UN: संयुक्त राष्ट्र के गाजा युद्धविराम प्रस्ताव पर अमेरिका ने एक बार फिर किया वीटो, बाकी सभी देश थे पक्ष में
गाजा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई की मांग को लेकर संयुक्त राष्ट्र में लाया गया प्रस्ताव अमेरिका ने फिर वीटो कर दिया। 15 में से 14 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया, लेकिन अमेरिका ने हमास की पर्याप्त निंदा न होने का हवाला देकर विरोध किया। इससे अमेरिका-इस्राइल वैश्विक मंच पर फिर अलग-थलग दिखे।

विस्तार
इस्राइल और हमास के बीच बीते 23 महीनों से चल रहे भीषण संघर्ष में गाजा की स्थिति दिन-प्रतिदिन और भयावह होती जा रही है। ऐसे में स्थायी युद्धविराम और बंधकों की रिहाई को लेकर चल रही कोशिशों के बीच अमेरिका ने इससे फिर से अपना मुंह मोड़ लिया है। इसके तहत अमेरिका ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उस प्रस्ताव को वीटो कर दिया जिसमें गाजा में तुरंत और स्थायी युद्धविराम के साथ-साथ बंधकों की रिहाई की मांग की गई थी। यह प्रस्ताव 15 सदस्यीय परिषद के 14 सदस्यों ने समर्थन में पास किया था, लेकिन अमेरिका के वीटो के कारण यह पारित नहीं हो सका।

बता दें कि प्रस्ताव में गाजा की स्थिति को विनाशकारी बताया गया और इस्राइल से वहां 21 लाख फलस्तीनियों के लिए राहत सामग्री पहुंचाने पर लगी पाबंदियों को हटाने की मांग की गई थी। ऐसे में अमेरिका ने यह कहकर प्रस्ताव का विरोध किया कि इसमें हमास की पर्याप्त निंदा नहीं की गई है।
प्रस्ताव पर अमेरिका और इस्राइल का रुख सख्त
संयुक्त राष्ट्र में वीटो के बाद वैश्विक मंच पर अमेरिका और इस्राइल का रुख सख्त और कड़ा दिखा। खासकर ऐसे समय में जब संयुक्त राष्ट्र महासभा की सालाना बैठक होने वाली है। इस बैठक में कई प्रमुख देश स्वतंत्र फलस्तीनी राज्य को मान्यता देने की तैयारी में हैं। दूसरी ओर इस्राइल के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत डैनी डैनन ने इस प्रस्ताव को निरर्थक बताया। साथ ही कहा कि यह न तो बंधकों को रिहा कराएगा और न ही क्षेत्र में शांति लाएगा। उन्होंने कहा कि हमास के खिलाफ लड़ाई और अपने नागरिकों की सुरक्षा इस्राइल की प्राथमिकता रहेगी, चाहे सुरक्षा परिषद आतंकवाद के मुद्दे पर अपनी आंखें ही क्यों ना मूंद ले।
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अमेरिका में बदल रहे लोगों के विचार
हालांकि इन सबके बीच एक चौंकाने वाला रिपोर्ट सामने आया है। इसके तहत हाल ही में एक सर्वे में सामने आया कि करीब आधे अमेरिकी नागरिकों का मानना है कि इस्राइल की सैन्य कार्रवाई बहुत ज्यादा हो गई है। नवंबर 2023 में यह आंकड़ा 40% था, जो अब बढ़ गया है। दूसरी ओर अब पहले के मुकाबले कम अमेरिकी चाहते हैं कि अमेरिका गाजा में युद्धविराम के लिए सक्रियता से बातचीत करे।
गाजा में भुखमरी को लेकर प्रस्ताव में चिंता
प्रस्ताव में एक बार फिर गाजा में भुखमरी को लेकर चिंता जताई गई। प्रस्ताव में कहा गया कि गाजा में भूखमरी तेजी से फैल रही है और अगर युद्धविराम और राहत सामग्री पर लगी रोक नहीं हटाई गई, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। इसको लेकर हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया कि गाजा सिटी भुखमरी की चपेट में है।
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इस्राइल ने गाजा सिटी में शुरू किया सैन्य अभियान
देखा जाए तो इन सबके बावजूद इस्राइल का गाजा पर हमला कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इस्राइल ने मंगलवार को गाजा सिटी में नया जमीनी सैन्य अभियान शुरू किया है। इस्राइल सेना का कहना है कि उसका लक्ष्य हमास की सैन्य ताकत को खत्म करना है। हालांकि, यह अभियान कितने समय चलेगा, इसकी कोई तय समयसीमा नहीं बताई गई है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में गाजा में नरसंहार के आरोप
गौरतलब है कि इसी सप्ताह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की ओर से नियुक्त स्वतंत्र विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट में इस्राइल पर गाजा में नरसंहार करने का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसे रोकने और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की गई है।