प्रभाव को रोकने के लिए है। उनके इस बयान से कूटनीतिक विवाद खड़ा हो गया। न्यूजीलैंड सरकार ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि अधिकारियों की बैठक केवल अपराध रोकने पर हुई थी। वहीं, चीन ने भी इस बयान की आलोचना की।

एफबीआई निदेशक काश पटेल
- फोटो : एक्स@Kash_Patel
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विस्तार
अमेरिका की संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के निदेशक काश पटेल ने न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंगटन में एफबीआई के पहले कार्यालय का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह कदम दक्षिण प्रशांत महासागर में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए उठाया गया है। उनके इस बयान ने न्यूजीलैंड केलिए कूटनीतिक असहजता पैदा कर दी। वहीं, चीन ने भी उनके बयान पर नाराजगी जताई है।
पटेल ने गुरुवार को वेलिंगटन में इस नए कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद वहां के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। यह कार्यालय अब खुफिया साझेदारी करने वाले 'फाइव आइज' देशों (अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन) के साथ न्यूजीलैंड को भी जोड़ेगा। यह नया कार्यालय उन एफबीआई अधिकारियों के लिए एक स्थानीय केंद्र के रूप में काम करेगा, जो अब तक ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा से निगरानी में काम कर रहे थे।
ये भी पढ़ें: ट्रंप ने कनाडा पर लगाया 35 प्रतिशत टैरिफ, ड्रग तस्करी पर रोक नहीं लगाने से अमेरिकी राष्ट्रपति नाराज
अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार को एक वीडियो जारी किया, जिसमें पटेल कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि यह कार्यालय चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रभाव को रोकने में मदद करेगा। लेकिन न्यूजीलैंड के मंत्रियों ने इस दावे को विनम्रता से खारिज कर दिया। सरकार की तरफ से जारी बयान में चीन का कोई जिक्र नहीं किया गया और बताया गया कि बैठक का मकसद ऑनलाइन बाल शोषण और नशीली दवाओं की तस्करी जैसे अपराधों से निपटना था।
न्यूजीलैंड के मंत्रियों ने किया बचाव
न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने कहा, हमारी बातचीत में यह मुद्दा नहीं उठा। सुरक्षा सेवाओं की मंत्री जुडिथ कॉलिन्स ने कहा कि फोकस केवल अंतरराष्ट्रीय अपराध पर होगा। मैं किसी और की प्रेस विज्ञप्तियों पर प्रतिक्रिया नहीं देती। वहीं, व्यापार मंत्री टॉड मैक्ले ने एक रिपोर्टर के सवाल के जवाब कहा कि सरकार ने कार्यालय के उद्घाटन का जश्न नहीं मनाया। उन्होंने कहा, कल सिर्फ इसकी घोषणा हुई थी और इस पर चर्चा की गई थी।
चीन ने एफबीआई निदेशक के बयान की निंदा की
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने शुक्रवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में पटेल के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा, चीन का मानना है कि देशों के बीच सहयोग किसी तीसरे पक्ष को निशाना बनाने के लिए नहीं होना चाहिए। चीन को रोकने के नाम पर छोटे गुट बनाना, एशिया-प्रशांत और दुनिया में शांति और स्थिरता के लिए नुकसानदायक है।
न्यूजीलैंड की संतुलन बनाने के प्रयासों को नुकसान
न्यूजीलैंड ‘फाइव आइज’ का सबसे सदस्य है और अमेरिका के चीन पर रुख को अपनाने के लिए निरंतर दबाव में है। चीन उसका सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। विशेषज्ञों का मानना है कि एफबीआई प्रमुख के बयान से न्यूजीलैंड की संतुलन बनाने की कोशिशों को नुकसान हो सकता है। विक्टोरिया विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर जेसन यंग ने कहा, हमारे साझा मुद्दों पर काम करने के लिए कानून प्रवर्तन सहयोग अच्छा है, लेकिन यह कहना कि हम यह सब चीन से मुकाबले के लिए कर रहे हैं, शायद न्यूजीलैंड के हित में नहीं है।
ये भी पढ़ें: अल साल्वाडोर में राष्ट्रपति चुनाव के नियमों में बड़े बदलाव, छह साल का होगा कार्यकाल; जानें सबकुछ
अमेरिका का हिंद प्रशांत क्षेत्र पर फोकस
काश पटेल की यह यात्रा ऐसे समय हुई है, जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन चीन को लेकर दुनिया को चेतावनी देने में जुटा है। अमेरिका के रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने जून में कहा था कि चीन एक गंभीर खतरा है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों को रक्षा खर्च बढ़ाकर जीडीपी का पांच फीसदी करना चाहिए। जेसन यंग के मुताबिक, न्यूजीलैंड आम तौर पर क्षेत्रीय तनावों के लिए किसी एक देश को सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराता। उन्होंने कहा, अमेरिका चाहता है कि न्यूजीलैंड चीन को उसी तरह से चुनौती दे जैसा वह खुद देता है, लेकिन न्यूजीलैंड की अपनी अलग कूटनीतिक शैली है।
पिछले कुछ वर्षों में चीन ने दक्षिण प्रशांत के छोटे द्वीप देशों में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश की है, जिससे न्यूजीलैंड की रणनीतिक अहमियत अमेरिका के लिए भी बढ़ी है। 2024 में विदेश मंत्री पीटर्स ने एसोसिएटेड प्रेस से कहा था कि अमेरिका की इस क्षेत्र में उपेक्षा के कारण ही चीन को यहां पैर जमाने का मौका मिला। उन्होंने अमेरिका से आग्रह किया था कि कृपया आगे आएं और इसमें शामिल हों।
अमेरिका की राजनीतिक दिशा से न्यूजीलैंड के लोग नाराज
एफबीआई कार्यालय खुलने की खबर सुनकर न्यूजीलैंड के कई लोगों ने नाराजगी जता रहे हैं। सोशल मीडिया पर हजारों नकारात्मक टिप्पणियां आईं और सप्ताहांत में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है। प्रोफेसर यंग का मानना है कि लोगों की नाराजगी मुख्य रूप से अमेरिका की मौजूदा राजनीतिक दिशा को लेकर है, न कि अंतरराष्ट्रीय अपराध के खिलाफ एफबीआई की भूमिका से। उन्होंने कहा, यह गुस्सा शायद अमेरिका की कुछ राजनीतिक नीतियों के प्रति गहरी चिंता का संकेत है।

पटेल ने गुरुवार को वेलिंगटन में इस नए कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद वहां के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। यह कार्यालय अब खुफिया साझेदारी करने वाले 'फाइव आइज' देशों (अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन) के साथ न्यूजीलैंड को भी जोड़ेगा। यह नया कार्यालय उन एफबीआई अधिकारियों के लिए एक स्थानीय केंद्र के रूप में काम करेगा, जो अब तक ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा से निगरानी में काम कर रहे थे।
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अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार को एक वीडियो जारी किया, जिसमें पटेल कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि यह कार्यालय चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रभाव को रोकने में मदद करेगा। लेकिन न्यूजीलैंड के मंत्रियों ने इस दावे को विनम्रता से खारिज कर दिया। सरकार की तरफ से जारी बयान में चीन का कोई जिक्र नहीं किया गया और बताया गया कि बैठक का मकसद ऑनलाइन बाल शोषण और नशीली दवाओं की तस्करी जैसे अपराधों से निपटना था।
न्यूजीलैंड के मंत्रियों ने किया बचाव
न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने कहा, हमारी बातचीत में यह मुद्दा नहीं उठा। सुरक्षा सेवाओं की मंत्री जुडिथ कॉलिन्स ने कहा कि फोकस केवल अंतरराष्ट्रीय अपराध पर होगा। मैं किसी और की प्रेस विज्ञप्तियों पर प्रतिक्रिया नहीं देती। वहीं, व्यापार मंत्री टॉड मैक्ले ने एक रिपोर्टर के सवाल के जवाब कहा कि सरकार ने कार्यालय के उद्घाटन का जश्न नहीं मनाया। उन्होंने कहा, कल सिर्फ इसकी घोषणा हुई थी और इस पर चर्चा की गई थी।
चीन ने एफबीआई निदेशक के बयान की निंदा की
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने शुक्रवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में पटेल के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा, चीन का मानना है कि देशों के बीच सहयोग किसी तीसरे पक्ष को निशाना बनाने के लिए नहीं होना चाहिए। चीन को रोकने के नाम पर छोटे गुट बनाना, एशिया-प्रशांत और दुनिया में शांति और स्थिरता के लिए नुकसानदायक है।
न्यूजीलैंड की संतुलन बनाने के प्रयासों को नुकसान
न्यूजीलैंड ‘फाइव आइज’ का सबसे सदस्य है और अमेरिका के चीन पर रुख को अपनाने के लिए निरंतर दबाव में है। चीन उसका सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। विशेषज्ञों का मानना है कि एफबीआई प्रमुख के बयान से न्यूजीलैंड की संतुलन बनाने की कोशिशों को नुकसान हो सकता है। विक्टोरिया विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर जेसन यंग ने कहा, हमारे साझा मुद्दों पर काम करने के लिए कानून प्रवर्तन सहयोग अच्छा है, लेकिन यह कहना कि हम यह सब चीन से मुकाबले के लिए कर रहे हैं, शायद न्यूजीलैंड के हित में नहीं है।
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अमेरिका का हिंद प्रशांत क्षेत्र पर फोकस
काश पटेल की यह यात्रा ऐसे समय हुई है, जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन चीन को लेकर दुनिया को चेतावनी देने में जुटा है। अमेरिका के रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने जून में कहा था कि चीन एक गंभीर खतरा है और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों को रक्षा खर्च बढ़ाकर जीडीपी का पांच फीसदी करना चाहिए। जेसन यंग के मुताबिक, न्यूजीलैंड आम तौर पर क्षेत्रीय तनावों के लिए किसी एक देश को सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराता। उन्होंने कहा, अमेरिका चाहता है कि न्यूजीलैंड चीन को उसी तरह से चुनौती दे जैसा वह खुद देता है, लेकिन न्यूजीलैंड की अपनी अलग कूटनीतिक शैली है।
पिछले कुछ वर्षों में चीन ने दक्षिण प्रशांत के छोटे द्वीप देशों में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश की है, जिससे न्यूजीलैंड की रणनीतिक अहमियत अमेरिका के लिए भी बढ़ी है। 2024 में विदेश मंत्री पीटर्स ने एसोसिएटेड प्रेस से कहा था कि अमेरिका की इस क्षेत्र में उपेक्षा के कारण ही चीन को यहां पैर जमाने का मौका मिला। उन्होंने अमेरिका से आग्रह किया था कि कृपया आगे आएं और इसमें शामिल हों।
अमेरिका की राजनीतिक दिशा से न्यूजीलैंड के लोग नाराज
एफबीआई कार्यालय खुलने की खबर सुनकर न्यूजीलैंड के कई लोगों ने नाराजगी जता रहे हैं। सोशल मीडिया पर हजारों नकारात्मक टिप्पणियां आईं और सप्ताहांत में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई है। प्रोफेसर यंग का मानना है कि लोगों की नाराजगी मुख्य रूप से अमेरिका की मौजूदा राजनीतिक दिशा को लेकर है, न कि अंतरराष्ट्रीय अपराध के खिलाफ एफबीआई की भूमिका से। उन्होंने कहा, यह गुस्सा शायद अमेरिका की कुछ राजनीतिक नीतियों के प्रति गहरी चिंता का संकेत है।