World: बलूचिस्तान में दो कार बम धमाकों में आठ की मौत; नेपाल की सैनिक बैरक से बाहर आए पूर्व पीएम केपी ओली

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में गुरुवार को दो अलग-अलग कार बम धमाकों में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और लगभग दो दर्जन घायल हो गए। पहले धमाके में, तुर्बत जिले में एक आत्मघाती हमलावर ने सुरक्षा दल की गाड़ी को टक्कर मार दी, जिसमें दो सुरक्षा कर्मी मारे गए और 23 घायल हुए।

इसके ठीक कुछ घंटे बाद, अफगान सीमा के पास चमन शहर में दूसरा बम फटा, जिसमें छह लोग मारे गए। हालांकि मामले में अभी तक किसी भी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन संदिग्ध पाकिस्तान तालीबान और बलूच अलगाववादी समूह हैं। बलूचिस्तान में वर्षों से अलगाववादी हिंसा जारी है, जहां कई समूह केंद्र सरकार से स्वतंत्रता की मांग करते रहे हैं।
नेपाल की सैनिक बैरक से बाहर आए पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) एमाले के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सैनिक बैरक से बाहर आ गए हैं। जेन-जी आंदोलन के दौरान सुरक्षा कारणों से नेपाली सेना ने उन्हें बैरक में रखा था। प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद वह 9 सितंबर से वहीं ठहरे हुए थे। अब ओली भक्तपुर के गुण्डु इलाके में स्थानांतरित हो गए हैं, जहां उनके लिए किराये का घर लिया गया है। बालकोट स्थित उनका निजी घर प्रदर्शनकारियों द्वारा जला दिए जाने के कारण उन्हें वहां से हटना पड़ा।
पांच मार्च के आम चुनाव के लिए पूरी तैयारी कर रही नेपाल की अंतरिम सरकार
नेपाल की अंतरिम सरकार ने कहा है कि देश में आम चुनाव समय पर होंगे। अगले साल पांच मार्च को होने वाले संसदीय चुनाव को सफलतापूर्वक कराने के लिए सरकार पूरी तैयारी कर रही है। नवनियुक्त गृह मंत्री ओम प्रकाश आर्यल ने सभी राजनीतिक दलों और संबंधित पक्षों से प्रतिनिधि सभा के आगामी चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने कहा, अगले साल 5 मार्च को संसदीय चुनाव कराने पर सरकार पूरी तरह ध्यान दे रही है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 60वें सत्र के दौरान, सिंधी कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार समूहों ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने पाकिस्तान सरकार व उसके सैन्य प्रतिष्ठान द्वारा सिंधियों के साथ हो रहे व्यवस्थित दुर्व्यवहार और शोषण पर भी प्रकाश डाला। इन प्रदर्शनों के साथ-साथ सिंध पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और सिंधी मानवाधिकार प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। इसमें जबरन गुमशुदगी, न्यायेतर हत्याएं, भूमि हड़पना, सिंधी लड़कियों का जबरन धर्मांतरण सहित कई मुद्दों पर चिंता जताई गई।