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US: ट्रंप प्रशासन को झटका, जज ने ग्वाटेमाला के प्रवासी बच्चों को देश से निकालने पर लगाई रोक
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, वॉशिंगटन।
Published by: निर्मल कांत
Updated Fri, 19 Sep 2025 07:42 AM IST
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सार
US: अमेरिका की एक संघीय जज ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को ग्वाटेमाला के प्रवासी बच्चों को तत्काल वापस भेजने से रोक दिया है। सरकार ने कहा था कि बच्चों को उनके माता-पिता से मिलाने के लिए भेजा जा रहा है, लेकिन कोर्ट में इसका कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया।

judge court हथोड़ा
- फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
अमेरिका की एक संघीय जज ने गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार को ग्वाटेमाला के प्रवासी बच्चों को तत्काल उनके देश वापस भेजने पर रोक लगा दी। ये बच्चे अकेले अमेरिका आए थे। ट्रंप की सख्त आप्रवासन (इमिग्रेशन) नीति को लेकर कानूनी विवाद में यह एक नया मोड़ है।
जिला जज टिमोथी जे केली ने यह फैसला सुनाया। यह मामला उस समय सामने आया, जब ट्रंप प्रशासन ने श्रमिक दिवस की छुट्टियों के दौरान ग्वाटेमाला के उन बच्चों को निर्वासित करने की कोशिश की, जो सरकारी आश्रयों और फोस्टर केयर (अस्थायी देखभाल की व्यवस्था) में रह रहे थे।
ट्रंप प्रशासन ने किया था बच्चों को माता-पिता से मिलाने का दावा
ट्रंप प्रशासन ने दावा किया था कि वह बच्चों को उनके माता-पिता से मिलाने के लिए वापस भेज रहा है, क्योंकि माता-पिता खुद ऐसा चाहते थे। लेकिन जज केली ने कहा कि यह दलील एक हफ्ते में झूठी साबित हो गई। कोर्ट के सामने ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया गया, जिससे साबित हो सकते बच्चों के माता-पिता चाहते थे कि उन्हें वापस भेजा जाए।
ये भी पढ़ें: ट्रंप की धमकियों के बीच मेक्सिको पहुंचे कनाडाई PM कार्नी, शीनबाउम से की मुलाकात; व्यापार पर हुई चर्चा
जज के फैसले पर ट्रंप प्रशासन ने क्या कहा?
गृह सुरक्षा विभाग (होमलैंड सिक्योरिटी) की सहायक सचिव ट्रिशा मैकलॉघलिन ने अपने बयान में प्रशासन की बात दोहराई कि माता-पिता ने ही बच्चों की वापसी की मांग की थी। उन्होंने कहा, जज उन प्रयासों पर रोक लगा रहे हैं, जिनसे बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया जा सकता था। अब इन बच्चों को फिर से सरकारी आश्रय गृहों में रहना होगा। यह ट्रंप को निशाना बनाने की कोशिश है। यह शर्मनाक और अनैतिक है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एबिगेल जैक्स ने बयान में कहा कि निचली कोर्ट ने परिवारों को मिलाने की इस कोशिश में गलत तरीके से दखल दिया है।
बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने कोर्ट में सौंपी रिपोर्ट
बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने कोर्ट में एक रिपोर्ट भी सौंपी थी, जिसमें कहा गया कि जिन बच्चों को वापस भेजा जा रहा था, उनमें से कई पहले से ही बाल शोषण, गिरोह हिंसा और मानव तस्करी जैसी गंभीर परिस्थितियों का शिकार रहे हैं। जज केली ने इस बात का जिक्र अपने आदेश में भी किया। वहीं, राष्ट्रीय आव्रजन कानून केंद्र के उपाध्यक्ष एफ्रेन ओलवारेज ने कहा कि कोर्ट ने सरकार के बार-बार झूठ बोलने और कमजोर बच्चों को निशाना बनाने की कोशिशों को नाकाम कर दिया। अगर इन बच्चों को जबरन वापस भेजा जाता, तो वे खतरनाक परिस्थितियों में फंस सकते थे।
कोर्ट ने पहले भी दिया था अस्थायी आदेश
इससे पहले भी बच्चों की वापसी रोकने के लिए एक अस्थायी आदेश दिया गया था, लेकिन इसकी समयसीमा मंगलवार को समाप्त होने वाली थी। जज केली ने अब एक अस्थायी फैसला दिया है, जिससे वह अस्थायी सुरक्षा अब अनिश्चितकाल तक बढ़ा दी गई है। हालांकि, सरकार इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकती है।
ये भी पढ़ें: 'ट्रंप दुनिया के शहंशाह नहीं'; टैरिफ को लेकर अमेरिकी समकक्ष पर बिफरे ब्राजील के राष्ट्रपति लूला
अन्य देशों के बच्चों पर भी लागू होगा फैसला?
जज केली ने यह मांग खारिज की कि अन्य देशों के बच्चों की वापसी पर भी रोक लगाई जाए। लेकिन उन्होंने कहा कि अगर सरकार इसी तरीके से अन्य बच्चों को भी वापस भेजेगी, तो वह भी अवैध माना जा सकता है। बच्चों के अधिकार के लिए काम कर रही संस्था 'किड्स इन नीड ऑफ डिफेंस' के वकील हाल ही में होंडुरस गए थे, जहां सरकारी और गैर सरकारी संगठन अमेरिका से करीब 400 बच्चों की वापसी के लिए तैयारी कर रहे थे।
एरिजोना और इलिनॉइस जैसे अन्य राज्यों में भी कुछ मामलों में अस्थायी रोक लगी हुई है, लेकिन वह केवल कुछ विशेष बच्चों पर लागू होती है। इसलिए वॉशिंगटन का यह मामला और भी अहम माना जा रहा है। 30 अगस्त की रात ट्रंप प्रशासन ने उन आश्रयों को सूचित किया था कि बच्चों को वापस ग्वाटेमाला वापस भेजा जाएगा। ये बच्चे अकेले यात्रा करके आए यहां आए थे। उन्हें कुछ ही घंटों में बच्चों को तैयार रखने को कहा गया था।

जिला जज टिमोथी जे केली ने यह फैसला सुनाया। यह मामला उस समय सामने आया, जब ट्रंप प्रशासन ने श्रमिक दिवस की छुट्टियों के दौरान ग्वाटेमाला के उन बच्चों को निर्वासित करने की कोशिश की, जो सरकारी आश्रयों और फोस्टर केयर (अस्थायी देखभाल की व्यवस्था) में रह रहे थे।
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ट्रंप प्रशासन ने किया था बच्चों को माता-पिता से मिलाने का दावा
ट्रंप प्रशासन ने दावा किया था कि वह बच्चों को उनके माता-पिता से मिलाने के लिए वापस भेज रहा है, क्योंकि माता-पिता खुद ऐसा चाहते थे। लेकिन जज केली ने कहा कि यह दलील एक हफ्ते में झूठी साबित हो गई। कोर्ट के सामने ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया गया, जिससे साबित हो सकते बच्चों के माता-पिता चाहते थे कि उन्हें वापस भेजा जाए।
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जज के फैसले पर ट्रंप प्रशासन ने क्या कहा?
गृह सुरक्षा विभाग (होमलैंड सिक्योरिटी) की सहायक सचिव ट्रिशा मैकलॉघलिन ने अपने बयान में प्रशासन की बात दोहराई कि माता-पिता ने ही बच्चों की वापसी की मांग की थी। उन्होंने कहा, जज उन प्रयासों पर रोक लगा रहे हैं, जिनसे बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया जा सकता था। अब इन बच्चों को फिर से सरकारी आश्रय गृहों में रहना होगा। यह ट्रंप को निशाना बनाने की कोशिश है। यह शर्मनाक और अनैतिक है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एबिगेल जैक्स ने बयान में कहा कि निचली कोर्ट ने परिवारों को मिलाने की इस कोशिश में गलत तरीके से दखल दिया है।
बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने कोर्ट में सौंपी रिपोर्ट
बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने कोर्ट में एक रिपोर्ट भी सौंपी थी, जिसमें कहा गया कि जिन बच्चों को वापस भेजा जा रहा था, उनमें से कई पहले से ही बाल शोषण, गिरोह हिंसा और मानव तस्करी जैसी गंभीर परिस्थितियों का शिकार रहे हैं। जज केली ने इस बात का जिक्र अपने आदेश में भी किया। वहीं, राष्ट्रीय आव्रजन कानून केंद्र के उपाध्यक्ष एफ्रेन ओलवारेज ने कहा कि कोर्ट ने सरकार के बार-बार झूठ बोलने और कमजोर बच्चों को निशाना बनाने की कोशिशों को नाकाम कर दिया। अगर इन बच्चों को जबरन वापस भेजा जाता, तो वे खतरनाक परिस्थितियों में फंस सकते थे।
कोर्ट ने पहले भी दिया था अस्थायी आदेश
इससे पहले भी बच्चों की वापसी रोकने के लिए एक अस्थायी आदेश दिया गया था, लेकिन इसकी समयसीमा मंगलवार को समाप्त होने वाली थी। जज केली ने अब एक अस्थायी फैसला दिया है, जिससे वह अस्थायी सुरक्षा अब अनिश्चितकाल तक बढ़ा दी गई है। हालांकि, सरकार इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकती है।
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अन्य देशों के बच्चों पर भी लागू होगा फैसला?
जज केली ने यह मांग खारिज की कि अन्य देशों के बच्चों की वापसी पर भी रोक लगाई जाए। लेकिन उन्होंने कहा कि अगर सरकार इसी तरीके से अन्य बच्चों को भी वापस भेजेगी, तो वह भी अवैध माना जा सकता है। बच्चों के अधिकार के लिए काम कर रही संस्था 'किड्स इन नीड ऑफ डिफेंस' के वकील हाल ही में होंडुरस गए थे, जहां सरकारी और गैर सरकारी संगठन अमेरिका से करीब 400 बच्चों की वापसी के लिए तैयारी कर रहे थे।
एरिजोना और इलिनॉइस जैसे अन्य राज्यों में भी कुछ मामलों में अस्थायी रोक लगी हुई है, लेकिन वह केवल कुछ विशेष बच्चों पर लागू होती है। इसलिए वॉशिंगटन का यह मामला और भी अहम माना जा रहा है। 30 अगस्त की रात ट्रंप प्रशासन ने उन आश्रयों को सूचित किया था कि बच्चों को वापस ग्वाटेमाला वापस भेजा जाएगा। ये बच्चे अकेले यात्रा करके आए यहां आए थे। उन्हें कुछ ही घंटों में बच्चों को तैयार रखने को कहा गया था।