Gaza Crisis: फलस्तीनी लोगों की मदद के लिए गाजा आ रहे 'फ्लोटिला' को इस्राइली सेना ने रोका, टकराव की आशंका बढ़ी
गाजा में मानवता के लिए निकली ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला को इस्राइली नौसेना ने बुधवार को घेर लिया। 50 जहाजों और 500 कार्यकर्ताओं वाला यह बेड़ा भोजन व दवाइयां लेकर गाज़ा जा रहा है। ग्रेटा थनबर्ग और मंडला मंडेला जैसे हस्तियों की मौजूदगी के बावजूद इस्राइल ने संचार जाम करने की धमकी से डराने की कोशिश की।
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इस्राइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के चलते गाजा की स्थिति दिन-प्रतिदिन और भयावह होती जा रही है। ऐसे में गाजा में लोगों की मदद के लिए जा रही ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला नामक एक जहाजों के बेड़ा को इस्राइली नौसेना ने बुधवार को रोकने की कोशिश की। इस फ्लीट में करीब 50 छोटे जहाज़ और 500 के आसपास कार्यकर्ता शामिल हैं, जो भोजन और दवाइयों की सहायता गाजा के लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं। बता दें कि इस बेड़ा में कई जाने-माने लोग शामिल हैं, जिसमें पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के पोते मंडला मंडेला और कई यूरोपीय सांसद।
जानें बेड़ा को इस्राइली सेना ने कैसे रोका?
बता दें कि यह दल गाजा पर लगे इजरायली नाकेबंदी को तोड़ने और फलस्तीनियों तक मानवीय मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। अमेरिकी पूर्व सैनिक ग्रेग स्टोकर ने बताया कि करीब 12 इस्राइली नौसेना के जहाज, जिनके ट्रांसपोंडर बंद थे, उनके पास आए और कहा कि इंजन बंद कर दें, अन्यथा नाव जब्त कर ली जाएगी और उन्हें परिणाम भुगतने होंगे।
इस्राइली विदेश मंत्रालय ने कहा कि नौसेना ने दल को रास्ता बदलने को कहा और चेतावनी दी कि वे एक सक्रिय युद्ध क्षेत्र के करीब हैं। उन्होंने मदद को अन्य सुरक्षित रास्तों से गाजा पहुंचाने की पेशकश भी दोहराई। इससे पहले रात के समय दो युद्धपोतों ने दो जहाजों को घेर लिया और उनके संचार उपकरणों (कैमरा, रेडियो आदि) को जाम करने की कोशिश की। एक कार्यकर्ता लिसी प्रोएंसा ने बताया ये सब डराने की रणनीति थी। वो हमें दिखाना चाहते थे कि वो हमें देख रहे हैं।
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इसके कुछ समय बाद इस्राइली जहाज पीछे हट गए और ग्लोबल सुमुद फ्लोटिला ने अपना सफर जारी रखा। बुधवार दोपहर तक बेड़ा मिस्र के उत्तर में अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में थी और खतरनाक क्षेत्र में प्रवेश कर चुकी थी, जहां पहले भी इस्राइली ने बेड़ा को रोका है।
गुरुवार तक पहुंच सकते है गाजा, लेकिन कैसे?
हालांकि कार्यकर्ताओं का कहना है कि वो इस्राइली नौसेना का सामना करने के लिए तैयार है। साथ ही उनका ये भी मानना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो वे गुरुवार सुबह तक गाजा तट तक पहुंच सकते हैं। लेकिन उन्होंने यह भी माना कि इस्राइली सेना उन्हें रोक सकती है, जैसा कि पहले भी हो चुका है। बेड़ा के प्रमुख थियागो अविला ने कहा कि हम हर मिनट थोड़ा और आगे बढ़ रहे हैं।
जहाजों पर लगे कैमरों से लाइव प्रसारण हो रहा था, जिनमें कार्यकर्ता फ्री फलस्तीन के नारे लगाते और गाजा के लोगों के लिए एकजुटता दिखाते नजर आए। वहीं कुछ जहाजों पर संगीत भी बज रहा था और माहौल थोड़ा सहज दिख रहा था।
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क्या रही यूरोपीय देशों की भूमिका?
गौरतलब है ति स्पेन और इटली जैसे यूरोपीय देशों ने पहले इस बेड़ा को अपनी नौसेना की सुरक्षा दी थी। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि यह फ्लीट अमेरिका द्वारा प्रस्तावित गाजा शांति योजना को नुकसान पहुंचा सकती है। वहीं स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ ने फ्लीट का समर्थन किया और कहा कि अगर इस्राइली ने सहायता सामग्री पहुंचाने दी होती तो इस मिशन की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने यह भी कहा कि स्पेन के नागरिकों को पूरा राजनयिक संरक्षण मिलेगा।