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France: 40 साल बाद पेरिस आतंकी हमले का आरोपी गिरफ्तार, राष्ट्रपति मैक्रों बोले- न्याय की दिशा में बड़ा कदम
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, पेरिस
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Fri, 19 Sep 2025 06:47 PM IST
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सार
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 1982 के पेरिस आतंकी हमले के आरोपी हिचाम हार्ब की गिरफ्तारी का स्वागत किया। यह गिरफ्तारी फलस्तीन प्राधिकरण ने वेस्ट बैंक में की। हार्ब पर जो गोल्डेनबर्ग होटल हमले में हमलावरों का नेतृत्व करने का आरोप है, जिसमें छह लोग मारे गए और 22 घायल हुए थे।

इमैनुएल मैक्रों
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 1982 के पेरिस आतंकी हमले के एक मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी का स्वागत किया है। यह गिरफ्तारी इस हफ्ते कब्जे वाले वेस्ट बैंक में हुई। राष्ट्रपति मैक्रों ने इसे फलस्तीन प्राधिकरण के साथ बेहतरीन सहयोग का नतीजा बताया और कहा कि यह न्याय और सच की दिशा में एक अहम कदम है।
नौ अगस्त 1982 को पेरिस के यहूदी क्वार्टर में जो गोल्डेनबर्ग रेस्त्रां पर हथियारबंद आतंकियों ने हमला किया था। इस मशीनगन और ग्रेनेड हमले में छह लोगों की मौत हुई थी और 22 लोग घायल हुए थे। इसे अबू निदाल संगठन से जोड़ा गया था। यह हमला उस समय फ्रांस को हिला देने वाला और आधुनिक इतिहास की सबसे कुख्यात यहूदी-विरोधी घटनाओं में से एक माना गया।
आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
गिरफ्तार किया गया आरोपी महमूद खदर अबेद अदरा है, जिसे हिचाम हार्ब के नाम से भी जाना जाता है। वह 70 साल का है और उस पर हमलावरों की योजना बनाने और उन्हें नेतृत्व देने का आरोप है। फ्रांसीसी राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी अभियोजक कार्यालय के मुताबिक, इंटरपोल के जरिये सूचना मिली कि फलस्तीन प्राधिकरण ने हार्ब को 2015 में जारी एक अंतरराष्ट्रीय वारंट के आधार पर पकड़ा है।
ये भी पढ़ें- 'ट्रंप परिवार में नैतिकता कम, PAK के साथ व्यापार चोरतंत्र का सबूत'; बोले राजनीति विज्ञानी ब्रेमर
चार दशक बाद मिली सफलता
हार्ब को 31 जुलाई को फ्रांसीसी जजों ने हत्या और हत्या की कोशिश के आरोपों में औपचारिक रूप से अभियोगित किया था। इस मामले में पांच अन्य आरोपियों को भी मुकदमे में भेजा गया था, लेकिन हार्ब पहला आरोपी है जिसे गिरफ्तार किया गया है। अन्य संदिग्ध अभी तक विदेशों में छिपे हुए हैं। इनमें जॉर्डन, नॉर्वे और फलस्तीनी क्षेत्रों में छिपे लोगों का नाम आता है।
मैक्रों का बयान और न्याय की उम्मीद
राष्ट्रपति मैक्रों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि “फ्रांस भूलता नहीं है। वह हमेशा दंड देता है और न्याय सुनिश्चित करता है। उन्होंने इस गिरफ्तारी को न्याय की दिशा में एक अहम उपलब्धि बताया और उम्मीद जताई कि जल्द ही आरोपी का प्रत्यर्पण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि यहूदी-विरोधी हिंसा से जुड़े इस केस ने फ्रांस को 40 साल से परेशान किया है।
ये भी पढ़ें- यूएस में भारतीय की मौत से कनाडा में खालिस्तानी धमकी तक..., विदेश मंत्रालय ने कई मुद्दों पर दी प्रतिक्रिया
यहूदी समुदाय की मांग
यूरोप के सबसे बड़े यहूदी समुदाय वाले फ्रांस में इस केस को लेकर लगातार न्याय की मांग उठती रही है। समुदाय के नेताओं ने सरकार से कई बार अपील की कि आरोपियों को सजा दिलाई जाए। अब हार्ब की गिरफ्तारी को इस दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और नया घटनाक्रम
माना जा रहा है कि मैक्रों अगले हफ्ते न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा में फलस्तीन राज्य की मान्यता की घोषणा कर सकते हैं। ऐसे में इस गिरफ्तारी को राजनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला फ्रांस को पश्चिमी देशों में सबसे प्रभावशाली देशों में शामिल कर देगा जो खुले तौर पर फलस्तीन राज्य का समर्थन करते हैं।

नौ अगस्त 1982 को पेरिस के यहूदी क्वार्टर में जो गोल्डेनबर्ग रेस्त्रां पर हथियारबंद आतंकियों ने हमला किया था। इस मशीनगन और ग्रेनेड हमले में छह लोगों की मौत हुई थी और 22 लोग घायल हुए थे। इसे अबू निदाल संगठन से जोड़ा गया था। यह हमला उस समय फ्रांस को हिला देने वाला और आधुनिक इतिहास की सबसे कुख्यात यहूदी-विरोधी घटनाओं में से एक माना गया।
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आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
गिरफ्तार किया गया आरोपी महमूद खदर अबेद अदरा है, जिसे हिचाम हार्ब के नाम से भी जाना जाता है। वह 70 साल का है और उस पर हमलावरों की योजना बनाने और उन्हें नेतृत्व देने का आरोप है। फ्रांसीसी राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी अभियोजक कार्यालय के मुताबिक, इंटरपोल के जरिये सूचना मिली कि फलस्तीन प्राधिकरण ने हार्ब को 2015 में जारी एक अंतरराष्ट्रीय वारंट के आधार पर पकड़ा है।
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चार दशक बाद मिली सफलता
हार्ब को 31 जुलाई को फ्रांसीसी जजों ने हत्या और हत्या की कोशिश के आरोपों में औपचारिक रूप से अभियोगित किया था। इस मामले में पांच अन्य आरोपियों को भी मुकदमे में भेजा गया था, लेकिन हार्ब पहला आरोपी है जिसे गिरफ्तार किया गया है। अन्य संदिग्ध अभी तक विदेशों में छिपे हुए हैं। इनमें जॉर्डन, नॉर्वे और फलस्तीनी क्षेत्रों में छिपे लोगों का नाम आता है।
मैक्रों का बयान और न्याय की उम्मीद
राष्ट्रपति मैक्रों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि “फ्रांस भूलता नहीं है। वह हमेशा दंड देता है और न्याय सुनिश्चित करता है। उन्होंने इस गिरफ्तारी को न्याय की दिशा में एक अहम उपलब्धि बताया और उम्मीद जताई कि जल्द ही आरोपी का प्रत्यर्पण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि यहूदी-विरोधी हिंसा से जुड़े इस केस ने फ्रांस को 40 साल से परेशान किया है।
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यहूदी समुदाय की मांग
यूरोप के सबसे बड़े यहूदी समुदाय वाले फ्रांस में इस केस को लेकर लगातार न्याय की मांग उठती रही है। समुदाय के नेताओं ने सरकार से कई बार अपील की कि आरोपियों को सजा दिलाई जाए। अब हार्ब की गिरफ्तारी को इस दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और नया घटनाक्रम
माना जा रहा है कि मैक्रों अगले हफ्ते न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा में फलस्तीन राज्य की मान्यता की घोषणा कर सकते हैं। ऐसे में इस गिरफ्तारी को राजनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला फ्रांस को पश्चिमी देशों में सबसे प्रभावशाली देशों में शामिल कर देगा जो खुले तौर पर फलस्तीन राज्य का समर्थन करते हैं।
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